कोरोना ने बदल दी दिनचर्या, लोग फिर से अपना रहे प्राचीन जीवन पद्धति ।

कोरोना ने बदल दी दिनचर्या, लोग फिर से अपना रहे प्राचीन जीवन पद्धति ।

कोरोना ने बदल दी दिनचर्या, लोग फिर से अपना रहे प्राचीन जीवन पद्धति । योगासन, आयुर्वेद बन रहा पुनः लोगों के जीवन का अंग सरस राजपूत (रिपोर्टर ) भदोही । कोरोना वायरस के खतरनाक प्रभाव ने लोगों की दिनचर्या बदल दी है। जीवन के संस्कार भी बदलने लगे हैं। नोवल कोरोना वायरस कोविड-19 वैश्विक महामारी

कोरोना ने बदल दी दिनचर्या, लोग फिर से अपना रहे प्राचीन जीवन पद्धति ।

  • योगासन, आयुर्वेद बन रहा पुनः लोगों के जीवन का अंग

सरस राजपूत (रिपोर्टर )

भदोही ।

कोरोना वायरस के खतरनाक प्रभाव ने लोगों की दिनचर्या बदल दी है। जीवन के संस्कार भी बदलने लगे हैं। नोवल कोरोना वायरस कोविड-19 वैश्विक महामारी के विरुद्ध चल रही जंग ने जनमानस को प्राचीन जीवन पद्धति अपनाने और प्रकृति की ओर लौटने का संदेश दिया है।
बुधवार को ‘दैनिक स्वतंत्र प्रभात की टीम ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के बीच जनजीवन की मौजूदा स्थिति की पड़ताल की कई बुद्धिजीवियों से बातचीत की।

गांवों में खेती किसानी के काम में लोग मास्क लगाकर और चेहरा ढक कर दूर-दूर काम कर रहे हैं। दिन में कई बार गर्म पानी पीने के साथ, गांव के लोग गुड़, कालीमिर्च, अदरक और नींबू से बनी चाय का इस्तेमाल कर रहे हैं। कस्बे में सुबह देर से उठने वाले लोगों की दिनचर्या बदल गई है। सुगर के मरीज सुबह टहलने के बजाय पांच बजे उठकर नित्यक्रिया के बाद योगासन कर रहे हैं। गांवों में लोग घर की साफ सफाई के साथ पड़ोसियों के आवागमन पर खास ध्यान दे रहे हैं। खाली समय में लूडो, कैरम बोर्ड व मोबाइल फोन में गेम खेल रहे हैं।

कोरोना ने बदल दी दिनचर्या, लोग फिर से अपना रहे प्राचीन जीवन पद्धति ।

“प्रकृति की ओर लौटना समय की जरूरत है अब विज्ञान से नहीं प्रकृति से जीवन संचालित हो रहा है पिछले एक महीने से मैंने स्वयं ब्रश करना छोड़ दिया है। नीम के दातून करता हूं सुबह नित्यक्रिया के बाद स्वस्थ रहने के लिए योग करता हूं। इसके बाद गायों की सेवा करता हूं। हर घर में गाय के सामने नीम और आंगन में तुलसी का पौधा रहे तो कभी किसी वायरस का खतरा नहीं होगा।
उमेश दुबे पत्रकार “

“सोशल डिस्टेंस अब हर व्यक्ति की जीवन दिनचर्या में शामिल होना जरूरी हो गया है वायरस के संक्रमण के इलाज को अभी तक कोई दवा नहीं मिली है सतर्कता संकल्प और जागरूकता ही बचाव का माध्यम है प्रकृति ही सर्वशक्तिमान है अन्य सारी चीजें गौण हो गई हैं।

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