गांवों में रिश्तेदारों को भी प्रवेश से रोक रहीं युवाओं की टोलियां

गांवों में रिश्तेदारों को भी प्रवेश से रोक रहीं युवाओं की टोलियां

गांवों में रिश्तेदारों को भी प्रवेश से रोक रहीं युवाओं की टोलियां लॉकडाउन 2 शुरू होने के साथ गांवों के लोग भी अब और ज्यादा सतर्कता बरत रहे हैंजाफरगंज/फतेहपुर, लॉकडाउन के पहले चरण में एक दो गांव के लोगों ने जरूर बैरियर लगाकर बाहरी लोगों को रोकने की कोशिश की थी लेकिन शुक्रवार सुबह ऐसा

गांवों में रिश्तेदारों को भी प्रवेश से रोक रहीं युवाओं की टोलियां


लॉकडाउन 2 शुरू होने के साथ गांवों के लोग भी अब और ज्यादा सतर्कता बरत रहे हैं
जाफरगंज/फतेहपुर, लॉकडाउन के पहले चरण में एक दो गांव के लोगों ने जरूर बैरियर लगाकर बाहरी लोगों को रोकने की कोशिश की थी लेकिन शुक्रवार सुबह ऐसा कई गांवों में दिखा, अब बाहरी लोगों को ही नहीं गावों में आने वाले रिश्तेदारों को भी बैरियरों पर बैठी युवाओं की टोलियां रोक रही हैं। गांव में किसी का रिश्तेदार आने पर यह युवा पूछते हैं कि इन परिस्थितियों में आने की क्या जरूरत पड़ी, संबंधित परिवार को गांव के बाहर बुलाया जाता है और संतुष्ट होने पर रिश्तेदारों को ही गांव में प्रवेश दिया जाता है। इसमें सभी गांव वालों की सहमति है।विकास खंड अमौली क्षेत्र के गांव डिघरुवा में ही ग्रामीणों ने गांव के मुख्य मार्गपर बैरियर लगा दिया है। इस लक्ष्मण रेखा को पार करने के लिए ग्रामीणों के सवालों का गांव आने वालों को जवाब देना पड़ता है। गांव में यदि किसी के घर कोई रिश्तेदार भी आता है तो उसे अपना पूरा पता बताना पड़ता है। यह भी बताना पड़ता है कि उनका रिश्तेदार विदेश या फिर किसी महानगर से तो नहीं आया है। होम क्वारंटीन वालों पर विशेष नजर रखी जा रही है। गांव को सुरक्षित रखने के लिए ये नियम गांव के युवाओं ने ग्राम प्रधान संजय सिंह उमराव की सहमति से बनाए हैं। ग्रामीण कल्लू, नौशाद, राहुल अमन रोहित, सुचित ने बताया कि ग्रामीणों में किसी का रिश्तेदार के आने पर पूरी तहकीकात करने के बाद उसे गांव में प्रवेश करने दिया जाता है। ग्रामीणों का भी इस काम में समर्थन मिल रहा है। यहां प्रवेश द्वार में ग्रामीणों ने युवाओं को पहरेदारी में तैनात भी किया है। ग्रामीण कहते हैं कि जब पूरा देश लॉकडाउन है और प्रधानमंत्री बार बार कह रहे हैं कि घर के अंदर रहें तो मतलब साफ है कि बहुत बड़ा संट सामने खड़ा है। इससे सामूहिक प्रयासों से ही निपटा जा सकता है। इस क्षेत्र में गांव खजुरिहा व बसफरा में ग्रामीणों ने पहले ही बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा रखी है। इन गांवों के अंदर भी सोशल डिस्टेंस का पालन किया जाता है।

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