बंदरों का आतंक बिराहिमपुर में झुंड में ग्रामीणों पर किया हमला एक घायल।

बंदरों का आतंक बिराहिमपुर में झुंड में ग्रामीणों पर किया हमला एक घायल।

आस पास के कई गांवों में बंदरों से परेशान लोग बच्चे महिलाएं घरों में परेशान


स्वतंत्र प्रभात 
 

हरदोई-कोथावां-

जसविंदर कौर- गौरी कोथावां के मजरा बिराहिमपुर में उस समय दहशत मच गई जब बंदरो के झुंड ने कई ग्रामीणों पर हमला बोल दिया लोग जैसे तैसे घरों में भागकर महिलाओं बच्चों ने जान बचाई मगर बुजुर्ग सेवानिवृत्त शिक्षक सतनू लाल को एक बंदर ने पीठ पर बुरी तरह काट लिया जिसकी सूचना

 तुरंत अधीक्षक डॉ विपुल वर्मा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोथावां को दी गई मगर वह मौजूद नहीं थे फोन पर उन्होंने इलाज बताया मगर 5 से कम लोग होने पर इंजेक्शन लगाने में असमर्थता जाहिर की उन्होंने मंगलवार को इंजेक्शन लगाने के लिए कहा।

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बंदरों के आतंक से कोथावां के ज्यादातर गांव के लोग परेशान हैं मगर शासन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा। 

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 कोथावां के भैंनगांव, मुन्नालालखेड़ा, पुरवा बाजीराव, कोथावां, मरेउरा आदि समेत दर्जनों गांवों में लोग अपने घरों में रहकर भी सुरक्षित महसूस नहीं करते माधुरी समेत कई महिलाओं ने बताया कि जैसे तैसे डंडा लेकर खाना बना लेते हैं मगर जरा भी ध्यान भटके तो बंदर रोटियां उठा ले जाते हैं एक दो बंदर हों तो भगाने में कोई समस्या नहीं मगर झुंड में बंदरों को भगाना खतरे से खाली नहीं होता।

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 भगवानदीन व ग्रामीणों ने बताया कि बंदरों के आतंक के चलते हम लोग खेती किसानी भी नहीं कर पा रहे जिससे पपीता केला सब्जियों आदि का व्यवसाय में उपयोगी फसलें भी ज्यादातर किसान नहीं बो पाते। 

पंचायत चुनाव से पहले कुछ प्रत्याशियों ने बंदरो को गाड़ियों में भरकर अन्यत्र कहीं दूर छुड़वाए जाने का प्रयास किया 


भी तो नियम कानून के चलते वह भी सम्भव ना हो सका जिससे ग्रामीणों द्वारा इन्हें दूर खदेड़ने में भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। दर्जनों गांवों के सैकड़ों गरीब किसानों महिलाओं ने बंदरों के आतंक से निजात दिलवाये जाने की अपील शासन प्रशासन से की है।

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