IAS Success Story: गरीब परिवार से IAS बनने की अनकही कहानी, पढ़ें मोइन अहमद की सक्सेस स्टोरी
बचपन का सपना और आर्थिक मजबूरी
मोइन अहमद का जन्म मुरादाबाद के जटपुरा गांव के दिलाड़ी इलाके में हुआ। उनके पिता वली हसन यूपी रोडवेज में बस ड्राइवर हैं और मां तसलीम जहां गृहिणी। पांच भाई-बहनों में मोइन दूसरे नंबर पर हैं।
बचपन में मोइन क्रिकेटर बनने का सपना देखते थे, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ने इसे असंभव बना दिया। कम उम्र में ही उन्होंने परिवार का सहारा बनने और भविष्य के लिए पैसे बचाने हेतु काम करना शुरू कर दिया। साइबर कैफे में काम करते हुए ही उनके मन में यूपीएससी की तैयारी करने का विचार आया।
सपनों का संघर्ष और विरोध
UPSC में जाने के फैसले को परिवार और रिश्तेदारों ने हमेशा समर्थन नहीं दिया। पिता को चिंता थी क्योंकि मोइन अच्छी कमाई कर रहे थे और अनिश्चित राह पर जाने का निर्णय उनकी नजर में जोखिम भरा था। वहीं उनकी मां ने हमेशा उनका समर्थन किया।
दिल्ली की तैयारी और शुरुआती असफलताएँ
मोइन ने 2019 में साइबर कैफे की नौकरी छोड़कर दिल्ली का रुख किया। कोचिंग और रहने का खर्च उठाने के लिए उन्होंने ढाई लाख रुपये का लोन लिया।
तीन प्रयासों में असफल होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। अपनी गलतियों और कमजोरियों को पहचानकर सुधारने की प्रक्रिया में उन्होंने लगातार मेहनत जारी रखी।
चौथे प्रयास में मिली सफलता
मोइन अहमद की मेहनत और दृढ़ संकल्प का परिणाम चौथे प्रयास में मिला। UPSC 2022 में उन्हें 296वीं रैंक प्राप्त हुई और वे पश्चिम बंगाल कैडर के आईएएस अधिकारी बने।

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