भीषण गर्मी व उमस के कोढ़ में खाज साबित हो रही बिजली कटौती
विनीत यादव अम्बेडकर नगर बुधवार को सूरज से निकल रही किरणों व उमस के चलते इंसान पानी-पानी दिखाई दिये। दिन भर गर्म हवाओं के थपेड़े भी चलते रहे। जिससे आवाम कराह उठी। सूरज की गर्मी बढती ही जा रही है। गर्मी के तेवर देख लोग सहम उठे। तपिश व उमस के चलते जरूरी काम होने
विनीत यादव
अम्बेडकर नगर
बुधवार को सूरज से निकल रही किरणों व उमस के चलते इंसान पानी-पानी दिखाई दिये। दिन भर गर्म हवाओं के थपेड़े भी चलते रहे। जिससे आवाम कराह उठी। सूरज की गर्मी बढती ही जा रही है। गर्मी के तेवर देख लोग सहम उठे। तपिश व उमस के चलते जरूरी काम होने पर ही लोग बाहर निकल रहे है। पारा अपने
अधिकतम सीमा 41 डिग्री पहुंच गया। तापमान बढने से पंखे व कूलरों ने जवाब दे दिया है। अब सिर्फ एसी का ही सहारा बचा है। उधर विद्युत विभाग भी अपनी मनमानी पर उतारू है। बिजली कटौती कोढ़ में खाज साबित हो रही है। लोगों का दिन एवं रात का चैन छिन गया है।
भीषण गर्मी के चलते अब लोग बारिश का बेसब्री से इंतेजार कर रहे हैं लेकिन वर्तमान में पड़ रही भीषण गर्मी से जनजीवन त्राहि-त्राहि कर रहा है। लोगों को उम्मीद है कि आगामी बारह एवं तेरह जून से मानसून की बौछारे जनसमुदाय को राहत दिला सकती है। भीषण गर्मी के चलते विद्युत व्यवस्था भी पूर्णरूप से चरमरा गयी
है। नये सेड्यूल के अनुसार विद्युत की आवाजाही गर्मी को और बढा रही है। जिससे जनसमुदाय का रात को सोना भी दूभर हो गया है। वहीं ठंडे पानी के लिए लोग फ्रिज को छोड़ बर्फ पर आश्रित हो रहे है। बर्फ की बढती मांग ने बर्फ व्यवसायियों की भी लाटरी खोल दी है। वहीं गर्मी को लेकर नन्हे-मुन्हे नौनिहालों में
बीमारियों का इजाफा भी होना शुरू हो गया है। अस्पताल में भर्ती मरीज बिजली की आवाजाही से हाल-बेहाल है। किसान भाई भी पानी की कमी को लेकर चिंता में है। गांव-गांव में जलस्तर घटता जा रहा है। मवेशियों के लिए पानी की कमी बढती जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रो में स्थापित राजकीय नलकूप अधिकतर तो खराब
पड़े है या बंद है। मनरेगा के तहत गांव-गांव में खोदे गये तालाबों में भी पानी नहीं है। ग्रामीणो को हैण्डपम्प एवं कुंओं का ही सहारा बचा है। वहीं शहरी क्षेत्र में भी जलापूर्ति को लेकर दुश्वारियां पैदा है। विद्युत की आपूर्ति में बाधा के चलते जलापूर्ति प्रभावित हुई है।
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