का बरसा, जब कृषि सुखानी। कहावत आज कम्बल वितरण में चरितार्थ हो गई। जब कड़ाके की ठंड पड़ रही थी तब नगर पंचायत और राजस्व के कर्मचारी घरों में अँगीठी सेंक रहे थे। अब जब ठंडी का दौर अंतिम चरण में है तो कंबल वितरण कर रहे हैं। इस बार नगर पंचायत ने अलाव जलाने में भी कंजूसी की है। यदा यदा ही अलाव जलाए गए हैं। गुरुवार को कस्बे के नगर पंचायत प्रांगण में लेखपाल ने 120 लाभार्थियों को कम्बल सौपें। लाभार्थियों में सुकदेईया, राजकली, चंदन, सुमित्रा, कल्ली, गिरजा, सम्पत, रन्नो आदि का कहना था कि वह पूरे सर्दी भर हांड कंपाऊ ठंड से परेशान हो गए, अब जब ठंड का अंतिम दौर है तब कम्बल बांटे जा रहे हैं। वही बात हुई कि का बरसा जब कृषि सुखानी। लेखपाल कमल कुमार पांडेय का कहना है कि जब तहसील से उनको कम्बल बांटने के लिए दिए जाते है, तभी वह आकर गरीबों को कम्बल बांट देते हैं। हाल ही में भी 20 कम्बल बांट थे।
ठंड कम होने पर नगर पंचायत ने बांटे कंबल
ठंड कम होने पर नगर पंचायत ने बांटे कंबल