विकासखंड के ग्राम करहिया गांव सरकारी धन का दुरुपयोग

विकासखंड के ग्राम करहिया गांव सरकारी धन का दुरुपयोग

मौदहा( हमीरपुर ) भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने के लिए लाख प्रयासों के बावजूद कम होने का नाम नहीं ले रहा ऐसा ही मामला विकासखंड के ग्राम करहिया गांव सरकारी धन का दुरुपयोग एवं संबंधित अधिकारी मिलकर बंदरबांट करने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया और कहा कि यह गांव पिछली सरकार में लोहिया रह चुका है।

मौदहा( हमीरपुर )

भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने के लिए लाख प्रयासों के बावजूद कम होने का नाम नहीं ले रहा ऐसा ही मामला विकासखंड के ग्राम करहिया गांव सरकारी धन का दुरुपयोग एवं संबंधित अधिकारी मिलकर बंदरबांट करने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया और कहा

कि यह गांव पिछली सरकार में लोहिया रह चुका है। सरकारी धन इस गांव में बहुत आया उसका 10 परसेंट भी विकास कार्य में प्रयोग नहीं किया गया धन को बंदरबांट कर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया गया। गांव में किसी प्रकार का कोई विकास नहीं

दिख रहा जो भी थोड़ा बहुत विकास दिख रहा है वह जिला पंचायत एमएलसी शिक्षक निधि का दिख रहा है 5 वर्ष का यदि क्रमवार जांच की जाए तो सारी योजनाएं कागजों में सिमटी मिल जाएंगी जो भी ग्रामीणों शिकायत करने जाता है। शिकायत

करने के बाद जो भी संबंधित अधिकारी यहां आए खानापूर्ति करके चले गए और कोई वास्तविक जांच नहीं हुई इसलिए ग्राम प्रधान के हौसले बुलंद है और आला अधिकारी इस भ्रष्टाचार को हवा दे रहे हैं। जब योगी सरकार भ्रष्टाचार से मुक्ति करने का

सरकार वादा कर चुकी हैं ।फिर भी सरकारी धन को बड़ी निर्भीकता के साथ पलीता लगाया जा रहा है। ग्रामवासी रामपाल गंगा प्रसाद रामस्वरूप ने बताया हमारे गांव में वृंदा कोरी के दरवाजे में एक पुलिया का निर्माण हुआ। उस पुलिया का निर्माण लागत

लगभग 100000(एकलाख) रुपए का प्रस्ताव हुआ। पुलिया बनते ही टूट गई फिर दोबारा दूसरा प्रस्ताव संबंधित अधिकारियों मदद से 489000(चार लाख नवानी हजार) का बना इस प्रकार से सरकारी धन को पलीता लगाने के लिए नए-नए तरीके

अपनाए जाते हैं। एक एक काम के लिए 14वें वित्त राज्य वित्त से कई दोबारा प्रस्ताव बनाकर पैसा निकाल लिया गया अभी तक गांव में किसी प्रकार का कोई विकास नहीं हुआ। सीधे-सीधे सरकारी धन का भ्रष्टाचार कर बंदरबांट किया गया। वहीं

ग्रामीण हरि मिश्रा कहना है कि हमारे गांव में जगह जगह पर नालियां बजबजा रही हैं ।निकलने के लिए रास्ता नहीं है गंदगी का अंबार लगा हुआ पुराने काम अधूरे पड़े हुए प्राथमिक एवं पूर्व विद्यालय में जो भी मॉडर्न शौचालय बनाए गए थे 3 वर्ष पूर्व

आज भी अधूरे पड़े हुए हैं बच्चों के उपयोग से मिलो दूर है।और मोदी सरकार के स्वच्छता अभियान को ठेंगा दिखा रहे हैं। इसी प्रकार का लक्ष्मी यादव से बद्री यादव के मकान की 50 मीटर की आर शीशी का बजट 1 वर्ष पूर्व निकला था आज भी और

रास्ता जस की तस पड़ी हुई हैं। संबंधित अधिकारी मलाई खाकर मौन व्रत धारण  किए हुए हैं। वही ग्राम विकास अधिकारी से जानकारी किया गया तो उनका कहना कि गांव के नागरिक ही भ्रष्ट है यदि भ्रष्ट नहीं होते तो ऐसा प्रधान ही नहीं चुनते 72 साल

के लोकतंत्र में मनरेगा मे रात दिन जेसीबी चल रही है पत्रकारों में इतना साहस नहीं है वह जेसीबी के बारे में लिख सके। सचिव द्वारा गैर जिम्मेदार बयान दिया ग।

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