सरहद पर रहने वाले फौजी ने खोली गाँव की पोल

गलियों में कीचड़ के कारण जीवन बना नासूर माधौगढ – विकास खण्ड जालौन के अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायत दमां रहनवासियों के लिये नासूर बन चुकी है गलियों व गाँव में पनप रही गन्दगी ने ग्रामीणों के जीवन की राह को भटका दिया है ग्रामीणों के मुताबिक व असल तस्वीरों में साफ वयां हो रहा

गलियों में कीचड़ के कारण जीवन बना नासूर

माधौगढ –
विकास खण्ड जालौन के अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायत दमां रहनवासियों के लिये नासूर बन चुकी है गलियों व गाँव में पनप रही गन्दगी ने ग्रामीणों के जीवन की राह को भटका दिया है ग्रामीणों के मुताबिक व असल तस्वीरों में साफ वयां हो रहा कि गलियों में पनप रही गन्दगी व कीचड़ से लोग हताहत परेशान ही नही बल्कि असल मायनों में बीमारियों का घर बना हुआ है तो वहीं यदि किसी ग्रामीण को गलियों से निकलने के लिये कीचड़ में उतरकर जाना होता है व घरेलू सामान लाने में तो यह समस्याएँ उमड़ उमड़ कर सामने आती है

साहब हमें तो कीचड़ में चलने की आदत है

पानी का निकास ना होने के चलते गलियों में पनप रही गन्दगी लोगों के लिये नासूर बनी हुई है तो वही सरहद पर रहने वाले सूबेदार प्रीतम सिंह परिहार का कहना है कि गलियों में पसरी गन्दगी का असल कारण पानी का निकास ना हो पाना है क्योंकि तालाब तो बना है पर नाला की व्यवस्था नही है व प‍ानी का निकास ना होने से गलियों व रास्ते में गन्दगी पैर पसार रही है जिसके चलते ग्रामीण अच्छी खासी परेशानियों के बीच रह रहे है

गांव की टूटी सड़कें, नालियां जाम, गंदगी का लगा अंबार

गांव की अधिकांश सड़कें गड्ढों में तब्दील हैं  गांव में आज भी पर्याप्त इंडिया मार्का हैंड पंप और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था न होने से लोग दूषित जल पीने के लिए मजबूर हैं. गांव की नाली और गलियों की साफ सफाई के लिए रखे गए सफाई कर्मचारी गाँव के हालातों के मुताबिक  कभी गांव में नहीं आते व अधिकारियों के रहमो करम पर जहां सफाई कर्मचारी मौज कर रहे हैं, वहीं गांव की नालियां जाम हैं और गलियों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जिला पंचायत के विकास कार्य और योजनाएं यहां कागजों में सिमट कर रह गए हैं.

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