महाबोधि विहार मुक्ति आंदोलन के समर्थन में बौद्ध अनुयाइयों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन
राजेश तिवारी ( क्राइम ब्यूरो)
सोनभद्र / उत्तर प्रदेश-
विहार प्रदेश के महाबोधि विहार, बोधगया में चल रहे मुक्ति आंदोलन के समर्थन में सोमवार को सयुक्त बुद्धिष्ट संगठन जनपद सोनभद्र के तत्वाधान में बौद्ध अनुआईयों द्वारा कलेक्ट्रेट गेट ( वाराणसी शक्तिनगर मार्ग ) से जुलूस के साथ नारे लगाते हुए कलेक्ट्रेट परिसर पहुँच महाबोधि विहार मुक्ति आंदोलन के समर्थन में बोधिगया टेम्पल एक्ट ( B T Act 1949 ) को निरस्त करके महाबोधि बुद्ध विहार, बोधगया ( विहार प्रदेश ) का प्रबंधन बुद्धिष्टो को सौंपे जाने के समर्थन में महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन पत्र अपर जिलाधिकारी सोनभद्र को सौंपा। जिसकी प्रतिलिपि प्रधानमंत्री भारत सरकार, राज्यपाल विहार प्रदेश एवं मुख्यमंत्री विहार प्रदेश के नाम भी ज्ञापन पत्र सौपा ।
इस दौरान कार्यक्रम सयोंजक सुमन्त सिंह मौर्य एवं डा0 भागीरथी सिंह मौर्य ने कहा कि बिहार गजेटियर 6 जुलाई 1949 को बिहार सरकार द्वारा बोधगया टेम्पल एक्ट 1949 लागू कर महाबोधि बुद्ध विहार बोधगया (बिहार प्रदेश) में विधर्मी समुदाय को प्रबंधतंत्र में शामिल करने से बौद्ध विरासत को भारी नुकसान हो रहा है। महाबोधि बुद्ध विहार बोधगया दुनिया के सभी बुद्धिस्टो का बहुत बड़ा धार्मिक केंद्र एवं एक पवित्र स्थान है।
जबसे बोधगया टेम्पल एक्ट 1949 लागू किया गया और विधर्मियो को प्रबन्धन में सम्मिलित किया गया तब से बुद्धिस्टो के इस पवित्र स्थल के परिसर के आस पास अतिक्रमण करके कई विधर्मी देवी देवताओं की छोटी बड़ी प्रतिमा को स्थापित करके पूजा पाठ शुरू कर दिया गया है तथा विधर्मी कर्मकांड भी इस परिसर के अन्दर किया जा रहा है जो बुद्धिस्ट समाज एवं मान्यता का घोर अपमान है, बुद्धिस्टो के धार्मिक आस्था व मान्यताओं को चोट पहुँच रहा है जिससे पूरा बुद्धिस्ट समाज आहत है।
इस तरह के कानून होने से भारत ही नही बल्कि पूरी दुनिया के बुद्ध में आस्थावान समाज, समतावादी एवं बौद्ध समाज में क्षोभ व्याप्त है।इसी क् में आदित्य मौर्य एवं समृद्धि कुशवाहा ने कहा कि बी टी एक्ट 1949 को समाप्त किये जाने और महाबोधि बुद्ध विहार बोधगया का प्रबन्धन पूरी तरह से बुद्धिस्टो के हाथों सौंपे जाने को लेकर लम्बे समय से महाबोधि बुद्ध विहार बोधगया (बिहार प्रदेश) के साथ साथ पूरे देश व दुनिया में बौद्ध समाज आंदोलनरत है, आज विशाल धरना-प्रदर्शन संयुक्त बुद्धिस्ट संगठन सोनभद्र के माध्यम से समस्त बुद्ध विहार सोनभद्र, बौद्ध समाज सोनभद्र, बौद्ध उपासक सोनभद्र, समतावादी समाज सोनभद्र बोधगया बुद्ध विहार मुक्ति आंदोलन का समर्थन करता है ।
वहीँ सन्तोष कुमार पटेल, श्रीपति विश्वकर्मा, एड0 अशोक कुमार कन्नौजिया* ने कहा कि बी टी एक्ट 1949 को तत्काल निरस्त किये जाने। महाबोधि बुद्ध विहार बोधगया (बिहार प्रदेश) का प्रबन्धन राज्य सरकार अपने नियंत्रण से मुक्त कर महाबोधि बुद्ध विहार बोधगया के बुद्धिस्टो के हाथों में सौंपे जाने ।महाबोधि बुद्ध विहार मुक्ति आंदोलन बोधगया' में आंदोलनरत बौद्ध भिक्षुओं, बुद्धिस्टो पर दर्ज किये गए सभी एफ आई आर को वापस लेकर रिहा किये जाने ।
सारी दुनिया को समता, स्वतंत्रता,मानवता, न्याय, बंधुत्व, करुणा, सुख-शान्ति व अहिंसा का संदेश देने वाले लोकतांत्रिक विचार देने वाले महानायक बुद्ध के ज्ञान स्थली 'महाबोधि बुद्ध विहार बोधगया' के आंदोलन के महत्ता को बल प्रदान करते हुए इसका प्रबंधन बुद्ध भिक्षुओं को सौपे जाने ।
वर्तमान समय मे बुद्ध भिक्षुओं व बुद्ध उपासकों व समर्थकों को तरह तरह से तिरस्कृत व उत्पीड़ित व अपमानित किया जा रहा है कहीं कहीं प्रायोजित हिंसा का शिकार भी होना पड़ रहा है, जिस पर तत्काल रोक लगाए जाने की जरूरत है जिससे बौद्ध अनुयायी अपने पवित्र स्थली पर सुरक्षा व संरक्षण के माहौल में देशाटन का सुअवसर प्राप्त कर सकें।
धरना प्रदर्शन में किरन सिंह कुशवाहा, विजयमल मौर्य, इंदु मौर्य, डा0 शिवशंकर राव, मंगला प्रसाद मौर्य , अनिल कुमार, राकेश कुमार मौर्य, लक्ष्मण सिंह, मनोज कुमार , डा0 विनोद कुमार, लक्ष्मी नारायण पटेल , राजन ढरीकार, कलीम बौद्ध, संजय मौर्य, डा0 पी0 के0 सिंह, रमेश चन्द्र वर्मा, प्रदीप कुमार, मुलायम सिंह, डा0 रामराज बिंद, रामचन्द्र मौर्य, इंद्राज मौर्य, अनुरुद्ध सिंह, नन्दलाल, परमेश्वर भारती, चरन , गुलाब, आशीष, राजकुमार बौद्ध, दयाशंकर निषाद, जगदीश बौद्ध, सुनील कुमार, जय प्रकाश मौर्य , दशरथ मौर्य , चन्द्रभान, नागेश्वर सिंह, भागवत, बाबू लाल पनिका, जोखन प्रधान, राजेन्द्र मौर्य बाबा, बलवंत सिंह, पोषक मौर्य सहित सैकङो लोग मौजूद रहे ।
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