सोशल मीडिया बना चुनावी हथियार, वाररुम तैयार 

सोशल मीडिया बना चुनावी हथियार, वाररुम तैयार 

स्वतंत्र प्रभात 
आसन्न लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सभी दलों ने सोशल मीडिया का वार रुम तैयार कर लिया है। और एक दूसरे पर कटाक्ष को लेकर तैयार हो गये हैं। भारतीय जनता पार्टी का सोशल मीडिया वार रुम सबसे ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है। भाजपा ने अपने हर वार्ड में विशेष रूप से सोशल मीडिया प्रभारी तैयार किए हैं जो हाई कमान से आने वाले पार्टी के स्लोगन को आगे पहुंचाने का कार्य करेंगे। लेकिन चुनाव आयोग इस बार सोशल मीडिया को लेकर सख्त है। चुनाव आयोग ने सभी दलों को चेतावनी दी है कि किसी तरह की गलत टिप्पणी या अफवाह फ़ैलाने को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उसके खिलाफ कठोरतम कार्यवाही की जाएगी। फिर भी चुनाव के दौरान कटाक्ष तो चलते ही रहते हैं। लेकिन राजनीतिक दलों को भी मर्यादित रहना होगा। क्यों कि कभी कभी अफवाह ऐसा रुप धारण कर लेती है जिसको रोक पाना मुश्किल होता है। राजनीतिक दलों को अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा।
भारतीय जनता पार्टी ने आई टी क्षेत्र के दस हजार युवाओं को सोशल मीडिया सम्हालने को उतार दिया है। भारतीय जनता पार्टी की सोशल मीडिया टीम विपक्ष की हर बात का जवाब और भजपा सरकार की जन हितकारी नीतियों को जनता तक पहुंचाने के लिए तैयार है। लोकसभा चुनाव की तैयारियों को सोशल मीडिया और आईटी के माध्यम से धार देने का काम भारतीय जनता पार्टी के प्रभारियों ने करना शुरू कर दिया है। राज्य मुख्यालय पर आईटी और सोशल मीडिया का वार रुम सक्रिय हो रहा है। उत्तर प्रदेश में इनके जरिए जनता के बीच भारतीय जनता पार्टी को पहुंचाने के लिए करीब दस हजार लोगों की टीम तैयार की गई है। सोशल मीडिया भारतीय जनता पार्टी के ऐजेंडे को जन जन तक पहुचाने का काम करेगा।
 
 भारतीय जनता पार्टी द्वारा अयोध्या में श्रीराम मंदिर, हिंदुत्व के मुद्दे और सनातन धर्म को बढ़ावा देने संबंधी, वीडियो क्लिप तैयार हो चुके हैं जिनको बस जन जन तक पहुंचाना है। इसके लिए हर बूथ पर व्हाट्स एप ग्रुप तैयार कर लिए गए हैं। इस ग्रुप से बूथ के वोटरों को जोड़ा जाएगा। इन ग्रुपों पर समय-समय पर चुनाव, प्रत्याशी और सरकार की उपलब्धियों से संबंधित पोस्ट और संदेश डाले जाएंगे। भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारकों की वीडियो क्लिप भी तैयार करके डाली जाएंगी। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। पुराने और नये संबोधनों को निकाल कर उनकी क्लिप तैयार की जा रही हैं। एक तरह से जो लोग जनसभाओं में नहीं पहुंच पाते हैं उन तक स्टार प्रचारकों के संदेशों को पहुंचाया जाएगा। वैसे भी भारतीय जनता पार्टी सोशल मीडिया का प्रयोग बहुत ही प्रभावी तरीके से करती आई है।
 
