सोलर लाइटे हुई खराब, मरम्मत का अभाव
विद्युत सप्लाई चले जाने के बाद बाजारों और कस्बों में रहता है अंधेरा स्वतंत्र प्रभात भीटी अम्बेडकरनगर स्थानीय तहसील क्षेत्र के चौराहों और बाजारों में लाखों की लागत से लगाई गई सोलर लाइट लगभग दम तोड़ चुकी है और कुछ आनसिक रूप से खराब हो गई है। जो जुगनू की तरह रात में जलती बुझती
विद्युत सप्लाई चले जाने के बाद बाजारों और कस्बों में रहता है अंधेरा
स्वतंत्र प्रभात
भीटी अम्बेडकरनगर
स्थानीय तहसील क्षेत्र के चौराहों और बाजारों में लाखों की लागत से लगाई गई सोलर लाइट लगभग दम तोड़ चुकी है और कुछ आनसिक रूप से खराब हो गई है। जो जुगनू की तरह रात में जलती बुझती देखी जा सकती है। सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की समस्या को देखते हुए बाजारों के मुख्य चौराहों,कस्बों, ग्रामीण क्षेत्रों में रात के अंधेरे से निजात दिलाने के लिए भले ही सोलर लाइट लगाई गई थी।
लेकिन सोलर लाइट मरम्मत के अभाव में खराब पड़ी हुई है। जिससे बाजार वासी, ग्रामीण अंधेरे में रहने के लिए मजबूर है। इस पर कार्यदाई संस्था नेडा भी चुप्पी साधे हुये है। विभाग का रोना है कि उनके पास मरम्मत के लिए कोई भी बजट नहीं आता है। तहसील क्षेत्र के मिझौडा चौराहा, सेनपुर चौराहा, जमोलीगंज बाजार, समंथा चौराहा, अढनपुर बाजार, गोगवा चौराहा समेत कई स्थानों पर प्रधानमंत्री निधि से 3 से 4 वर्ष पूर्व सांसद निधि से लाखों के खर्च से सोलर लाइटें लगाई गई थी।
जो मरम्मत के अभाव में चौराहे और कस्बों में खराब पड़ी हुई हैं जिनकी मरम्मत नहीं कराया जा रहा है। बिजली चले जाने के बाद कस्बों और चौराहों पर अंधेरा ही अंधेरा नजर आता है। जहां एक तरफ विभाग का कहना है मरम्मत के लिए पैसा नहीं आता है। वहीं दूसरी तरफ नई सोलर लाइटें दूसरे मद से लगाई जा रही हैं।जो बाजारों और कस्बों में देखी जा सकती हैं। जहाँ पर बंद पड़ी सोलर लाइटों की मरम्मत कम खर्च में कराया जा सकता है।
लेकिन बंद पड़ी सोलर लाइटों पर कभी किसी दल के जनप्रतिनिधियों ने भी कोई आवाज नहीं उठाई जिसका खामियाजा है कि बाजारों और कस्बो में अंधेरा रहता है। वही वीडियो अनुपम सिंह ने फोन पर वार्ता में बताया कि हमारे क्षेत्र पंचायत में सांसद निधि के किसी कार्य (सोलर लाइट) मरम्मत के लिए कोई बजट नही आता है इसलिये मरम्मत पर व्यय नही करेंगे।
Comment List