जनसूचना मांगने पर ग्राम प्रधान का काला कारनामाआया सामने

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ब्लॉक प्रशासन की मिलीभगत से हुआ काम भीटी अंबेडकरनगर। विकासखंड भीटी के ग्राम पंचायत मदार भारी में किए गए कथित घोटाले की जांच नोडल अधिकारी करेंगे। जांच का आदेश मुख्य विकास अधिकारी ने देते हुए कहा है कि 1 सप्ताह के भीतर जांच आख्या उनके समक्ष प्रस्तुत की जाए।विकासखंड भीटी के ग्राम पंचायत मदार भारी निवासी

जनसूचना मांगने पर ग्राम प्रधान का काला कारनामाआया सामने

ब्लॉक प्रशासन की मिलीभगत से हुआ काम

भीटी अंबेडकरनगर। विकासखंड भीटी के ग्राम पंचायत मदार भारी में किए गए कथित घोटाले की जांच नोडल अधिकारी करेंगे। जांच का आदेश मुख्य विकास अधिकारी ने देते हुए कहा  है कि 1 सप्ताह के भीतर जांच आख्या उनके समक्ष प्रस्तुत की जाए।विकासखंड भीटी के ग्राम पंचायत मदार भारी निवासी रामजन्म पुत्र राम अवतार जन सूचना मांगे जाने के बाद संपूर्ण समाधान दिवस पर भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतों का एक प्रार्थना पत्र मुख्य विकास अधिकारी अंबेडकरनगर को सौंपा था शपथ पत्र के साथ दिए गए इस प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया गया है
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कि ग्राम पंचायत मदारभारी के  तालाब पर 2013 -14 में भूमि संरक्षण विभाग अंबेडकरनगर द्वारा मेडबंदी का कार्य कराया गया था ,जिस पर वर्तमान प्रधान द्वारा वर्ष 2018-2019 में खुदाई कार्य का स्टीमेट बनवाकर बिना कार्य कराएं ₹342000 निकाल लिया गया है इसी प्रकार केसी तालाब, तरउआ तालाब, नानी तालाब के खुदाई का कार्य ग्राम पंचायत द्वारा वर्ष 2011 में ₹392000 की लागत से कराया गया था उसी कार्य को वर्तमान प्रधान द्वारा जालसाजी करके पूरव तालाब के नाम पर ब्लॉक स्तरीय कर्मचारियों की मिलीभगत से 900000 का एस्टीमेट बनवाकर 2018-2019 में ₹173000 मनरेगा मजदूरों के खाते में भेज कर निकाल दिया गया और उसी कार्य को पुनः वर्ष 2019 में ₹500000 से अधिक धनराशि निकालने के बाद  उस पर लगे हुए वृक्षों को भी काट कर अवैध रूप से बिना किसी नीलामी प्रक्रिया को अपनाएं बेच दिया गया है। 
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ग्राम पंचायत में सरकारी धन के बंदरबांट में लिप्त ग्राम पंचायत अधिकारी, मनरेगा कर्मचारी आदि की मिलीभगत से ग्राम प्रधान ने मातादीन सिंह के चक से रामलाल के चक तक मिट्टी तथा खड़ंजा निर्माण का कार्य , रामनिरंजन सिंह के खेत से राधेश्याम के ट्यूबेल तक मिटटी एवं खडजा का कार्य दिखाकर पैसा निकाला गया उसी कार्य को पुनः वर्ष 2019 के बीच में मायाराम के चक से मातादीन के चक तक शिवदयाल के चक से बिहारी के चक तक खड़ंजा एवं मिट्टी का कार्य दिखाकर धन निकाल लिया गया पून: उसी कार्य को बिहारी के चक से रामसकल के चक तक कार्य दिखाकर धनराशि निकाली गई है। वर्ष 2015 में खजूरी पिच मार्ग से पिगिरियावा बॉर्डर तक 2014 15 मे पूर्व प्रधान द्वारा 250 मीटर खडजा लगवाया गया था उसी को वर्तमान प्रधान द्वारा वर्ष 2015 16 में पुनः निर्माण दिखाकर धन हड़पा गया है। इतना ही नहीं शिकायती प्रार्थना पत्र में बताया गया है
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कि परसराम के घर से हीरालाल निषाद के घर तक वर्ष 2018-2019 में पहली बार इंटरलॉकिंग का पैसा मनरेगा द्वारा निकाला गया पुनः उसी कार्य को परशुराम के पुत्र तिलक राम के घर से सियाराम के घर तक दिखाकर वर्ष 2019 में लाखों रुपए का वारा न्यारा किया गया है शिकायती पत्र में रामजन्म ने आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत मदार भारी में आवास के संबंध में राजकुमारी पत्नी भगेलू 2007 में ,प्रभावती पत्नी किलोधर को वर्ष 2009 में इंदिरा आवास पा चुकी हैं जिसका लेजर संख्या 34 और 35 पर फर्ज है पुनः उन्हीं के पति भगेलू पुत्र खुशियांल को 2017 राम किलो धर्मपुत्र बदल वर्ष 2018-2019 में एक बार फिर आवास देकर अवैधानिक कार्य किया गया है इसी प्रकार ग्राम पंचायत में सफाई कर्मी राजकुमारी को वर्ष 2017 में अधिकारियों से शिकायत करने के उपरांत खंड विकास अधिकारी विधि द्वारा आवास दिया गया है जबकि सफाई कर्मी पत्नी बब्बन का मकान पूर्व से ही पक्कामकान बना हुआ था ।यह सफाई कर्मी वर्तमान में ग्राम पंचायत बिरसिंहपुर राजस्व गांव में तैनात है।
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अपने शिकायती पत्र में रामजन्म ने उपरोक्त लगाए गए आरोपों की भौतिक सत्यापन एवं स्थलीय जांच की मांग शपथ पत्र के साथ किया है।लाखो के घोटाले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी अंबेडकरनगर ने जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश देते हुए कहां है कि उपरोक्त जांच नोडल अधिकारी से कराने के उपरांत 1 सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट उनके समक्ष प्रस्तुत करें ताकि दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जा सके। मुख्य विकास अधिकारी के इस आदेश के बाद से जिम्मेदारअधिकारियों तथा कर्मचारियों में दहशत का माहौल है । और येन केन प्रकारेण जांच कुर्बानी अथवा जांच की कार्यवाही को अपने पक्ष में मोड़ने के लिए हाथ पैर मारना शुरू कर दिया है।
10 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक नहीं शुरू हो सकी जांच-
4 फरवरी को मुख्य विकास राज्य अधिकारी द्वारा ग्राम पंचायत के घोटालों की जांच नोडल अधिकारी से कराए जाने का आदेश जिला पंचायत राज अधिकारी को दिया गया था परंतु 10 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक नोडल अधिकारी द्वारा जांच के लिए कोई कार्यवाही शुरू नहीं की गई है जिससे ग्रामीणों में व्यापक रोष है लोगों का आरोप है कि अपनी गर्दन को फंसता देख नोडल अधिकारी सहित अन्य कर्मचारी मामले को दबाने के प्रयास में जुट गए हैं। 
वही खंड विकास अधिकारी अनुपम सिंह ने बताया कि भ्रष्टाचार का मामला उनके संज्ञान में है और वह प्रयास कर रहे हैं कि शीर्घ जांच पूरी हो जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही की जाएगी।
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