नशा त्यागें -ख़ुशहाल रहें

*इन सभी कारणों को नशा से दूर रहकर समाप्त किया जा सकता है । "*फ़ार्मासिस्ट-ए-बनारस*" के सदस्यों ने लोगो को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और ड्रग्स से होने वाले रोगों से बचाव पर चर्चा की

स्वतंत्र प्रभात वाराणसी

मनीष पांडेय

26 जून को “अन्तराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस”* विश्वभर में मनाया जाता है । नशा एक ऐसी बीमारी है जो कि युवा पीढ़ी को लगातार अपनी चपेट में लेकर उसे कई तरह से बीमार कर रही है। शराब, सिगरेट, तम्‍बाकू एवं ड्रग्‍स जैसे जहरीले पदार्थों का सेवन कर युवा वर्ग का एक बड़ा हिस्सा नशे का शिकार हो रहा है। आज के समय में फुटपाथ और रेल्‍वे प्‍लेटफार्म पर रहने वाले बच्‍चे भी नशे की चपेट में आ चुके हैं।*सरकार को नशा के ख़िलाफ़ कठोर क़दम उठाना चाहिए।*नशा से अपराध में भारी वृद्धि होती जा रही है । घरेलू हिंसा, सामाजिक कलह,मारपीट-झगड़े,अशिक्षा जैसी कुरीतियाँ समाज को नष्ट कर रही हैं ।*नशे को अपने जीवन का हिस्सा ना बनाएँ । *इन सभी कारणों को नशा से दूर रहकर समाप्त किया जा सकता है । “*फ़ार्मासिस्ट-ए-बनारस*” के सदस्यों ने लोगो को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और ड्रग्स से होने वाले रोगों से बचाव पर चर्चा की । *मयंक त्रिपाठी , दीपक पांडेय ,प्रभु दयाल,अंकित सिंह,जितेन्द्र गुप्ता  ,आशीष पाठक,दिनेश सिंह,अमित पांडेय,शिवकेष मिश्रा,कृष्ण मोहन ,राहुल तिवारी,चन्द्रकान्त,अनूप मिश्रा,दीपेश यादव,इन्द्रेश चौधरी,रंजीत पटेल,अमित सिंह,अनीस,अरबिन्द,शिव प्रकाश* आदि फ़ार्मासिस्टों ने नशा-मुक्त अभियान के साथ जागरूक करने का प्रण लिया ।संयम व धैर्य के साथ स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें । नशा जानलेवा है। *ऋतुराज त्रिपाठी ने बताया कि जल्द ही “फ़ार्मासिस्ट-ए-बनारस” ग्रुप को नया आयाम दिया जाएगा* । योग ,संयम व धैर्य के साथ स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें । नशा जानलेवा है। *आदर्श दीक्षित (संचालक) ने कहा,नशा भगाएँ -खुशियाली लाएँ ।* फ़ार्मासिस्ट के उत्थान में सहायक संभावनाओं पर विचार किये जा रहें है

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