भीटी थाने में कोर्ट के आदेश के बाद भी महीनों बीत जाने पर नहीं दर्ज हो सका मुकदमा

भीटी थाने में कोर्ट के आदेश के बाद भी महीनों बीत जाने पर नहीं दर्ज हो सका मुकदमा

स्वतंत्र प्रभात भीटी अंबेडकर नगर भीटी थाने में कोर्ट के आदेश के बाद भी महीनो बीत जाने पर अभी तक पीड़िता का मुकदमा पंजीकृत नहीं हो पाया है आपको बता दें की मामला ग्रामसभा लोहझरा का है जहाँ पर पीड़िता के गांव निवासी राकेश सिंह पुत्र यदुनाथ सिंह ने पीड़िता के पति से मिलकर कहां

स्वतंत्र प्रभात


भीटी अंबेडकर नगर

भीटी थाने में कोर्ट के आदेश के बाद भी महीनो बीत जाने पर अभी तक पीड़िता का मुकदमा पंजीकृत नहीं हो पाया है आपको बता दें की मामला ग्रामसभा लोहझरा का है जहाँ पर पीड़िता के गांव निवासी राकेश सिंह पुत्र यदुनाथ सिंह ने पीड़िता के पति से मिलकर कहां कि तुम्हारा तहसील भीटी वाले मुकदमे में जो तहसीलदार के यहां मामला विचाराधीन है

उसमें ₹25000 का व्यवस्था करवा दीजिए तो आपका मुकदमा आपके पक्ष में करवा दूंगा।पीड़िता के पति ने विपक्षी राकेश सिंह पर विश्वास करके ₹25000 दे दिया उस समय राकेश सिंह द्वारा यह कहा गया था

कि अगर आपका काम नहीं हुआ तो आपका सारा रुपया वापस कर देंगे। विपक्षी द्वारा पीड़िता के उक्त मुकदमे में कोई काम नहीं कराया गया

और सारा पैसा हड़प लिया गया। पीड़िता के पति दिनांक 4-10- 2019 को समय लगभग 4:30 बजे शाम को अपने मोबाइल से राकेश सिंह को फोन करके उक्त पैसा मांगा तो विपक्षी ने पीड़िता के पति को जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली गलौज किया और रुपया देने से साफ इंकार कर दिया।

इसी रंजिश के कारण उसी रात को राकेश सिंह एवं उनका भतीजा बंटी सिंह पुत्र राजेश सिंह तथा तीन-चार अज्ञात बदमाश ने पीड़िता के दरवाजे पर आए और पीड़िता को जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए

भद्दी भद्दी गालियां देने लगे और जब पीड़िता ने इसका विरोध किया तो विपक्षी गण मारने पीटने लगे। पीड़िता उसी समय डायल 112 पर सूचना देने लगी तो विपक्षी बंटी सिंह ने उसका मोबाइल छीन लिया और सिम निकाल कर फेंक दिया था और बद नियत से उसको पकड़ कर घर के अंदर खींच ले गया और उसके

नाजुक अंगों को दबाने लगे पीड़िता ने जब इसका विरोध किया तो उसने उसे उठाकर पटक दिया और उसकी साड़ी खींचकर उसके साथ गलत काम करने का प्रयास करने लगे पीड़िता के हल्ला गुहार पर गांव के लोग आए तब जाकर उसकी इज्जत बची थी विपक्षी जाते समय पीड़िता के परिवार वालों को जान से

मारने की धमकी देते हुए चले गए थे बाद में पीड़िता ने उक्त घटना के बाबत थाने पर प्रार्थना पत्र दिया परंतु कोई करवाई नहीं हुई तो पीड़िता पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र दिया था लेकिन वहां से भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो बाद में पीड़िता को कोर्ट का सहारा लेना पड़ा था।

जहाँ पर विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट एपी मिश्रा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए भीटी थाने को आदेश देकर मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना करने का निर्देश दिया था लेकिन आदेश के बाद भी भीटी थाने में एक महीना बीत जाने के बाद भी पीड़िता का मुकदमा पंजीकृत नहीं हो सका।

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