पेरिस एआई शिखर सम्मेलन: नवाचार और नैतिकता के बीच संतुलन

पेरिस एआई शिखर सम्मेलन: नवाचार और नैतिकता के बीच संतुलन

पेरिस में आयोजित कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) पर वैश्विक शिखर सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बन चुका हैजहाँ विश्व के अग्रणी नेताप्रौद्योगिकी विशेषज्ञ और नीति-निर्माता एकत्र होकर एआई के भविष्य पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। यह सम्मेलन केवल नवाचार को बढ़ावा देने तक सीमित नहीं हैबल्कि एआई से उत्पन्न नैतिकसामाजिक और सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए भी समर्पित है। एआई की असीम संभावनाओं को उजागर करते हुए यह सम्मेलन उन नवीन विचारों को सामने लाता हैजो प्रौद्योगिकीविज्ञान और व्यवसाय के क्षेत्र में नए समाधान प्रस्तुत कर सकते हैं। साथ हीयह गोपनीयता हनननौकरियों के ह्रास और एआई के दुरुपयोग जैसे जोखिमों पर गहन चर्चा करता हैजिससे एआई के जिम्मेदार और सुरक्षित उपयोग को सुनिश्चित किया जा सके।

एआई नवाचार और शासन को लेकर वैश्विक सहमति बनाना इस सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य है। विकसित और विकासशील देशों के बीच एआई नीतियों में संतुलन स्थापित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि सभी देशों को इसका समान लाभ मिल सके। अमेरिकायूरोपीय संघ और चीन की एआई नीतियों में स्पष्ट अंतर देखा जा सकता है। अमेरिका जहां उद्योग-संचालित नवाचार को प्राथमिकता देता हैवहीं यूरोपीय संघ सख्त एआई कानूनों पर जोर दे रहा है। दूसरी ओरचीन सरकारी नियंत्रण के साथ एआई विकास को आगे बढ़ा रहा है और अपने नए चैटबॉट "डीपसीक" के माध्यम से वैश्विक स्तर पर तकनीकी प्रभुत्व स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है। इस संदर्भ मेंभारत की भूमिका भी उल्लेखनीय हैजो इस शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता कर रहा है। भारत समावेशी और जिम्मेदार एआई नीतियों की वकालत कर रहा हैताकि एआई केवल बड़े कॉरपोरेट्स तक सीमित न रहेबल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग को इसका लाभ मिले।

फ्रांस एआई क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है। उसने एआई अनुसंधान और अवसंरचना के विकास के लिए €109 बिलियन की विशाल धनराशि आवंटित की है और एक "सार्वजनिक लाभ एआई संस्थान" की स्थापना की हैजो नैतिक और पारदर्शी एआई अनुप्रयोगों पर केंद्रित रहेगा। यूरोपीय संघ द्वारा निजी कंपनियों पर एआई का पूर्ण नियंत्रण रोकने की पहल का फ्रांस समर्थन कर रहा हैजिससे यह स्पष्ट होता है कि वह एआई विकास को संतुलित और समाजोपयोगी बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस शिखर सम्मेलन में विभिन्न देशों और उद्योगों के दिग्गज भाग ले रहे हैंजिनमें अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे. डी. वेंसचीन के उप प्रधानमंत्री झांग गुओकिंगओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन और डीपमाइंड के सीईओ डेमिस हासाबिस प्रमुख हैं। यह सम्मेलन एआई नवाचार और नैतिकता के बीच संतुलन स्थापित करनेएआई सुरक्षा और वैश्विक सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इसमें एक संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना हैजो एआई नियमन के लिए एक व्यवस्थित दृष्टिकोण प्रदान करेगा। हालांकि अमेरिका और चीन के बीच तकनीकी प्रतिस्पर्धा को देखते हुए इस पहल की सफलता को लेकर संदेह बना हुआ हैफिर भी यह स्पष्ट है कि एआई से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए वैश्विक स्तर पर सहयोग आवश्यक है।

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चैटजीपीटी के आगमन के बाद से जनरेटिव एआई ने अभूतपूर्व परिवर्तन किया है। यह टेक्स्ट निर्माणचित्र और वीडियो जनरेशनडेटा विश्लेषण सहित विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी भूमिका निभा रहा है। लेकिन इसके साथ ही एआई से जुड़े सुरक्षा और व्यक्तिगत गोपनीयता संबंधी गंभीर चिंताएँ भी बढ़ी हैं। हाल ही में चीन द्वारा लॉन्च किया गया डीपसीक चैटबॉट वैश्विक प्रौद्योगिकी क्षेत्र में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। इसे चैटजीपीटी का प्रमुख प्रतिस्पर्धी माना जा रहा हैऔर इस पर डेटा चोरी के आरोप भी लगे हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके सलाहकारों ने इसे अमेरिकी तकनीकी उद्योग के लिए खतरा बताया है। कुछ देशों में इसकी जांच शुरू हो गई है और कुछ स्थानों पर इस पर प्रतिबंध भी लगाया गया है।

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चीन के उप प्रधानमंत्री झांग गुओकिंग इस सम्मेलन में स्वयं भाग ले रहे हैंजिससे यह स्पष्ट होता है कि चीन एआई क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए गंभीर है। पश्चिमी देशों और चीन के बीच पहले से ही तकनीकी प्रतिस्पर्धा जारी थीऔर डीपसीक ने इस संघर्ष को और गहरा कर दिया है। इस सम्मेलन में एआई को नैतिकतापारदर्शिता और लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर संचालित करने के लिए वैश्विक सहमति बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

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पेरिस में हो रहा यह शिखर सम्मेलन एआई के भविष्य को निर्धारित करने में एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हो सकता है। इसका लक्ष्य केवल नई तकनीकों को अपनाना नहींबल्कि उनके साथ आने वाली चुनौतियों का समाधान भी खोजना है। निजता और सुरक्षा से जुड़े जटिल प्रश्नों का हल निकालना और ऐसी एआई विकसित करना जो संपूर्ण मानवता के हित में होइस सम्मेलन के प्रमुख एजेंडा में शामिल है। आज हम एक ऐसे दौर में हैं जहाँ एआई केवल एक तकनीकी उपकरण नहींबल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन का महत्वपूर्ण कारक बन चुका है। डीपसीक और चैटजीपीटी जैसी प्रणालियाँन केवल तकनीकी क्षेत्र में बल्कि राजनीति और समाज पर भी व्यापक प्रभाव डाल रही हैं।

इस संदर्भ मेंएक संतुलित और नैतिक दृष्टिकोण अपनाना ही एआई के भविष्य को सुरक्षित करने का एकमात्र मार्ग है। इस सम्मेलन के माध्यम से विश्व के नेताविशेषज्ञ और नीति-निर्माता एआई विकास को स्थिरता और विश्वास के साथ आगे बढ़ाने की रणनीति बना रहे हैं। एआई का सही दिशा में उपयोग किया जाएयह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार नीतियों की आवश्यकता है। इसका लक्ष्य ऐसी प्रणाली बनाना हैजो नैतिक मूल्यों का सम्मान करते हुए समाज की भलाई के लिए कार्य करे और विश्व को एक सुरक्षित एवं समृद्ध भविष्य की ओर ले जाए।

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