भदोही में अपनी बात मनवाने का 'सहारा' बनी पानी की टंकियां।
आर्थिक तंगी से परेशान होकर जल विभाग का कर्मचारी आत्महत्या करने के लिए चढ़ा पानी की टंकी पर ।
स्वतंत्र प्रभात
संतोष तिवारी
भदोही। भले ही हर बैठक में जिले के आला अधिकारी अपने मातहतों को हर मामले को त्वरित निस्तारण करने का निर्देश देते है लेकिन यह निर्देश केवल मीडिया व अखबारों तक ही सीमित रहती है और मनमानी व लापरवाही का खेल होता ही रहता है।
तथा पीडित और परेशान व्यक्ति संबन्धित विभागों में चक्कर लगाते लगाते थक जाता है। और जब किसी भी तरह की सुनवाई न होते देख पीडित व परेशान व्यक्ति कुछ ऐसा फैसला लेता है जो सही नही होता है इससे समाज में एक गलत संदेश जाता है लेकिन इस तरह के फैसले से जिला प्रशासन और सम्बन्धित विभाग की नींद खुल जाती है और आनन फानन पीड़ित व्यक्ति की बात मानने की बात कही जाती है।
भदोही जिले में दर्जन भर से ज्यादा ऐसे मामले देखे गये है जहां लोग अपनी बात प्रशासन के जिम्मेदार तक पहुंचाने के लिए पानी की टंकी अथवा हाईटेंशन तार के खम्भों पर चढकर आत्महत्या करने की धमकी देते है। और इस तरह के मामले की जानकारी होते ही जिला प्रशासन और सम्बन्धित विभाग के लोगों के कान खड़े हो जाते है। और आनन फानन प्रशासन के आला अधिकारी पीड़ित की बात को मानने की बात कह कर टंकी या खम्भे से नीचे उतारते है।
कुछ मामलों में प्रशासन के तरफ से ऐसे लोगों पर कार्यवाही होती है। बेशक इस तरह का तरीका किसी भी रूप से सही नही है। आत्महत्या की धमकी देकर प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाना इस समय भदोही में 'ट्रैंड' बन गया है और पानी की टंकियां और खम्भे अपनी बात मनाने का 'सहारा' बन गई है। अभी गोपीगंज थाना क्षेत्र के कसिदहां में एक महिला पानी की टंकी पर चढ गई थी पुलिस के लोगो ने
उसे किसी तरह नीचे उतारा और मंगलवार को सुरियावां थाना क्षेत्र के भोरी गांव में भी लालचंद नामक जो मलेपुर का निवासी है और भोरी गांव में स्थित पानी की टंकी पर फिडर के रूप में बीते चार साल से अधिक दिनों कार्यरत है।
लालचन्द का आरोप है कि जब से वह नौकरी कर रहा है उसे एक भी रूपया वेतन के रूप में नही मिला। इसलिए लालचंद ने अपनी बात मनवाने के लिए पानी की टंकी पर चढ गया। इसी तरह के कई मामले भदोही जिले में आये दिन देखने को मिलते है जहां अपनी बात मनवाने के लिए पानी की टंकी या बिजली के हाइटेंशन के खम्भे का सहारा लेते है।
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