गन्ना किसानों पर भारी पड़ रही है सर्वे में हुई कर्मियों की मनमानी

गन्ना किसानों पर भारी पड़ रही है सर्वे में हुई कर्मियों की मनमानी

अम्बेडकर नगर । भीटी विकास खंड की कई गांव पंचायतों में इस समय गन्ना की पर्ची न आने के कारण किसानों का हाल बेहाल हो गया है। गांवों में अभी तक कई बीघा पेड़ी भी मिल पर नहीं जा सकी है, जिससे किसान गेहूं बोने से वंचित हो गए हैं। बार बार गन्ना समिति का

अम्बेडकर नगर । भीटी विकास खंड की कई गांव पंचायतों में इस समय गन्ना की पर्ची न आने के कारण किसानों का हाल बेहाल हो गया है। गांवों में अभी तक कई बीघा पेड़ी भी मिल पर नहीं जा सकी है, जिससे किसान गेहूं बोने से वंचित हो गए हैं। बार बार गन्ना समिति का चक्कर लगाने के बाद भी किसानों को पर्चियां

नहीं मिल पा रही हैं।सर्वे के समय धनवाही के बल पर सर्वे का कार्य किया गया था। तत्समय भी कई किसानों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि पैसे के बल पर सर्वे कार्य किया जा रहा है परंतु किसानों की पीड़ा को अनसुनी करते हुए उस पर समिति के अधिकारियों ने मामले को नजरअंदाज कर दिया और कोई कार्रवाई नहीं की। इस समय भीटी विकास खंड के चंदापुर,

पकड़ी नगऊपुर, बासूपुर बनियानी, लोझरा, समरसिंहपुर समेत कई गांव पंचायतों में अभी भी काफी संख्या में किसानों के खेत में पेड़ी खड़ी है। चंदापुर में तो अभी सैकड़ों बीघा पेड़ी खेतों में खड़ी है। किसान बार-बार अकबरपुर जाकर समिति का चक्कर लगा रहे हैं परंतु उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। कह रहे हैं कि जो कैलेंडर फीड है उसी के अनुसार कार्य होगा। उधर जिसके पास

गन्ना नहीं है उसकी कई पर्चियां आ रही हैं और वह ब्लैक करके गन्ना को बेच रहा है। इस समय धंधे वालों और माफिया के पास पावर है किसान तो परेशान है। उनका हाल बेहाल है। उधर जो दलाल व माफिया किस्म के लोग हैं जिसके पास गन्ना नहीं है। उनके यहां तमाम पर्चियां हैं। यह सारा खेल सर्वे के समय का है और सर्वे के अधिकारियों ने पैसे के बल पर सारे खेल कर दिए हैं। खुलेआम चंदापुर में कई किसानों ने बताया कि उनसे 500 रुपए बीघा के हिसाब से मांगा जा रहा था। उन्होंने नहीं दिया तो गन्ने का एरिया सर्वे में कम दिखा दिया, जिससे उनकी पेड़ी की गणना भी नहीं जा पा रही है। किसान बालकृष्ण तिवारी, रमाकांत पांडे,

लक्ष्मी कांत पांडे समेत कई किसानों ने बताया कि सर्वे के समय पैसा न देने के कारण ही यह सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अगर अबकी बार भी यही हाल रहा तो वह लोग गन्ने का एरिया बहुत कम कर देंगे और उतना ही गन्ना बोएंगे, जितना पेरा करके गुड़ बना लेंगे।

Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel