सोनभद्र में जल संकट गहराया हर घर नल योजना बेदम, कर्मचारियों ने वेतन न मिलने पर ठप की पानी सप्लाई
हर घर नल योजना फ्लाप, लोगों को हो रही परेशानी
कोन क्षेत्र के सरकार के महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल योजना का हाल
राजेश तिवारी ( क्राइम ब्यूरो रिपोर्ट)
सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश-
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में पानी का संकट लगातार गहराता जा रहा है, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। दूरस्थ इलाकों से लेकर जिला मुख्यालय तक हर जगह लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। ज्यादातर जगहों पर पानी की आपूर्ति टैंकरों के माध्यम से की जा रही है जो कि बहुत बड़ी समस्या की ओर इशारा करता है।
सरकार और स्थानीय लोगों को उम्मीद थी कि हर घर नल योजना इस साल पानी की किल्लत को खत्म कर देगी, लेकिन सोनभद्र में यह योजना दम तोड़ती नजर आ रही है। स्थिति तब और भी बदतर हो गई जब विभाग द्वारा फर्जी रिपोर्टिंग सामने आई। लखनऊ से आए एक नोडल अधिकारी की जांच में भी विभाग की पोल खुल गई, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि योजना का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर प्रभावी नहीं है।
अभी प्रशासन इन सब परेशानियों से जूझ ही रहा था कि एक और बड़ी समस्या सामने आ गई। विकास खंड कोन के हर्रा, खेतकटवा, कचनरवा, खरौंधी सहित दर्जनों कार्यालयों पर सोमवार सुबह से ही पानी की सप्लाई बंद कर दी गई और उन पर ताला जड़ दिया गया। इन कार्यालयों पर तैनात कर्मचारी, जिनमें राहुल गुप्ता, सुजीत कुमार, बलवंत कुमार, लवकुश कुमार, दिलीप गुप्ता, संदीप कुमार, संतोष कुमार, विकास रंजन, रमजान अहमद, दिलशाद अहमद समेत कुल 42 कर्मचारी शामिल हैं जिसने एक स्वर में यह कदम उठाया।
आक्रोशित कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें पिछले साढ़े तीन महीने से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। वेतन की मांग करने पर अधिकारियों द्वारा केवल आश्वासन दिया जाता है, जिससे वे आर्थिक तंगी और भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। कर्मचारियों ने बताया कि एक कर्मचारी के पिता ने तो समूह का पैसा न दे पाने के कारण आत्महत्या करने का प्रयास किया था, जिसे किसी तरह बचा लिया गया। इस घटना ने कर्मचारियों के आक्रोश को और बढ़ा दिया।आक्रोशित कर्मचारियों ने एक स्वर में कहा कि जब तक उनके बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया जाता, तब तक वे काम पर वापस नहीं लौटेंगे।
पानी की आपूर्ति के अचानक बंद होने से संबंधित क्षेत्रों में हाहाकार मच गया है। पहले से ही पानी की कमी झेल रहे लोग अब और भी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। इस गंभीर स्थिति पर प्रोजेक्ट मैनेजर सुदर्शन बिंद ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कुछ तकनीकी समस्या के कारण वेतन का भुगतान बकाया है। उन्होंने मंगलवार को सभी कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने का आश्वासन दिया है।यह देखना बाकी है कि क्या प्रोजेक्ट मैनेजर का यह आश्वासन कर्मचारियों के आक्रोश को शांत कर पाता है और पानी की आपूर्ति जल्द से जल्द बहाल हो पाती है। सोनभद्र में गहराता यह जल संकट और 'हर घर नल' योजना की विफलता स्थानीय प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
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