कमिश्नर व डीएम के आदेश को ताक पर रखते हैं उपजिलाधिकारी।

कमिश्नर व डीएम के आदेश को ताक पर रखते हैं उपजिलाधिकारी।

लेखपाल डोरे लाल भी आबादी की भूमि पर कर रहे निर्माण, क्या भू माफियाओं से नजराने में मिला था प्लाट 


  स्वतंत्र प्रभात 
 

लहरपुर सीतापुर। ज्ञात हो कि तहसील लहरपुर मुख्यालय से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम सभा रायपुर गंज के निकट हरगांव मार्ग पर आबादी की भूमि है जोकि बेशकीमती व सुरक्षित भूमि हैं। एवं सरकारी अभिलेखों में गाटा संख्या 1  रायपुरगंज में वर्ग 6-2 में दर्ज है। उपरोक्त भूमि को भूमाफियाओ द्वारा निरंतर अवैध निर्माण कर करोड़ों रुपयों का राजस्व को चूना लगा रहे हैं।

 एवं सरकार की संपत्ति पर डाका डालकर भू माफियाओं द्वारा अपनी जेबें गर्म की जा रही है। उपरोक्त वर्णित भूमि को संरक्षित करने एवं उसके रखरखाव की जिम्मेदारी तहसील प्रशासन की होती हैं तहसील प्रशासन द्वारा वर्ष 2018 से कई बार भू माफियाओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है किंतु भू माफियाओं द्वारा उक्त संबंध में कोई समुचित उत्तर तहसील प्रशासन को नहीं दिया गया है। और भू माफियाओं द्वारा आए दिन आबादी की बेशकीमती भूमि को बेचकर करोड़ों रुपए डकारे जा रहे हैं

 जिस संबंध में कमिश्नर महोदय लखनऊ मंडल लखनऊ द्वारा  जिलाधिकारी सीतापुर को आदेश जारी कर संबंधित आबादी की भूमि की भौतिक एवं अभिलेखीय स्थिति का अवलोकन कर आख्या तलब की गई थी। जिस संबंध में तत्कालीन उप जिलाधिकारी राम दरस राम द्वारा ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से निर्माण कार्य रुकवाते हुए अवैध कब्जेदारों पर कोतवाली लहरपुर  में सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।

परंतु उप जिलाधिकारी राम दरस राम के स्थानांतरण होने के उपरांत दर्ज प्राथमिकी में कार्यवाही कराने के बजाय राजस्व कर्मियों ने काफी गतिशील ढंग से उपरोक्त वर्णित आबादी भूमि को भू माफियाओं से मिलकर उसका स्वरूप बदलने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है जिससे स्पष्ट है कि जो राजस्व कर्मी काफी अरसे से लहरपुर में कुंडली मारे बैठे हैं और उनका स्थानांतरण अभी तक निश्चित अवधि बीत जाने के बाद भी नहीं हुआ है वह लोग अवश्य ही भू माफियाओं के संपर्क में है


 और जिसके चलते गाटा संख्या 1 रायपुर गंज आबादी भूमि जल्दी ही विलुप्त होती जा रही है। उक्त प्रकरण का लिखित शिकायत पत्र ग्राम प्रधान प्रेम कुमार ने कमिश्नर को सौंपा था। जिसके पश्चात कमिश्नर द्वारा वर्तमान उप जिलाधिकारी पंकज कुमार को उक्त भूमि के विषय में जांच करने के लिए भेजा तो उन्होंने टालमटोल करते हुए निर्माण कार्य  रुकवाने के बजाय सभी निर्माणकर्ताओ के बैनामा एकत्र कर ग्राम प्रधान से कहा कि यह सिविल का मामला है 

इसके लिए आपको कोर्ट में जाना होगा इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता। उपरोक्त संबंध में यदि योगी सरकार द्वारा तत्काल आवश्यक कदम न उठाए गए तो सरकारी सम्पति महज अभिलेखों में ही नजर आएगी और भौतिक रूप से वह गधे की सींग की तरह ही गायब हो जाएगी। और जिसे चिन्हित कर पाना भविष्य में कतई संभव नहीं हो पाएगा।

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