स्थायित्व एवं सुजलाम अभियान से होगा गंदले पानी की समस्या का समाधान : राजीव कुमार शर्मा

स्थायित्व एवं सुजलाम अभियान से होगा गंदले पानी की समस्या का समाधान : राजीव कुमार शर्मा

स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के अन्तर्गत गांव दादूपुर में ग्रामीणों को किया गया ठोस कचरा प्रबन्धन व गंदले जल के प्रति जागरूक |  


स्वतंत्र प्रभात 




करनाल 26 सितम्बर  जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव के निर्देशानुसार व सीईओ जिला परिषद करनाल के सफल मार्ग दर्शन में जिला में ग्रामीण क्षेत्र में 'आजादी का अमृत महोत्सव' के अन्तर्गत 100 दिवसीय स्थायित्व एवं सुजलाम अभियान के तहत गांव दादूपुर रोडान में स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के सहायक समन्वयक तकनीकी राजीव कुमार शर्मा ने मुख्या वक्ता के रूप में शिरकत की |


राजीव कुमार शर्मा ने स्थायित्व एवं सुजलाम अभियान का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण परिवेश में गंदला जल का प्रबन्धन सोख्ता गड्ढों के माध्यम से करना एवं खुले में शौच मुक्ति के स्तर को स्थायित्व प्रदान करना हैं |


राजीव कुमार शर्मा ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण द्वारा ग्रामीण परिक्षेत्र में गंदले जल का प्रबन्धन केवल सोख्ता गड्ढों से करना सबसे ज्यादा कारगर है | सोख्ता गड्ढा एक एेसी विधि है जिसे घरेलू स्तर एवं सामुदायिक स्तर पर निर्माण कर गंदला जल का प्रबन्धन तो किया ही जा सकता है उसके साथ भूमिगत जल के स्तर को भी बढा़ने में भी मिल का पत्थर साबित होता हैं | उन्होंने बताया कि यह जहां नालियां इत्यादि नही बनी हुई है या डेरों पर जहां दो तीन घर है वहां यह काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं | सबसे बडी़ बात यह काफी सस्ता और टिकाऊ भी हैं |


राजीव कुमार शर्मा ने ग्रामीणों से बातचीत करते हुए कहा कि स्वच्छता को हमें प्राथमिकता से लेना होगा | हमें स्वच्छता अपने व्यवहार में लानी होगी | तभी हम जीवन जीने का सही सलीखा सीख पायेंगें | ग्रामीण परिक्षेत्र को ओडीएफ से ओडीएफ प्लस की ओर ले जाने के लिए आज ठोस कचरा प्रबन्धन गांव के समक्ष एक बडी़ चुनौती है | यदि ठोस कचरे का सही निपटान हो तभी काफी हद तक समस्या हल हो सकती हैं | उसके लिए हमारे ग्रामीणों को थोडा़ सा जागरूक होना होगा |

उन्हें अपने अपने घरों में गलनशील कचरे व अगलनशील कचरे को रखने के लिए अलग-अलग कूडे़दान लगाने  होंगें | लोगों को ये समझना होगा कि गलनशील कूड़े से हम किस प्रकार ऊतम जैविक खाद प्राप्त कर सकते हैं | जो कि सस्ती और टिकाऊ भी है | जिसको हम अपने बगीचे में या खाली पड़ी जगह मे डाल कर ऊतम व जैविक फल और सब्जियां प्राप्त कर सकते हैं | गाँव में सबसे बडी समस्या है अगलनशील कचरा जिसमें विशेषकर पॉलिथीन व प्लास्टिक वेस्ट |

इनके निपटान के लिए ग्रामीणों को अपने घर पुराने कट्टे में यह इक्ट्ठा करना होगा पॉलिथीन विश्व के समक्ष एक बडी़ चुनौती हैं | इसके लिए हमें अपने दृष्टिकोण को बदलना होगा | पॉलिथीन पूरी दुनिया के लिए एक अभिशाप के समान हैं | यह ना तो गलता हैं और न ही सड़ सकता है | सैंकड़ों सालों बाद भी उसी हालत में रहता हैं | आज फैशन के दौर में हम पूरी तरह से इस पर निर्भर हो गये हैं | सब हमारे जीवन में रच -बस गया हैं | हम इसके उपयोग को छोड़ नहीं पा रहे हैं जबकि हमें पता हैं कि यह मानव जाति के लिए कितना हानिकारक पदार्थ है |  


सहायक समन्वयक तकनीकी राजीव कुमार शर्मा ने कहा कि हम सब को राष्ट्र हित में अपनी जिम्मेदारी समझकर एकजुट प्रयास करते हुए अपने गाँव को कचरा मुक्त बनाने का सार्थक पहल करनी होगी | इसमें गाँव के सभी नागरिकों का सहयोग आवश्यक हैं | हमें अपनी शान अपने गाँव को मानना होगा |


इस अवसर पर सक्षम युवा मनोज  कुमार, सुषमा सैन, रीना रानी, सीमा, मोनिका, निशा देवी, मुकेश , पूजा रानी, अमित कुमार, नीलम शर्मा ,शिल्पा , अनुराधा, ममता देवी, रकम सिंह, बलबीर इत्यादि मौजूद रहें |
 

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