मेरी सांस का एक-एक पल शाहाबाद के काम आएगा

मेरी सांस का एक-एक पल शाहाबाद के काम आएगा

मेरा एक हाथ पकड़े हैं मुस्लिम भाई ओ मेरा दूसरा हाथ पकड़े हैं हिंदू भाई– आसिफ खान बब्बूशाहाबाद( हरदोई) -शाहाबाद नगर पालिका परिषद से 20 वर्ष लगातार चुनाव जीतकर एवं वर्तमान में महिला सीट होने पर अपनी पत्नी नसरीन बानो नगर पालिका परिषद की कुर्सी पर काबिज करने वाले आसिफ खान बब्बू को शाहाबाद की

मेरा एक हाथ पकड़े हैं मुस्लिम भाई ओ मेरा दूसरा हाथ पकड़े हैं हिंदू भाई– आसिफ खान बब्बू

शाहाबाद( हरदोई)
-शाहाबाद नगर पालिका परिषद से 20 वर्ष लगातार चुनाव जीतकर एवं वर्तमान में महिला सीट होने पर अपनी पत्नी नसरीन बानो नगर पालिका परिषद की कुर्सी पर काबिज करने वाले आसिफ खान  बब्बू को शाहाबाद की जनता ने विकास पुरुष की भी संज्ञा दी है महिला सीट ना होने पर अगर यह चुनाव आसिफ हां बाबू जी जाते क्योंकि चुनाव उनकी पत्नी जीती हैं तो नगर पालिका परिषद शाहाबाद के अध्यक्ष पद पर रहते हुए यह उनकी सिल्वर जुबली होती 25 साल लगातार शाहाबाद नगर पालिका पर काबिज रहने वाले आसिफ खान बब्बू 2007 में शाहाबाद विधानसभा से विधायक चुने गए थे और वर्तमान में चेयरमैन  भी थे दोनों पदों को एक साथ संभाल कर उन्होंने यह सिद्ध कर दिया वाह यह राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं उनकी लोकप्रियता इसी बात से स्पष्ट होती है सन 1995 में नगर पालिका अध्यक्ष पद का पहला चुनाव लड़ने के बाद चुनाव जीता तब सेवा 20 साल तक चुनाव जीते चले आए और वर्तमान समय में उनकी पत्नी अध्यक्ष नगर पालिका परिषद हैं लोकप्रियता की कहानी 2007 से शुरू होती है जब उन्होंने बहुजन समाज पार्टी से विधायकी का चुनाव जीता था

उनके कार्यकाल के दौरान शाहाबाद का चौमुखी विकास हुआ यही नहीं बाबूरहना में 132 केवीए का पावर हाउस की स्थापना भी की जिससे शाहाबाद को लाइट व्यवस्था सुनिश्चित हो सके शाहाबाद की गरीब कोचों में इंटरलॉकिंग कार्य करा कर सड़कों का जाल बिछाने का काम भी उन्होंने किया काशीराम कॉलोनी का निर्माण कार्य उन्हीं के समय में हुआ नर्मदा तीर्थ स्थल का दोबारा सुंदरीकरण इंटरलॉकिंग व्यवस्था उन्हीं के द्वारा करवाई गई नर्मदा तीर्थ स्थल की पैमाइश करवा कर बाउंड्री वाल भी उन्हीं के समय में कराई गई

शाहाबाद की हॉट मिक्स रोड़े आसिफ हां बाबू के समय में हुए 25 वर्ष नगर पालिका परिषद पर काबिज आसिफ खान बब्बू यह सब में व्यक्तित्व सरल स्वभाव के व्यक्ति हैं मोदी लहर के चलते हुए पिछला विधायकी का चुनाव 97000 बोर्ड पाने के बावजूद लगभग 43 00 वोटों से चुनाव हार गए थे परंतु विधानसभा चुनाव के 6 महीने बाद हुए नगर पालिका परिषद के चुनाव में उनकी धर्मपत्नी महिला सीट होने के नाते चुनाव लड़े नगर पालिका अध्यक्ष के पद पर पुनः कब्जा जमा लिया
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