भ्रामक सूचना फैलाकर भयावह स्थिति उत्पन्न करने वालो के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी

भ्रामक सूचना फैलाकर भयावह स्थिति उत्पन्न करने वालो के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी

जिला बिजनौर जिलाधिकारी ने कहा कोविड-19 के सम्बन्ध में त्रुटिपूर्ण, भ्रामक सूचना अथवा चेतावनी फैलाकर भयावह स्थिति उत्पन्न करने वाले व्यक्तियों के विरूद्व डिज़ास्टर मैनेजमेन्ट एक्ट 2005 की धारा के तहत कार्यवाही की जाएगी कार्यवाही, मा0 उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के क्रम में जिले के अस्पतालों, अस्थाई स्क्रीनिंग कैम्पों, आश्रय स्थलों अथवा होम क्वारंटाइन

  जिला बिजनौर जिलाधिकारी ने कहा कोविड-19 के सम्बन्ध में त्रुटिपूर्ण, भ्रामक सूचना अथवा चेतावनी फैलाकर भयावह स्थिति उत्पन्न करने वाले व्यक्तियों के विरूद्व डिज़ास्टर मैनेजमेन्ट एक्ट 2005 की धारा के तहत कार्यवाही की जाएगी कार्यवाही, मा0 उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के क्रम में जिले के अस्पतालों, अस्थाई स्क्रीनिंग कैम्पों, आश्रय स्थलों अथवा होम क्वारंटाइन में मोजूद लोगों की आवश्यकता अनुसार की जाएगी काउंसलिंग- जिलाधिकारी रमाकांत पाण्डेय ने बताया कि मा0 उच्चतम न्यायालय में सम्पूर्ण लाॅकडाउन अवधि के दौरान श्रमिक, मजदूर व कामगारों को अपने कार्य स्थल से मूल निवास स्थान के लिए वापस जाने से कोरानाा वायरस का संग्रमरण तेजी से फैलने के सम्बन्ध में दायर की गई रिट याचिका में मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा महत्वपूर्ण दिशा- निर्देश दिए गए हैं। 

उन्होने उक्त आदेशों के क्रम में जानकारी देते हुए बताया कि कोविड-19 के सम्बन्ध में त्रुटिपूर्ण, भ्रामक सूचना अथवा चेतावनी फैलाकर भयावह स्थिति उत्पन्न करने वाले व्यक्तियों के विरूद्व डिज़ास्टर मैनेजमेन्ट एक्ट 2005 की धारा के तहत कार्यवाही की जाए तथा किसी लोकसेवाक द्वारा दिए गए आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधित व्यक्ति के विरूद्व भा0द0सं0 की धारा 188 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी।उन्होने बताया कि मा0 न्यायालय के निर्देशों के क्रम में सूनीसेफ द्वारा उपलब्ध काउंसलर/मनोचिकित्सक की सेवाएं जिले के अस्पतालों, अस्थाई स्क्रीनिंग कैम्पों, आश्रय स्थलों अथवा होम क्वारंटाइन में मोजूद लोगों की आवश्यकता के अनुसार काउंसलिंग के लिए प्राप्त की जा सकती हैं। इसके अलावा संबंधित जिले में स्थित विश्वविद्यालय, कालेज, जिनमें सामाजिक विज्ञान तथा मनाविज्ञान का संकाय संचालित हो, 

उनके प्राध्यापक तथा विद्यार्थियों का यथा आवश्यकतापूर्व सहयोग काउंसलिंग के लिए प्राप्त किया जा सकता है। उन्होने यह भी बताया कि मा0 उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में क्वारंटाइन में रखे गए लोगों के कल्याणार्थ किए जा रहे कार्याें के पर्यवेक्षण के लिए स्वयंसेवियों की सेवाएं भी व्यवस्थित रूप से प्राप्त की जाएंगी। उन्होने उक्त सम्बन्ध में संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए कि उक्त कार्य के लिए स्वयंसेवियाे की सूची उनके नाम व मोबाइल नम्बर सहित तैयार कर उसे सभी नियंत्रण कक्ष, शेल्टर होम्स, अस्पताल, कम्युनिटी किचेन व संबंधित अधिकारियों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित कराते हुए आवश्यकतानुसार उनकी सेवाएं प्राप्त की जाएं तथा उक्त सूची नाम व मोबाइल नम्बर सहित rahat@nic.in पर ई-मेल के माध्यम से उपलब्ध कराई जाए।

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