वैज्ञानिक सोच एवम नवप्रवर्तन की प्रवृति  विकसित करने हेतु बाल वैज्ञानिको के बीच आयोजित हुई तोड़ फोड़ जोड़ कार्यक्रम

वैज्ञानिक सोच एवम नवप्रवर्तन की प्रवृति  विकसित करने हेतु बाल वैज्ञानिको के बीच आयोजित हुई तोड़ फोड़ जोड़ कार्यक्रम

स्वतंत्र प्रभात 

अदलहाट मिर्जापुर- ज्ञान एवम प्रौद्योगिकी परिषद उत्तरप्रदेश द्वारा संचालित जिला विज्ञान क्लब मिर्ज़ापुर के तत्वाधान में अदलहाट स्थित विद्या संस्कार पब्लिक स्कूल कौड़िया कलां अदलहाट में वैज्ञानिक सोच विकसित करने हेतु तोड़ फोड़ जोड़ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम में अहरौरा एवं आस पास के 10 विद्यालयों के 406 बाल वैज्ञानिको ने प्रतिभगिता किया।

इस कार्यक्रम का उदघाटन कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर जे पी रॉय ,डॉक्टर यस के गोयल,विद्यालय के प्रबंधक डॉक्टर नागेंद्र द्विवेदी एवम जिला समन्यवक सुशील कुमार पांडेय ने विज्ञान दीप जलाकर किया। कार्यक्रम में विशेषज्ञ के रूप में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक डॉक्टर जे पी रॉय,डॉक्टर यस के गोयल, संजय श्रीवास्तव, सोमेश मिश्र ने नवप्रवर्तन के बारे में जानकरी दी  कार्यक्रम में जिला विज्ञान क्लब समन्यवक सुशील कुमार पांडेय ने विज्ञान एवम प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा चलाये जाने वाले कार्यक्रमो के बारे मे जानकारी  के साथ इंस्पायर्ड कार्यक्रम,किशोर वैज्ञानिक योजना ,राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने वाले एवम नवप्रवर्तन का दृष्टि कोण विकसित करने के बारे में बताया।जिला समन्यवक ने कहा कि बच्चों में बचपन से ही वैज्ञनिक दृष्टि कोण पैदा करना ही इस कर्यक्रम का उद्देश्य है।

यह कार्यक्रम निश्चित ही बौद्धिक विकास के साथ वैज्ञानिक सिद्धान्तों की जानकारी मिल सकेगीं। बच्चे सिद्धान्तों के साथ प्रायोगिक होंगे जिसकी आज आवश्यकता है। विशेषज्ञ डॉक्टर जे पी रॉय ने अपने उदबोधन में कहा कि बच्चों  से कहा कि विज्ञान में क्या ,क्यो और कैसे तीनो का विशेष महत्व है।यदि हम फील्ड में उतर कर प्रायोगिक एवम व्यवहारिक नही होगे तो कैसे की समस्या दूर नही हो पाएगी।इस संदर्भ में यह कार्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण है। समाज मे विज्ञान शिक्षकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है वे बच्चो में वैज्ञानिक संचेतना विकसित कर सकते है। कृषिअभियंत्रिकी वैज्ञानिक डॉक्टर यस के गोयल ने कहा कि विज्ञान को सीखने के लिए वैज्ञानिक  सोच होना जरूरी है।

सुई बनाने वाले कि वैज्ञानिक सोच क्या रही होगी जिससे सभी लोग सिले हुए कपड़े पहन रहे है।यह कार्यक्रम इसी सोच पर आधरित है। सत्य नारायण प्रसाद ने कहा कि हमे घर के आस पास होने वाली प्रकृति की हर घटना में विज्ञान छिपा है वही से वैज्ञानिक सोच शुरू होती है।
डॉक्टर नागेंद्र द्विवेदी ने सिलाई मशीन में धागा डालने के नवप्रवर्तन के बारे में बताया ।उन्होंने कहा कि हमे नई चीजों के बनाने एवम उनके सिद्धान्त के बारे में जानकारी होनी चाहिए।इस कार्यक्रम में बच्चो ने विज्ञान क्लब द्वारा दिये गए उपकरणों एवम अपने साथ लाये गए उपकरणो को तोड़ फोड़ कर जोड़ने का प्रक्रम किया जिसमें आरओ मशीन ,फ़िल्टर पंप, पजल, रोबोटिक हैंड, साइकिल हैंडल,पोटैटो कैनन, आदि मशीनों को तोड़ा एवम जोड़ा। विशेषज्ञों की टीम ने सभी बच्चो के प्रोजेक्ट का मूल्यांकन डॉ यस के गोयल, डॉक्टर जे पी रॉय,सत्य नारायण प्रसाद ने किया।

इस कार्यक्रम में प्रथम पुरस्कार के लिए शिवंम पटेल ,अमन यादव,सादाब अली, वैभव केसरी ।द्वितीय में आराध्या,रमेश कुमार,अनुपम वर्मा,नैतिक ।। तृतीय ऋतु पटेल,सुहानी सिंह,नागेंद्रमौर्य,सुहानी पटेल एवम अभिषेक पटेल घोषित किये गए समापन सत्र में सभी प्रतिभगियों अथितियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किये गए।आलोक कुमार सिंह उप प्रधानाचार्य ने धन्य बाद ज्ञापित किया।इस कार्यक्रम में आर्यन प्रसाद,प्रिन्सेकुमार,रोहित मौर्य,सोमेश मिश्र,यथार्थ पांडेय ओनम सिंह ने सहयोग प्रदान किया। विद्यालय के प्रबंधक नागेंद्र द्विवेदी ने सबका स्वागत किया।

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