मकर संक्रांति के अवसर पर महर्षि वाल्मीकि गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की लगी भारी भीड़।

मकर संक्रांति के अवसर पर महर्षि वाल्मीकि गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की लगी भारी भीड़।

मकर संक्रांति के अवसर पर महर्षि वाल्मीकि गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की लगी भारी भीड़। विजय तिवारी (रिपोर्टर ) सीतामढ़ी भदोही । उत्तर प्रदेश के भदोही जनपद के कोइरौना कोतवाली क्षेत्र के सीतामढ़ी चौकी अंतर्गत सीतामढ़ी महर्षि वाल्मीकि गंगा घाट पर मकर संक्रांति के अवसर पर श्रद्धालुओं की गंगा स्नान एवं दान करने के लिए

मकर संक्रांति के अवसर पर महर्षि वाल्मीकि गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की लगी भारी भीड़।

विजय तिवारी (रिपोर्टर )

सीतामढ़ी भदोही  । 

उत्तर प्रदेश के भदोही  जनपद के कोइरौना कोतवाली क्षेत्र के सीतामढ़ी चौकी अंतर्गत सीतामढ़ी महर्षि वाल्मीकि गंगा  घाट पर मकर संक्रांति के अवसर पर श्रद्धालुओं की गंगा स्नान  एवं दान  करने के लिए लगी भारी भीड़।

मौसम के बदले तेवर से शहर से गांव तक जहां ठंड का कहर है। वही ठंड को मात देकर महर्षि वाल्मीकि गंगा घाट पर आज भोर से ही पतित पावनी मां गंगा कि  अविरल धारा में स्नान एवं दान करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।

मकर संक्रांति के अवसर पर महर्षि वाल्मीकि गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की लगी भारी भीड़।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सूर्य देव अपनें पुत्र शनि से मिलनें के लिए शनि के अपनें घर मकर में आते है और दो माह व्यतीत करते हैं मान्यता है कि इस दिन गंगा नदी का अवतरण हुआ था।कहा जाता है कि उत्तरायण में शरीर छोड़ने वाली आत्मायें पुनर्जन्म के चक्कर से मुक्त होकर देव लोक चली जाती हैं।

इसीलिए महाभारत काल में छह मास तक बाणों की शैया पर लेटे रहें भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने पर ही शरीर का परित्याग किया था। श्रीमद्भागवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने भी उत्तरायण के छह मास के शुभ काल में जब  सूर्य उत्तरायण होते हैं

मकर संक्रांति के अवसर पर महर्षि वाल्मीकि गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की लगी भारी भीड़।

और पृथ्वी लोक प्रकाशमान रहता है, शरीर का परित्याग करने वाले मनुष्यों का पुनर्जन्म नहीं होता और वे ब्रह्मलोक को प्राप्त होते हैं। जहां मौसम के अचानक बदलें तेवर ने  लोगों को हैरान कर रखा है। वही ठंड मौसम के बीच आज मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा स्नान करने के लिए दूर-दूर से लोग आए हुए हैं।

वहीं महर्षि वाल्मीकि गंगा घाट पर पंडितों  का भी जमावड़ा लगा हुआ है। और यहां पर जो भी श्रद्धालु गंगा स्नान करने के लिए आए हुए हैं। वे लोग गंगा स्नान करने के बाद इन पंडितों को खिचड़ी एवं  द्रव्य का दान कर रहे हैं। और यह सिलसिला सदियों से चलता आ रहा है।

लोगों का मान्यता है कि आज के दिन पंडितों को दान देने से लोग पुण्य के भागी बनते हैं। वहीं  लोक मान्यताओं के अनुसार  गंगा स्नान एवं दान पुण्य करने के लिए महिला एवं पुरुषों का आज सुबह से ही लगातार आने का सिलसिला जारी है। और गंगा घाट पर स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का ताता लगा हुआ है।

वहीं सुरक्षा की दृष्टि को देखते हुए कोइरौना कोतवाली प्रभारी खुर्शीद अंसारी ने गंगा घाट पर जाकर जायजा लिया साथ ही सीतामढ़ी चौकी इंचार्ज को निर्देशित करते हुए कहा कि आप लोग गंगा घाट पर  स्नान करने आये हुए लोगों के ऊपर कड़ी नजर बनाए रखें।

इसके साथ आप लोग यह भी देखते रहिए की कोई भी  आदमी वैरिकेटिंग के बाहर ना जाने पाए। क्योंकि वैरिकेटिंग के बाहर गहरा पानी है और गहरे पानी में जाने के कारण लोग डूब भी सकते हैं। इसलिए आप लोग इस पर विशेष कर ध्यान रखें।

और आप लोग अराजक तत्वों के ऊपर भी  नजर बनाए रखें। ताकि  गंगा स्नान करने आए हुए लोगों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े। और श्रद्धालु गंगा स्नान करने के बाद महर्षि वाल्मीकि आश्रम एवं लवकुश कुमारों की जन्मस्थली में दर्शन पूजन करने  आए हुए श्रद्धालुओं से पूरा मंदिर परिसर भरा हुआ है।

वही श्री सीता समाहित स्थल मां वैदेही  का दरबार भी सैलानियों से भरा हुआ है। और जो भी यहां पर दर्शन पूजन करने के लिए सैलानी आए हुए हैं वे लोग माँ  वैदेही का दर्शन पूजन करने के बाद हनुमान मंदिर का भी दर्शन पूजन करते हैं।

और आज मकर संक्रांति के दिन सभी मंदिरों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली । वही कोइरौना पुलिस की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त  देखने को मिली । वह श्रद्धालुओं के ऊपर पैनी नजर बनाते  हुये  चाहे   गंगा घाट हो या  मंदिर  परिसर हो चप्पे-चप्पे पर  तैनात रही ।

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