पेंशन न मिलने से विधवा एवं वृद्धाओं को रोटी के लाले
- बैंकों रोजाना चक्कर काट रही महिलाएं
बांदा।
लगभग 6 माह से अधिक समय हो जाने के बावजूद तमाम वृद्धा एवं विधवा पेंशन धारक भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत मिलने वाली राशन सामग्री से किसी तरह से अपना गुजर-बसर चला रही है पेंशन के चक्कर में आए दिन बैंकों के चक्कर लगाती हुई पैलानी कस्बे की विधवा एवं वृद्धा भोलिया, करूइया देवी जुगल किशोर ,शांति देवी आज अपनी व्यथा सुनाते हुए बताया 6 महीने से अधिक का समय हो गया बैंक खाते में पेंशन आने से इस समय एक-एक दाने के लिए मोहताज हैं।
परिवार में सब कोई होते हुए भी कोई उनका सहारा नहीं है सब अपनी अपनी राह पकड़े हुए हमारी ओर कोई ध्यान नहीं देता गुजारा करने के लिए बीमार होने पर दवा के लिए पैसे नहीं होते गुजारा करने के लिए सड़कों पर पडे हुए कबाड़ को बीन बीन कर किसी तरह से अपना काम चला रहे हैं स्थिति यह है इन विधवाओं के पास इन वृद्धों के पास एक टाइम का भोजन भी सुलभ करना बड़ा मुश्किल हो पा रहा है वृद्धा पेंशन धारक भोलिया ने बताया कि आज से 25 वर्ष पहले उनके पति की मृत्यु हो गई थी तब से किसी तरह मेहनत मजदूरी करके अपना भरण पोषण कर रही थी लेकिन अब वृद्ध होने के कारण हाथ पैर काम नहीं करते पेंशन ही एकमात्र सहारा है वह भी समय से नहीं मिलती जिससे डर दर की ठोकरें खाने पर मजबूर है इसी प्रकार विकलांग जंजाली श्रीनिवास ने बताया पेंशन न मिलने के कारण बहुत परेशानी हो रही है उन्होंने मांग की है बैंक खातों में यथाशीघ्र पेंशन भेज दी जानी चाहिए।
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