कौन है 11 गोवंशीय पशुओं के मौत का जिम्मेदार ?

कौन है 11 गोवंशीय पशुओं के मौत का जिम्मेदार ?

विक्रमजोत विकास खण्ड के लखना गांव के सार्वजनिक तालाब मे दर्जनों गौवंशीय की डूबने से मौत


  • अपना पल्ला झाड किनारे हुए एसडीएम और बीडीओ
  • ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन के बाद मौके पर पहुंचे डीएम व एसपी

 बस्ती । बस्ती जिले के विक्रमजोत विकासखंड मैं गौशालाओं मर रहे हैं मवेशी योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट मे 11 गोवंशीय पशुओं की तालाब मे डूबकर मर जाना सरकार एवं जिल प्रशासन के मुंह पर तमाचा है। गोवंशीय पशुओं की देखभाल और सुरक्षा को लेकर पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते गोवंशीय पशुओं की दुर्दशा किसी से छिपी नही है। यहां सवाल यह है कि 11 गोवंशीय पशुओं के मौत का जिम्मेदार कौन है ?

विक्रमजोत विकास खण्ड के लखना गांव के सार्वजनिक तालाब मे दर्जनों गौवंशीय की डूबने से मौत हो गई। इसे लेकर ग्रामीणों में आक्रोश छा गया। इसकी सूचना अधिकारियों को दी गई, लेकिन कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया।  मौके पर समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय ‘सुदामा’ पहुंचे। उनके नेतृत्व में ग्रामीण पशुओं को तालाब से निकलवाने और तालाब की सफाई की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करने लगे। इसकी सूचना ग्राम प्रधान विजय शंकर पाठक ने ब्लाक और उच्चाधिकारियों को दी। बीडीओ अनिल कुमार यादव ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि वे चुनाव डियूटी में हैं।

 ग्रामीणों ने बताया कि ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम हर्रैया अमृतपाल कौर ने कहा कि यह बीडीओ और प्रधान की जिम्मेंदारी है उनसे बात कर लें। सीडीओ डॉ0 राजेश कुमार प्रजापति को तालाब में दर्जनों गोवंशियों के मृत उतराता मिलने की जानकारी बाद उनके द्वारा मौके पर पशु चिकित्साधिकारी और बीडीओ को भेजने की बात कही गई, लेकिन दोपहर तक कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। मौके पर पहुंचे छावनी थाने के एसएसआई श्याम मोहन त्रिपाठी और ग्राम प्रधान के नेतृत्व में ग्रामीण ट्रैक्टर और रस्सी बांस के सहारे गौवंशीय पशुओं को निकालने मे जुटे हुए है।

ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन के बाद मौके पर पहुंची एसडीएम को समाजसेवी ‘सुदामा’ ने ज्ञापन सौंपते हुए उनसे पशुओं को तालाब से निकलवाकर पोस्टमार्टम कराए जाने, मामले में  मुकदमा दर्ज कर जांच कराते हुए दोषियों को दंडित कराए जाने की मांग की ताकि भविष्य में इस तरह की घटना कारित करने के बारे में कोई सोंच न सके।
 गौवंशीय पशुओं की सामूहिक मौत मामले की जानकारी बाद डीएम सौम्या अग्रवाल, एसपी आशीष श्रीवास्तव भी लखना गाँव पहुंचे। मृत गौवंशीय का पीएम करवाकर उनको दफन करवाया। ग्रामीणों से ज्ञापन लेकर मामले की जांच शुरू कराया है। तालाब से अब तक 11 गौवंशीय बरामद किए गए हैं।

बताया जा रहा है कि दो दिन पूर्व कुछ स्थानीय लोगो ने खेतो को नुकसान से बचाने के लिए छुट्टा जानवरो को जलकुम्भी युक्त तालाब मे कूदने पर विवश कर दिया। पूरी रात जलकुम्भी मे फंस कर लगभग एक दर्जन गौवंशीय की तालाब मे डूब कर मौत हो गई। एक दिन पूर्व लखना गाँव के तालाब में गौवंशीय पशुओं के मौत की जानकारी ग्राम प्रधान ने बीडीओ अनिल यादव और एसडीएम को दिया, लेकिन मरे जानवरो को निकलवाने कोई अधिकारी कर्मचारी मौके नहीं पहुचा।

शुक्रवार को तालाब पर पहुंच कर ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन शुरू किया, इसके बाद जिम्मेदार जागे। मौके पर पहुंची पुलिस ने धरना प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों को समझाया। बीडीओ अनिल कुमार यादव, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/ एसडीएम अमृतापाल कौर ने पहुंचकर मरे हुए गौवंशीय पशुओं को जेसीबी, ट्रेक्टर से तालाब से निकलवाने के काम को तेज कराया।  डीएम, एसपी ने ग्रामीणों को तालाब की साफ सफाई कराए जाने, गौआश्रय स्थल बनवाने, दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देते हुए धरना प्रदर्शन समाप्त कराया। डीएम ने बताया कि तालाब से मिले पशुओं का पोस्टमार्टम कराया गया है। पोस्टमार्टम बाद पशुओं को दफन करा दिया गया है।

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