घर मे रहकर कोरोनो को हराने की लोगों ने ठानी

घर मे रहकर कोरोनो को हराने की लोगों ने ठानी

घर मे रहकर कोरोनो को हराने की लोगों ने ठानी प्रधानमंत्री को मिला व्यापक समर्थन सरस राजपूत (रिपोर्टर ) महजुदा भदोही – प्रधानमंत्री मोदी के आवाहन पर महामारी कोरोना को हराने के लिए बच्चा हो या बूढ़ा, जवान हो या किसान, खेत हो या खलियान सभी जगहों पर अभूतपूर्व संयम के साथ लोगों ने जनता

घर मे रहकर कोरोनो को हराने की लोगों ने ठानी

  • प्रधानमंत्री को मिला व्यापक समर्थन

सरस राजपूत (रिपोर्टर )

महजुदा भदोही – प्रधानमंत्री मोदी के आवाहन पर महामारी कोरोना को हराने के लिए बच्चा हो या बूढ़ा, जवान हो या किसान, खेत हो या खलियान सभी जगहों पर अभूतपूर्व संयम के साथ लोगों ने जनता कर्फ्यू का पालन किया। प्रातः काल से ही लोगों ने अपने को घरों में पूरे परिवार को कैद कर लिया। कोई भी व्यक्ति अपने घर से बाहर निकलने को तैयार नहीं था। कस्बा सुरियावां , ज्ञानपुर में जनता कर्फ्यू का नजारा ऐसा था कि लोगों की कल्पना से बाहर था इस महामारी से लड़ने का जज्बा कस्बा में भरपूर देखने को मिला, चारों तरफ सन्नाटा ही सन्नाटा था, ना ही कोई अपनी दुकान खोलने गया ना ही किसी किसान ने अपने खेत खलिहान में जाने का मन बनाया। कस्बा महजुदा के बुजुर्ग रिटायर्ड अध्यापक हृदय नारायण पाण्डेय व कपिल देव पांडे से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया अपने जीवन काल में ऐसा कर्फ्यू कभी नहीं देखा लोगों का जज्बा देखकर लगता है कि अपनी सावधानी से ही इस महामारी को भारतीय हरा देंगे। आज के दिन मजदूरों के साथ किसानों ने भी अपने घरों से बाहर निकलना मुनासिब नहीं समझा यहां तक कि मंदिरों के कपाट भी पूरी तरीके से बंद रहे। लोगों को कहना है कि घरों के अंदर बैठकर ही कोरोना को हराया जा सकता है। सावधानी बचाव का सर्वोत्तम रास्ता है। कस्बा महजुदा में ज्यों ही शाम के 5:00 बजे दिन भर का सन्नाटा चीरते हुए लोग अपने-अपने घरों के दरवाजों पर व छतों में चढ़कर शंख घड़ियाल व थालियों, तालियों से गगनभेदी शंखनाद करते रहे जो कि लगभग 10 मिनट तक चला, मां महजुदा ग्राम देवी मंदिर से से ध्वनि विस्तारक यंत्र के द्वारा शंख घड़ियाल की ध्वनि के साथ ही मां गायत्री के मंत्रों का मंत्रोच्चारण किया गया। मंदिर के संयोजक कपिल देव पांडे उर्फ कल्लू व मंगला वर्मा ने ने बताया शंख घड़ियाल की ध्वनि से ही कीटाणुओं का नाश होता है हमको अपनी प्राचीन परंपराओं का पालन करना है और परम्पराओं पालन करते हुए महामारियों से बचा जा सकता है।

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