प्रवासी साइबेरियन पक्षियों के शिकार को पेशवर शिकारी ने बिछाये ‘जाल’

प्रवासी साइबेरियन पक्षियों के शिकार को पेशवर शिकारी ने बिछाये ‘जाल’

वन विभाग व पुलिस की मिली भगत से चल रहा गोरखधन्धा ललितपुर। जनपद के प्रमुख जलाशयों में प्रवासी साइवेरियन पक्षियों के बेखौफ शिकार के लिए पेशवर शिकारियों ने अपना जाल बिछा दिया है। वनकर्मियों व पुलिस की साँठ-गाँठ के चलते पेशेवर शिकारी यह कार्य कर रहे हैं। गुलाबी ठण्ड शुरू होते ही जनपद के विभिन्न जलाशयों

वन विभाग व पुलिस की मिली भगत से चल रहा गोरखधन्धा

ललितपुर। जनपद के प्रमुख जलाशयों में प्रवासी साइवेरियन पक्षियों के बेखौफ शिकार के लिए पेशवर शिकारियों ने अपना जाल बिछा दिया है। वनकर्मियों व पुलिस की साँठ-गाँठ के चलते पेशेवर शिकारी यह कार्य कर रहे हैं। गुलाबी ठण्ड शुरू होते ही जनपद के विभिन्न जलाशयों में प्रवासी साइबेरियन पक्षियों की आमद शुरू हो जाती है। नब्म्बर माह से ही विभिन्न देशों से प्रवासी पक्षी जनपद में आना प्रारम्भ हो जाते हैं, और वसंत आगमन के माच्र माह में अपने देश वापिस लौट जाते हें। ये पक्षी साइबेरिया और पास के क्षेत्रों से पलायन कर यहाँ तक पहुंचते हें। इसलिए इन्हें साइवेरियन पक्षी के नाम से जाना भारत के अलावा पाकिस्तान, बंगला देश और थाईलैण्ड आदि देशों से भी यह पक्षी प्रवास करते हें। इन देशों ने में 70 से 75 प्रजातियाँ के पक्षी आते हैं। विदेशों से आये मेहमान पक्षियों का हमारे देश में किस तरह इनका बेरहमी से शिकारियों द्वारा शिकार करके कत्ल कर दिया जाता है। जिसके चलते कई दशकों से अब इनकी आमद में गिरावट आती जा रही है। तो वहीं जलाशयों में मत्स्य आखेट का ठेका लिये हुये शिकारी भी जाल डालकर इनका अवैध शिकार करने में लगे हुये हैं। इतना ही नहीं क्षेत्रीय लोग भी जलाशयों के किनारे आँटे में जहर मिलाकर इनका शिकार करके इनको माँस खाने वाले शैाकिनों को बेच देते हैं। बॉक्सइन जलाशयों में प्रवासी पक्षियों का होता है शिकारजलाशयों में पेशवर शिकारियों द्वारा बेखौफ शिकार किया जाता है। प्रवासी साइवेरियन पक्षी हजारों मील का लम्बा सफर तय करके सिर्फ अपनी अगली पीढ़ी को अस्तित्व में लाने के लिए हमारे देश में प्रजनन के लिए जलाशयों में आते हैं, लेकिन जनपद के जलाशयों में शिकारियों द्वारा इनका अवैध शिकार किया जाता है। राजघाट बाँध, गोविन्दसागर बाँध, माताटीला बाँध, सजनाम, जामनी बाँध आदि जलाशयों में प्रवासी साइबेरियान पक्षियों का बेखौफ होकर अवैध शिकार खेला जाता है। जिसके चलते इन पक्षियों का अस्तित्व पर संकट में बना हुआ है। बॉक्सजनपद के जलाशयों में 500 से अधिक प्रजातियों के पक्षियों ने डाला है डेराजनपद के जलाशयों में पाये जाने वाले प्रवासी साइबेरियान पक्षियों की प्रजातियाँ साइबेरिया में जबरजस्त बर्फवारी होने और वर्फ के जमने के कारण वहां पक्षियों को भोज्य पदार्थ का अकाल पडऩे लगाता है, इसलिए भोजन की खोज में यह पक्षी यहाँ पर आते हैं। इनमें कुछ दुलर्भ प्रवासी प्रजातियाँ में प्रमुख रूप से नीलसर, सीफर, कामन टूथ पिन्टेल, सलही, वारनकटा, धारोंदर सवन, ठेकरी, पन कौका, पनडुब्बी, सिलही, रिनधुर, कालासिर, बाजा, जलपीपी, सिहो, जाभिल, और धीमा शामिल हैं। 

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