SC ने राज्य सरकारों से मांगा स्टेटस रिपोर्ट, जानिए क्यों ?

SC ने राज्य सरकारों से मांगा स्टेटस रिपोर्ट, जानिए क्यों ?

स्वतंत्र प्रभात – पूरे देश में बच्चों के साथ बाद रहे रेप और यौन उत्पीड़न के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से पोक्सो से जुड़े मामले को निपटाने के लिए विशेष सरकारी अभियोजक नियुक्त करने का निर्देश दिया है. और इसके साथ ही फारेंसिक लैब के लिए संसाधन उपलब्ध कराने के लिए उठाए

स्वतंत्र प्रभात –

पूरे देश में बच्चों के साथ बाद रहे रेप और यौन उत्पीड़न के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से पोक्सो से जुड़े मामले को निपटाने के लिए विशेष सरकारी अभियोजक नियुक्त करने का निर्देश दिया है. और इसके साथ ही फारेंसिक लैब के लिए संसाधन उपलब्ध कराने के लिए उठाए गए कदमों पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य ये सुनिश्चित करें कि यौन उत्पीड़न के मामलों में त्वरित जांच हो और मुकदमा सही तरीके से चले. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की है.

और इसी के साथ पिछले महीने पॉक्सो कोर्ट को लेकर राज्य सरकारों के रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने बहुत ही सख्त नाराजगी जताई थी. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को फटकार लगाई और कहा है कि राज्य सरकारें कोर्ट के आदेश का अनुपालन ठीक से नहीं कर रही हैं, जबकि कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा था कि जिन जिलों में 100 से ज्यादा पॉक्सो के मामले हैं, वहां पॉक्सो कोर्ट और विशेष वकील की नियुक्ति की जाए.

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को यह भी कहा है कि फरवरी तक जिन जिलों में 100 से ज्यादा पॉक्सो के मामले हैं, वहां विशेष पॉक्सो कोर्ट का गठन करें. जहां केवल बच्चों से जुड़े यौन उत्पीड़न के मामले की सुनवाई होगी. वहीं, 300 से ज्यादा मामले वाले जिलों में 2 विशेष पॉक्सो कोर्ट का गठन किया जाए. कोर्ट के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रेप और पॉक्सो के मामलों में जल्दी कार्रवाई के लिए राज्यों को चिट्ठी लिखी थी. यह चिट्ठी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और सभी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को भेजी गई थी.

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