गंदे और खुले पानी पीने को मजबूर है हलिया के बेलाही गांव डूडिया के लोग
एक छोटे से झरने के पानी को ले जाने के लिए पूरे गांव जुटते है,भीड़ अधिक होने की वजह से आए दिन पानी को लेकर लड़ाई होती रहती है।
हर घर नल जल की योजना कोई अता पता ही नहीं
रिपोर्ट _ राम त्रिपाठी
स्वतंत्र प्रभात,लालगंज, मीरजापुर
मीरजापुर। नेता कहते हैं कि "विकास के बयान बह रहा है" लेकिन वास्तविकता यह है कि मिर्जापुर जिले के हलिया विकासखंड अंतर्गत आने वाले बेलाही गांव के डुडिया क्षेत्र में ना तो पेयजल की व्यवस्था है ,ना ही सड़क की व्यवस्था है और ना ही बिजली की व्यवस्था है। ,बिजली के पोल तक नहीं पहुंच पाए हैं, पानी के लिए पाइपलाइन नहीं पहुंच पाया है और सड़क भी नहीं है। बारिश के समय में लोग घरों से बाहर नहीं निकलते हैं ,गर्मी में एक-एक बूंद पानी को तरस जाते हैं एवं बिजली की व्यवस्था नहीं है। जहां एक तरफ सरकार है दावा करती हैं वहीं दूसरी तरफ आईना साफ-साफ दिखाई दे रही है।
पानी के लिए होती है झड़प मारपीट और दर्ज होते है मुकदमे
स्थानीय लोगों से बातचीत करने पर पता चला कि मई जून के महीने में यहां पानी मिलता ही नहीं है फिर शुरू होता है संघर्ष की कहानी , पानी के लिए मारपीट , मुक़दमा तक हो जाता है और एक दूसरे के जान पर आमादा हो जाते हैं ,वहीं सड़क न होने की वजह से यहां समुचित विकास नहीं हो पा रहा है ,विकास इतना बाधित है कि क्षेत्र में कोई इंटर कॉलेज तक नहीं है जिससे बच्चों की शिक्षा, चिकित्सा प्रभावित है ऐसे में मिर्जापुर के नेताओं को ढकोसला नहीं फैलाना चाहिए कि मिर्जापुर में विकास हो रहा है,
4 दर्जन घर 4 हज़ार लोग
शिक्षा ,चिकित्सा ,पेयजल से दूर
शिक्षा, चिकित्सा एवं पेयजल व्यवस्था तथा बिजली की बात करें तो यहां पर सब शून्य है
21वीं सदी के भारत में लगभग 4 दर्जन घर एवं तीन से चार हजार जनसंख्या जूझ रही है या यूं कहें कि *जिंदगी जबरदस्ती जी रही है ऐसे में स्थानीय नेताओं अधिकारियों की जिम्मेदारी कहां तक है यह भी सवालों के घेरे में है ।
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