गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में मिस्र के राष्ट्रपति आएंगे भारत
स्वतंत्र प्रभात।
इस बार गणतंत्र दिवस पर मिस्र के राष्ट्रपति बतौर मुख्यातिथि आंएंगे। कट्टर मुस्लिम देश से राष्ट्रपति का इस खास मोके पर भारत आना दोनों देशों के संबंधों में और मजबूती का संकेत है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मिस्र के राष्ट्रपति अब्दल फतह अल सीसी अगले हफ्ते भारत पहुंचेंगे। जानकारों के अनुसार दोनों देश काउंटर टेररिज्म के मसले पर साथ में मिलकर काम कर रहे हैं। यह अल सीसी की तीसरी भारत यात्रा है। वह साल 2014 में देश के राष्ट्रपति बने थे। आखिरी बार सितंबर 2016 में वह भारत आए थे। इससे पहले अक्टूबर 2015 में उन्होंने यहां पर तीसरे भारत-अफ्रीका सम्मेलन में हिस्सा लिया था।
भारत के लिए भी यह पांचवां मौका है जब उसने पश्चिमी एशिया या फिर सहारा अफ्रीका के किसी देश को गणतंत्र दिवस परेड के लिए आयोजित किया है। साल 2001 में अल्जीरिया, 2003 में ईरान, 2006 में सऊदी अरब और साल 2017 में यूएई इस मौके के गवाह बने थे। मिस्र को इस्लामिक देशों की एक प्रभावशाली आवाज माना जाता है। कई बार इस देश ने आतंकवाद की कड़ी निंदा भी की है। साथ ही मिस्र वह देश है जिसने ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन में पाकिस्तान की नीतियों का हर बार विरोध किया है। ऐसे में सीसी का यह दौरा काउंटर-टेररिज्म को लेकर भारत के लिए कारगर साबित हो सकता है।
उनके दौरे पर करीब से नजर रखने वाले विदेश मामलों के जानकारों की मानें तो सीसी की नजर इस दौरान भारत के साथ कृषि और रक्षा संबंधों को मजबूत करने पर होगी। वह चाहते हैं कि भारत और मिस्र के रिश्ते और मजबूत हों और इसी सिलसिले में वह इन दोनों क्षेत्रों में अहम समझौतों को अंजाम देना चाहेंगे। यह पहला मौका है जब मिस्र के राष्ट्रपति भारत के गणतंत्र दिवस में शामिल हो रहे हैं। सीसी 24 जनवरी को भारत पहुंचेंगे। उनके आधिकारिक कार्यक्रमों का आगाज 25 जनवरी से होगा और यहां पर राष्ट्रपति भवन में उनका स्वागत किया जाएगा। भारत और मिस्र के संबंधों में कृषि का सबसे बड़ा योगदान है।
पिछले साल पहली बार था जब भारत ने मिस्र को गेहूं का रेकॉर्ड निर्यात किया था। भारत की तरफ से देश को 61000 टन गेहूं मिस्र को भेजा गया था। मई 2022 में इसकी पहली खेप देश को मिली थी। इससे पहले मिस्र ने भारतीय गेहूं को प्रतिबंधित कर दिया था। लेकिन रूस-यूक्रेन जंग की वजह से देश को जब गेहूं की कमी से जूझना पड़ा तो इस प्रतिबंध को हटा दिया गया। कृषि के अलावा मिस्र भारत के साथ रक्षा संबंधों को भी मजबूत बनाने का इच्छुक है। मिस्र ने भारत के पहले स्वदेशी फाइटर जेट एलसीए तेजस के अलावा रडार टेक्नोलॉजी, मिसाइल टेक्नोलॉजी जैसे कि आकाश मिसाइल डिफेंस सिस्टम और डिफेंस रिसर्च डिजाइन ऑर्गनाइजेशन (DRDO) के बने स्मार्ट एंटी-एयरफिल्ड वेपन (SAAW) में भी रूचि दिखाई है। मिस्र को फरवरी में बेंगलुरु में होने वाले एयरो-इंडिया के लिए भी आमंत्रित किया गया है।
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