6 माह पूर्व बनकर तैयार विद्यालय भवन नहीं हुआ हैंडओवर
बच्चे और अभिभावक देख रहे नये भवन में कक्षाएं संचालित होने की राह
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शिवगढ़,रायबरेली। क्षेत्र के बैंती कस्बा स्थित प्राथमिक विद्यालय बैंती द्वितीय की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। विद्यालय के नये भवन की साथ ही विद्यालय की बाउन्ड्रीवाल तथा शौंचालय पिछले 6 महीने पूर्व से बनकर तैयार है, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण अभी तक इसका हैंडओवर नहीं किया गया है। वर्तमान में विद्यालय के 91छात्र-छात्राएं प्राथमिक विद्यालय बैंती प्रथम की बिल्डिंग में मात्र दो कमरों में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। स्कूल में प्रधानाध्यापक दिनेश सिंह के साथ ही सहायक अध्यापिका शिखा गुप्ता,संध्या पाण्डेय,शिक्षामित्र गायत्री मिश्रा,शालिनी श्रीवास्तव कार्यरत हैं, जो कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को मात्र 2 कमरों में बैठाकर पढ़ाने को मजबूर हैं।
बैंती द्वितीय की मूल बिल्डिंग के ध्वस्तीकरण के बाद से मात्र 2 कमरों में 23 जुलाई 2020 से 5 कक्षाएं संचालित की जा रही हैं, शिक्षक कैसे पढ़ाते होंगे और कैसे बच्चे पढ़ते होंगे यह तो शिक्षा विभाग ही बता सकता है। प्राथमिक विद्यालय बैंती प्रथम के 2 कमरों में बैंती द्वितीय की कक्षाएं संचालित होने से पिछले 5 वर्ष से प्राथमिक विद्यालय बैंती प्रथम के बच्चों का भविष्य भी अंधकार में है।
विद्यालय में 102 बच्चे हैं तथा इंचार्ज प्रधानाध्यापक सुनील कुमार,सहायक अध्यापिका अल्का रानी,सरिता अवस्थी को मिलाकर 3 शिक्षक हैं। जो विद्यालय के बरामदे तथा 2 कमरों में कक्षा 1 से 5 तक की कक्षाएं संचालित करने को मजबूर है। यह स्थिति न केवल बच्चों की शिक्षा को प्रभावित कर रही है, बल्कि शिक्षकों के लिए भी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियां पैदा कर रही है। ऐसे में कैसे पढ़़ पायेगा इण्डिया कैसे आगे बढ़़ पायेगा इण्डिया।
15 साल में ही खण्ड़हर में तब्दील हो गये एसीआर कक्ष
भ्रष्टाचार का यह आलम है बैंती द्वितीय में पूर्व में बनाए गए 2 भूकम्परोधी एसीआर कक्ष महज 15 साल में ही जर्जर होकर खण्डहर में तब्दील हो गए हैं। इन कक्षों का निर्माण लगभग वर्ष 2010 और 2012-13 में किया गया था। वर्तमान में इनकी स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि बारिश के मौसम में इनके आस-पास जाने में भी डर लगता है। स्थिति की गम्भीरता को देखते हुए विद्यालय के प्रधानाध्यापक दिनेश सिंह ने खण्ड शिक्षाधिकारी को इन कक्षों के ध्वस्तीकरण के लिए प्रार्थना पत्र सौंपा है। प्रधानाध्यापक का कहना है कि विद्यालय के नए भवन में कक्षाएं शुरू करने से पहले इन जर्जर एसीआर कक्षों को गिराया जाना जरूरी है, ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके।
इस मामले में खण्ड शिक्षाधिकारी अनिल कुमार मिश्रा ने आश्वासन दिया है कि तत्काल कार्रवाई के तौर पर दोनों कक्षों के दरवाजों को ईंटों से बन्द करवा दिया जाएगा, जिससे बच्चे उनके अन्दर न जा सकें। साथ ही ध्वस्तीकरण के लिए आवश्यक कार्रवाई भी जल्द की जाएगी। उन्होने बताया जिले से प्राप्त हैंडओवर की सूची में इस विद्यालय का नाम शामिल नहीं है। इस संबंध में संबंधित अवर अभियंता को पत्र भेज दिया है।
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