सदाचार का मतलब

सदाचार का मतलब

सदाचार का मतलबसदाचार दो शब्दों से मिलकर बना है जिसका मतलब होता है अच्छा आचरण और वह आचरण जिसको देखकर लोगों के मन में आपके प्रति सम्मान का भाव उत्पन्न हो यह भाव बचपन से ही मनुष्य को सीखना चाहिए क्योंकि कहीं ना कहीं हर उम्र में इसकी जरूरत होती है चरित्र निर्माण में सबसे

सदाचार का मतलब
सदाचार दो शब्दों से मिलकर बना है जिसका मतलब होता है  अच्छा आचरण और वह आचरण जिसको देखकर लोगों के मन में आपके प्रति सम्मान का भाव उत्पन्न हो यह भाव बचपन से ही मनुष्य को सीखना चाहिए क्योंकि कहीं ना कहीं हर उम्र में इसकी जरूरत होती है चरित्र निर्माण में सबसे ज्यादा जरूरी होता है सदाचार बच्चा जहां पड़ता है जहां रहता है और जहां खेलता है जिनके साथ रहता है जो लोग उसके दोस्त होते हैं और जिन लोगों के साथ वह अपना समय बिताता है उन सभी लोगों के साथ उस सदाचार का प्रभाव पड़ता है सभी लोग उसके आचरण से प्रभावित होते हैं तथा इन्हीं सदाचार वाली आदतों से उसके चरित्र का विकास भी होता है बहुत से लोग आपने ऐसे देखे होंगे जो बहुत ज्यादा व्यवहारिक होते हैं

लेकिन कुछ ऐसे भी मिले होंगे जिनको जरा सी अब बात पर गुस्सा आ जाता होगा उनसे अगर जवाब दे दो तो डांटने लगते हैं या तो उनका स्तर ऊंचा हो जाता है अगर वह भी चाहे तो हमसे नम्रता से बातें कर सकते हैं और उनके व्यवहार का अंदाज तुरंत ही बदल जाएगा लोगों के व्यवहार से ही आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वह इंसान भला है या बुरा पुण्य आत्मा है दुष्ट आत्मा यह सदाचार के ऊपर ही आपका पूरा जीवन निर्भर करता है अगर आपके जीवन में सदाचार है तो आपका जीवन उच्च कोटि का होगा लेकिन अगर समाचार नहीं है तो आपका जीवन व्यर्थ चला जाएगा दुनिया में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिनको यह तक नहीं पता होता कि किस तरीके से जीवन जीना है जीवन जीने का तरीका क्या है जीवन का चरित्र कैसा होना चाहिए किस तरह का आचरण करना चाहिए वाणी में मधुरता होनी जरूरी है या नहीं जीवन को स्वयं के साथ जीना चाहिए या बगैर संयम के ही जीवन कट जाएगा लेकिन लोगों के व्यक्तित्व और सदाचार और आचरण से ही वह अमर हो जाते हैं और बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिनके चले जाने के एक दिन बाद ही लोग उनको भूल जाते हैं और दोबारा कभी ना याद करने की कसम दिखाते हैं आपका अगर सदाचार हमेशा बना रहा तो जरूर ही आपका नाम रोशन होगा और लोग आपको ताउम्र याद करते रहेंगे और सदाचार वह तरीका होता है अजीत को पालन करने पर आपके अंदर शालीनता आती है और आपका जीवन आनंद में हो जाता है जब भी कोई आपसे बातें करता है तो वह आनंद पूर्ण महसूस करता है और अनेकों लोगों से आपकी तारीफ भी करता है और उत्तम व्यवहार की सराहना होती है लोगों के नेक कर्म की प्रेरणा भी होती है जो लोग सदाचारी होते हैं वह लोग बुरे कामों में अपना समय नहीं गवाते और हर तरह से समाज का उत्थान करते हैं ।

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