एक विधवा दलित परिवार के मसीहा बने सवर्ण समाज
मंदिर की सेविका की बेटी की शादी मंदिर के प्रधान पुजारी तथा उनके सहयोगियों द्वारा मिलकर कराई गई!
सवर्ण समाज का अहम भूमिका
राजेश तिवारी ( क्राइम ब्यूरो)
रावर्टसगंज ब्लॉक अंतर्गत रहने वाली एक दलित परिवार की दो बेटियों की शादी सवर्ण समाज के कुछ लोगों द्वारा सहयोग करके कराई गई। यह घटना उस माहौल में एक सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करती है, जहां अक्सर दलित समुदाय के लोग सवर्ण समाज द्वारा शोषण किए जाने की बात करते हैं और उनके प्रति द्वेष की भावना रखते हैं। कई बार तो दलित समुदाय के द्वारा सवर्णों का कानूनी तौर पर शोषण भी किया जाता है।

इसके विपरीत सवर्ण समाज से आने वाली मां प्रकटेश्वरी देवी मुठेर की प्रधान पुजारी विद्यावती देवी एवं उनके सहयोगियों ने मंदिर की दलित सेविका कांति देवी, पत्नी स्वर्गीय सिरी कोल, की प्रथम पुत्री पूनम की शादी सन 2023 में कराई थी। इसी क्रम में, प्रधान पुजारी एवं भक्तगणों के सहयोग से कांति देवी, निवासी मुठेर, जनपद सोनभद्र, की दूसरी पुत्री रेशमी का विवाह 14 मई 2025 को धर्मेंद्र, पुत्र रामजीत, निवासी चिरहुली टोला मंठहवा, जनपद सोनभद्र, का मंदिर प्रांगण से संपन्न कराया गया। इस प्रकार सवर्ण समाज ने एक पुनीत कार्य करते हुए मां प्रकटेश्वरी देवी मंदिर की दलित सेविका कांति देवी को उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त कराया।
इस पुनीत कार्य में मुख्य रूप से सहयोग एवं जिम्मेदारी निभाने वाले सवर्ण समाज के अगोरी बड़हर राज परिवार के सर्व कुंवर दीपेंद्र रमण ब्रह्मशाह (दीपू राजा) बिच्छी, शारदा तिवारी सिद्धि कला, भोला दुबे अतरवा, श्रीकांत चौबे बेलगाइ, इंद्र कुमार चौबे मुठेर, सत्य प्रकाश गुप्ता वाराणसी, नीतू सिंह पटेल वाराणसी, कृष्णकांत दुबे रावर्ट्सगंज, जयप्रकाश पांडे (चेखुर पांडे) रावर्ट्सगंज, मन्नू पांडे ममुआ, रामसनेही कोल छपका, मोनू सिंह पटेल चुनार, सत्य प्रकाश दुबे रावर्ट्सगंज, ठाकुर प्रसाद पाठक बहुआर, नवीन मिश्रा ओबरा, बिरेस त्रिपाठी रावर्ट्सगंज, आदि अन्य भक्तगण शामिल रहे, जिनकी उपस्थिति एवं सहयोग से दलित समाज की बेटी का विवाह सकुशल संपन्न हुआ।
इस तरह का पुनीत कार्य यदि आगे भी ऐसे ही होता रहा, तो दलित समुदाय जो अपने को स्वर्ण समाज से अलग मानने की धारणा अपने मन में लिए भ्रांति का शिकार हो रहे हैं, ऐसे ही कार्यों की वजह से आगे चलकर इस तरह की धारणाएं मिथ्या साबित होने में देर नहीं लगेगी। यह घटना सामाजिक समरसता और सौहार्द का एक महत्वपूर्ण संदेश देती है।

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