इटौंजा गोहना खुर्द गरीब बेसहारों को नही मिल रहा पीएम आवास योजना का लाभ

इटौंजा गोहना खुर्द गरीब बेसहारों को नही मिल रहा पीएम आवास योजना का लाभ

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी प्रधानमंत्री आवास योजना इटौंजा लखनऊ विकास क्षेत्र बख्शी का तालाब के ग्राम पंचायत गोहना खुर्द में दलित व पिछड़े वर्ग की महिलाओं ने सरकारी आवास न मिलने पर नाराजगी जाहिर की है। आजादी से लेकर अब तक झोपड़ी और कच्चे मकान में अपना जीवन गुजार रहीं महिलाओं ने प्रधानमंत्री आवास योजना

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी प्रधानमंत्री आवास योजना 

इटौंजा लखनऊ विकास क्षेत्र बख्शी का तालाब के ग्राम पंचायत गोहना खुर्द में दलित व पिछड़े वर्ग की महिलाओं ने सरकारी आवास न मिलने पर नाराजगी जाहिर की है। आजादी से लेकर अब तक झोपड़ी और कच्चे मकान में अपना जीवन गुजार रहीं महिलाओं ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाए जाने की मांग की है।जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर ग्राम पंचायत गोहना खुर्द  के लगभग सभी लोग अपने मत का प्रयोग करते हैं, जिसमें अधिकांश दलित व पिछड़ा वर्ग के लोग निवास कर रहे हैं।गांव के ही मूल निवासी खुशीराम गुप्ता उम्र लगभग 70 वर्ष पुत्र स्वर्गीय राम भरोसे ने जानकारी देते हुए बताया कि वह परिवार मैं सिर्फ अकेले ही हैं ना तो पत्नी है और ना ही कोई पुत्र इतना ही नहीं जीवन व्यापन के लिए उनके पास जरा से भी भूमि नहीं उम्र अधिक हो जाने के चलते मजदूरी करने के योग्य भी नहीं है

वह अकेले ही इस टूटी फूटी कच्ची कोठरी में निवास कर रहे हैं पिछले 5 ग्राम प्रधानों सहित मौजूदा ग्राम प्रधान कामिनी के पति प्रधान प्रतिनिधि कौशल रावत से ही नहीं ग्राम विकास अधिकारी नासिर हुसैन से हर प्रकार से आग्रह करते हुए आवास दिए जाने का निवेदन किया किंतु भ्रष्टाचार मे लिफ्ट भूखे भेड़िए तो सर धन उगाही का खून पीने के आदी हो चले हैं इतना कहते ही पात्र खुशीराम गुप्ता की आंखें नम हो गई और लड़खड़ाते हुए स्वरों में बोले कि शायद उनका जीवन इस टूटी हुई बिना दरवाजे की कोठरी में ही गुजर जाएगा क्या सरकार आज भी प्रधानमंत्री आवास योजना में भेदभाव और जाति धर्म के आधार पर कर रही है

जहां एक तरफ सरकार हर गरीब को आवास योजना से लाभान्वित कर रही है वहीं दूसरी तरफ हम जैसे अकेले व्यक्ति को प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर सिर्फ दिलासे दिए जा रहे हैं आजादी से लेकर अभी तक इनको आवासीय सहायता नहीं मिली और आज भी ये झोपड़ी में रहने को विवश हैं।गरीब तबके के लोग रोज मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना लाभ नहीं मिल सका।संबंधित ग्राम प्रधान प्रतिनिधि कौशल रावत से आवास की मांग करने पर प्रधान जी सिर्फ यह कहकर बातों को टाल देते थे उनका नाम भर दिया गया है समय आने पर आवास का लाभ दिया जाएगा किंतु देखते ही देखते एक और ग्राम प्रधान का कार्यकाल समाप्त होने को आया किंतु पात्र को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ ना मिल सका ग्राम पंचायत गोहना खुर्द निवासी दिलीप रावत पुत्र मोहनलाल उम्र लगभग   (35, वर्ष)  मूलतः मजदूरी कर के अपना व परिवार का जैसे तैसे भरण पोषण कर रहा है बीते बारिश के दिनों में मकान धराशाई हो जाने के कारण पूर्णता भवन विहीन हो चले हैं
मजदूर ग्रामीण का कहना है  के संबंधित  प्रधान से  वह कहते कहते  हताश हो गया किंतु  प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं दिया गया