इधर समाजवादी पार्टी ने भी अपनी सोशल मीडिया टीम का कुनबा बढ़ाया है और वह भारतीय जनता पार्टी की हर बात का जबाब देने की तैयारी कर रहा है। कांग्रेस पार्टी और समाजवादी पार्टी एक तरह से संयुक्त क्लिप तैयार कर रही है जिससे मतदाताओं के बीच इनके गठबंधन की बात पहुंचे। सोशल मीडिया के माध्यम से इस बार सपा की तैयारी बहुत तेज हो रही है इसके माध्यम से सारे हथकंडे व दांव-पेंच के जरिए सपा विरोधियों को जबाब देना चाहती है। लोकसभा चुनाव के टिकट तय होने लगे हैं और मुद्दे भी सामने आने लगे हैं और सोशल मीडिया पर इसको लेकर एक दूसरे को घेरने की तैयारी शुरू हो चुकी है। चुनाव का एलान होते ही दोनों ओर से अभियान अपने तेवर व आक्रामकता दोनों तेज होते दिख रहे हैं। फेसबुक, व्हाट्स एप ग्रुप, एक्स और इंस्टाग्राम पर पूरी तरह से तैयारी पूरी कर ली गई है। सपा और कांग्रेस आरोप लगा रही है कि भारतीय जनता पार्टी धर्म की राजनीति कर रही है और देश को तोड़ने का काम कर रही है वहीं भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि वह किसी के साथ गलत नहीं कर रही है लेकिन सभी सनातनी को एक जुट रहना चाहिए।
 
कांग्रेस पार्टी ने भी अपना वार रुम तैयार कर लिया है, चूंकि अभी कई जगहों पर प्रत्याशी घोषित नहीं हो पाने के कारण कुछ रुकावट है लेकिन उनके फेसबुक और व्हाट्स एप ग्रुप पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी पर हावी हो रहे हैं।‌ कांग्रेस अपनी मोहब्बत की दुकान और देश जोड़ने के नारे को बुलंद कर रही है और वहां भारतीय जनता पार्टी की गलतियों को डूंड डूंड कर निकाला जा रहा है और जनता तक पहुंचाया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी के कई ग्रुप प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के नाम से चल रहे हैं जिनमें अगले पीएम के रूप में राहुल गांधी को दिखाया जा रहा है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को भी प्रमुखता से दिखाया जा रहा है। और जो क्लिप उसमें सर्वाधिक लोकप्रिय हो रहे हैं उनपर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कांग्रेस के ग्रुप द्वारा पुराने कांग्रेसी नेता जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की क्लिप को भी दिखाया जा रहा है।
 
इधर बहुजन समाज पार्टी भी पीछे नहीं है वह दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को लेकर नारे बुलंद कर रही है और यह दिखाया जा रहा है कि इन वर्गों के साथ अन्याय हुआ है और अब इन सबको मिलकर एक होना चाहिए। दलितों को लेकर एक विशेष वार रूम गठित किया गया है जो बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर और कांशीराम के विचारों को जन जन तक पहुंचाने का काम कर रहा है। वैसे भी दलितों का एक बहुत बड़ा हिस्सा तो बहुजन समाज पार्टी के साथ ही रहता है लेकिन फिर भी चुनाव में कुछ भी हो सकता है इसलिए सोशल मीडिया की माध्यम से दलितों में यह बात कूट कूट कर भरी जा रही है कि अन्य पार्टियां केवल दिखावा करतीं हैं और दलितों की सबसे हितैषी पार्टी बहुजन समाज पार्टी ही है जो हर समय उसके साथ खड़ी है। चूंकि मायावती स्वयं दलित समाज से आती हैं तो दलितों को भी मायावती पर ही अधिक विश्वास रहता है। बसपा दिखाना चाहती है कि अन्य सरकारों ने दलितों का केवल स्तेमाल किया है।
 
आम आदमी पार्टी का हालांकि उत्तर प्रदेश में कोई ज्यादा प्रभाव नहीं है लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर वह सोशल मीडिया पर बहुत मजबूत नजर आती है और भारतीय जनता पार्टी की एक एक कमियों को ढूंढ कर निकाल लाती है और जनता के समक्ष रखती है। भारतीय जनता पार्टी के बाद अगर कोई पार्टी सोशल मीडिया पर मजबूत है तो वह आम आदमी पार्टी ही है। लेकिन उनके कई वरिष्ठ नेताओं के जेल चले जाने से पार्टी में कुछ प्रभाव जरुर दिखाई दे रहा है। जितनी आक्रामकता आम आदमी पार्टी में पहले दिखाई देती थी अब नहीं दिखाई दे रही है लेकिन उनकी सोशल मीडिया टीम बहुत ही मजबूत मानी जाती है। आम आदमी पार्टी हर मामले में भाजपा सरकार को घेरती दिखाई देती है।
 
जितेन्द्र सिंह पत्रकार
 

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