भारी संख्या में मजदूरों के पलायन ने बढ़ाई चिंता की लकीरें

भारी संख्या में मजदूरों के पलायन ने बढ़ाई चिंता की लकीरें

महानगरों से भागकर ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच रहे मजदूर लहरपुर सीतापुर। कोरोना वायरस जैसी घातक महामारी से जूझ रहे देश में जहां केंद्र व राज्य सरकारें 21 दिन के लॉक डाउन के बाद अच्छे परिणाम आने की संभावनाएं जता रही थी। और लॉक डाउन का पूर्णता पालन कराने के लिए हर संभव प्रयास किया जा

महानगरों से भागकर ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच रहे मजदूर

 लहरपुर सीतापुर।

कोरोना वायरस जैसी घातक महामारी से जूझ रहे देश में जहां केंद्र व राज्य सरकारें 21 दिन के लॉक डाउन के बाद अच्छे परिणाम आने की संभावनाएं जता रही थी। और लॉक डाउन का पूर्णता पालन कराने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा था। वही देश में लॉक डाउन की घोषणा के बाद महानगरों में काम कर रहे लाखों की संख्या में देहाडी मजदूरों द्वारा अपने अपने गांवों की तरफ रुख करते हुए पलायन से  हाईवे की सड़कों पर भारी भीड़ ने एक बार फिर केंद्र व राज्य सरकारों की चिंता की लकीरों को बढ़ा दिया है।

कोरोना वायरस के संक्रमण को बढ़ने की संभावनाएं भी। मजदूरों के पलायन से जहां सीएम पीएम व हुक्मरान परेशान हैं वहीं सूत्रों की माने तो महानगरों से पलायन करके अपने अपने गांव में पहुंच रहे कामगारों की दस्तक से ग्रामीण क्षेत्रों में भी भय का माहौल है क्योंकि मीडिया तथा सोशल मीडिया पर महानगरों में फैले संक्रमण की खबरों और महानगरों से पहुंचे मजदूरों को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोनावायरस के संक्रमण की संभावनाएं तेज हो गई हैं । उक्त समस्या को गंभीरता से लेते हुए भले ही राज्य सरकारों ने पलायन करके पहुंचने वाले मजदूरों के लिए तहसील स्तर पर अधिकारियों को निर्देशित किया है,  कि प्रत्येक गांव में सरकारी विद्यालय, पंचायत भवन आदि में बाहर से आए हुए मजदूरों के ठहरने तथा एतिहात बरतने ने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएं। लेकिन अफसोस अब तक शासन के आदेश को तहसील स्तर पर अधिकारी व कर्मचारी अमली जामा पहनाने में नाकाम साबित हो रहे हैं।

क्योंकि नगरों से पलायन करके आने वाले सैकड़ों मजदूर आज भी सीधे अपने परिवार के बीच जाकर रह रहे हैं । और उन पर अंकुश लगाने वाला कोई प्रतीत नहीं हो रहा यही आलम रहा तो ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण को रोकना बहुत कठिन हो जाएगा । मजदूरों के पलायन से उभरी बड़ी समस्या में सरकार के साथ – साथ  शासन-प्रशासन अधिकारी, कर्मचारी तथा आम जनता को भी गंभीरता से लेने और अपना अपना योगदान देने की आवश्यकता है। क्योंकि सब के सहयोग से ही कोरोना को मात दी जा सकती है।

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