शून्य परछाई दिवस पर पृथ्वी की परिधि मापने का प्रयोग किया गया शत्रुघन लाल मिश्र

शून्य परछाई दिवस पर पृथ्वी की परिधि मापने का प्रयोग किया गया शत्रुघन लाल मिश्र

पाली(हरदोई)-शून्य परछाई दिवस के मौके पर विज्ञान प्रसार द्वारा संचालित ग्राम्याचल विज्ञान क्लब के सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज पाली के सचिव ने अपनी टीम के साथ एक प्रयोग के माध्यम से पृथ्वी के अनुमानित आकार व परिधि गणना का प्रयास किया गया पाली नगर के सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज मे विज्ञानप्रसार द्वारा संचालित

पाली(हरदोई)-शून्य परछाई दिवस के मौके पर विज्ञान प्रसार द्वारा संचालित ग्राम्याचल विज्ञान क्लब के सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज पाली के सचिव ने अपनी टीम के साथ एक प्रयोग के माध्यम से पृथ्वी के अनुमानित आकार व परिधि गणना का प्रयास किया गया

पाली नगर के सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज मे विज्ञानप्रसार द्वारा संचालित ग्राम्यांचल विज्ञान क्लब के सचिव शत्रुघन लाल मिश्र ने भारत सरकार के पृथ्वी मंत्रालय द्वारा संपूर्ण देश में चलाई जा रही विपनेट क्लब के माध्यम से गतिविधि मे बुधवार को 11:00 बजे से 1:00 बजे तक नेट के माध्यम से जुड़कर अपनी टीम के सदस्यों समेत भाग भाग लेने के पश्चात श्री मिश्र ने बताया कि कर्क रेखा से भूमध्य रेखा के बीच बा भूमध्य रेखा से मकर रेखा के बीच आने वाले स्थान पर शून्य परछाई दिवस आता है

इसी दिन महाराष्ट्र के पुणे में शून्य परछाई की खगोलीय घटना घटित हुई थी यह भी सच है कि साल में मात्र 2 दिन ही सूर्य  वास्तविक पूर्व दिशा में उगता है दरअसल 2 दिन ऐसे होते हैं जब सूर्य  दोपहर के समय ठीक हमारे सर के ऊपर चमकता है यही कारण कि उस समय हमारी परछाई हमारा साथ छोड़ जाती है परछाई न बनने के इस घटनाक्रम को खगोल वैज्ञानिक जीरो शैडो डे कहते है


जीरो शैडो डे क्या होता है सूर्य जब दक्षिण की ओर बढ़ने लगता है तो उसे दक्षिणायन कहते हैं 22 दिसंबर को 4:00 दक्षिणी गोलार्ध में स्थित मकर रेखा के ऊपर चलता है इस दौरान वहां पर गर्मी का मौसम होता है इस दौरान दिन लंबी और रातें छोटी होती है भूमध्य रेखा के दक्षिण में 23.5 डिग्री अक्षांश पर स्थित मकर रेखा पर मौजूद कई स्थानों पर सूर्य की किरणें धीमी पड़ती है तब वहां भी दोपहर के समय कुछ पल के लिए शैडो नही बनता है

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