क्योंकि पात्र दलित मजदूर किसान भ्रष्टाचारियों को मोटी रकम देने योग्य ना होने के कारण सरकार की बहुमूल्य प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है वही दिलीप रावत की पत्नी का कहना है, के जबसे वाह शादी होकर इस गाँव में आई तब से मैं कच्चे मकान में रह रही है। पति ने आवास के लिए प्रधान से कहा, लेकिन संबंधित प्रधान एवं प्रशासनिक अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगती।”वही ग्राम पंचायत गोहना खुर्द के ग्रामीणों की माने दो ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान प्रधान प्रतिनिधि कौशल रावत द्वारा सरकारी योजनाओं में धन उगाही की गई।खुले शब्दों में कहें तो लखनऊ के बख्शी का तालाब विकास खंड के  ग्राम  पंचायत   गोहना खुर्द  के ग्राम वासियों की  दशा  दयनीय बनी हुई है यथा स्थिति के अनुसार गोहना खुर्द ग्राम पंचायत की संबंधित सक्षम अधिकारियों द्वारा सरकारी योजनाओं मैं हुए भ्रष्टाचार की विधिवत जांच की दरकार है क्या उत्तर प्रदेश सरकार ऐसे भ्रष्ट और सरकारी योजनाओं से अपनी जेब भरने वाले ग्राम प्रधानों के खिलाफ कोई ठोस कदम उठा पाएगी या यूं ही मजदूर किसानों का शोषण होता रहेगा

सरकार बदलने बाद भी अधिकारियोंं और प्रधानों द्वारा किया जा रहा भ्रष्टाचार सरकारी योजनाओं को दीमक की तरह अंदर ही अंदर चाट कर खोखला कर रहे ग्राम पंचायतों के प्रधान
 एक तरफ जहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2022 तक प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत गरीबों को झोपड़ी से हटाकर घर देने का सपना संजोये बैठे हैं वहीं यूपी के जनपद लखनऊ के विकास क्षेत्र बक्शी का तालाब के ग्राम पंचायत गोहना खुर्द में योगी के भ्रस्ट अधिकारी योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं।सरकार बदलने के बाद भी अधिकारियोंं और प्रधानों द्वारा किया जा रहा भ्रष्टाचार सरकारी योजनाओं को दीमक की तरह अंदर ही अंदर चाट कर खोखला कर रहे है। आवास योजना के नाम पर अधिकारियों की सांठ गांठ के चलते गरीबों से रूपए वसूले जा रहे हैं। प्रधानों और अधिकारियों ने प्रधानमंत्री आवास योजना में गरीबों के लिए आये दर्जनों आवासों मैं सिर्फ उन्हीं को आवास योजना का लाभ दिया जाता है  जो  ग्राम प्रधान की  जेब गर्म करता है निर्धन ग्रामीण आज भी  प्रधानमंत्री आवास योजना से  वंचित हैं लेकिन भ्रष्ट तंत्र के चलते दर्जनों आदेशों के बाद भी दोशियों पर कार्रवाई नहीं हो सकी। पीड़ितों की लगातार शिकायतों के बाद भी अधिकारी जांच की बात कर मामले को  डाल देते हैं फ़िलहाल पीड़ितों ने योगी और मोदी से गुहार लगाई है।

अपनी झोपड़ियों के सामने सालों से पक्की छत के इन्तजार में बैठे गरीबों के मंसूबों पर सरकारी लुटेरों ने पानी फेर दिया है।रुपए न देने पर मनमाने तरीके से कागजों में हेरफेर कर इनकी कालोनियों को हड़प लिया गया है।फ़िलहाल भले ही यह गरीब लोग आज भी अपनी झोपड़ियों में बसर कर रहे हों लेकिन उन्हें कहीं ना कहीं विश्वास है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें आवास का लाभ दिया जाएगा।संबंधित ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने देश के चौथे स्तंभ कहलाने वाले मीडिया तंत्रों के जरिए मोदी और योगी सरकार ग्राम पंचायत गोहना खुर्द  विकास क्षेत्र   बख्शी का तालाब  मैं  सरकारी योजनाओं में  किए गए भ्रष्टाचार की  निष्पक्ष  जांच  कर  उन्हें  सरकारी योजनाओं  का  लाभ प्रदान करने  की अपील की है

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