विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सम्पन्न

विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सम्पन्न

उ.प्र.राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2021-22 के अनुपालन में पद्म नारायण मिश्रजनपद न्यायाधीश जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार वृद्धाश्रम, अकबरपुर, में वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण के सम्बन्ध में प्रियंका सिंह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए जारी दिशा-निर्देशों के अन्तर्गत किया गया।


अम्बेडकर नगर। उ.प्र.राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2021-22 के अनुपालन में पद्म नारायण मिश्रजनपद न्यायाधीश जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार वृद्धाश्रम, अकबरपुर, में वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण के सम्बन्ध में प्रियंका सिंह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए जारी दिशा-निर्देशों के अन्तर्गत किया गया। इस आनलाईन विधिक साक्षरता शिविर में वृद्धाश्रम अकबरपुर से श्रीसत्यप्रकाश, प्रबन्धक द्वारा प्रतिभाग किया गया।

आनलाईन शिविर को सम्बोधित करते हुये द्वारा वृद्धाश्रम में वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण विषय पर जानकारी देते हुये बताया कि बुजुर्ग किसीभी परिवार के हो, वो गहरी जड़ होते है, जिस पर पूरा परिवार टिका होता है। जिस तरह किसी पेड़ को मजबूत होने के लिये उसका जमीन मेंगहरी जड़ होना जरूरी है, जैसे किसी घर या बिल्डिंग को ऊंचाई में पहुंचाने के लिये गहरी नींव जरूरी है, उसी तरह परिवार को फलने-फूलने वएक साथ रहने के लिये बुजुर्ग की जरूरत है। आज के समय में बुजुगों की अनदेखी की समस्या इतनी विकराल रूप धारण करती जा रही है। वैसेतो देश में बुजुर्गों की रक्षा और उन्हें अधिकार दिलवाने के लिये भारत में भी कई कानूनों का निर्माण किया गया है लेकिन आज भी उनका पालनसही तरीके से नहीं किया जाता। 

केन्द्र सरकार ने भारत में वरिष्ठ नागरिकों के आरोग्यता और कल्याण को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 1999 में वृद्ध सदस्यों के लिये राष्ट्रीय नीतितैयार की है। जिसके तहत व्यक्तियों को स्वयं के लिये तथा उनके पति या पत्नी के बुढ़ापे के लिये व्यवस्था करने के लिये प्रोत्साहित कियाजाता है और साथ ही परिवार वालों को वृद्ध सदस्यों की देखभाल करने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है।उन्होने बुजुर्गों के अधिकारों के बावतबताया कि माता पिता व वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 के तहत अभिभावक एवं वरिष्ठ नागरिक जो कि अपनेआय अथवा अपनी संपत्ति के द्वारा होने वाली आय से भरण-पोषण करने में असमर्थ हैं वे अपने व्यस्क बच्चों अथवा ऐसे संबंधितों से भरण पोषणप्राप्त करने हेतु आवेदन कर सकते हैं जिनका उनकी सम्पत्ति पर स्वामित्व है अथवा जो कि उनकी सम्पत्ति के उत्तराधिकारी हो सकते हैं। प्रत्येकवरिष्ठ नागरिक जो 60 वर्ष या उससे अधिक आयु का है वह अपने संबन्धितों से भी भरणपोषण की मांग कर सकता है जिनका उनकी सम्पत्तिपर स्वामित्तव है अथवा जो कि उनकी सम्पत्ति के उत्तराधिकारी हो सकते हैं।

Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel