कर्ज और भुखमरी से डूबता-उतरता पाकिस्तान।

शहबाज शरीफ की चीनी यात्रा विफल।

कर्ज और भुखमरी से डूबता-उतरता पाकिस्तान।

पिछले 5 सालों से पाकिस्तान की हालत बहुत खस्ता है। पाकिस्तान आवाम भुखमरी और कर्ज की बेतहाशा शिकार हो गई है। पाकिस्तानी नागरिकों को आटा, दाल,चीनी,बिजली और पेट्रोल पहले से लगभग चार गुना महंगी दरों में लेना पड़ रहा है। शरीफ सरकार दोबारा आने के बाद पूरी तरह विफल हो गई, प्रधानमंत्री शरीफ की चीन यात्रा पूरी तरह विफल रही है अब शरीफ सरकार ने भारत और भारत के प्रधानमंत्री का नाम लेने पर देशद्रोह की कार्रवाई का फरमान जारी कर दिया है। कई मीडिया एजेंसियों पर इस संदर्भ में भारत से संबंधित किसी भी जानकारी प्रसारित करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। केवल भारत के विरोध के मुद्दे को छोड़कर चीन ने पाकिस्तान का आर्थिक हालातो को सुधारने में कोई मदद करने का आश्वासन नहीं दिया है।पाकिस्तान अभी भी जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों को आर्थिक मदद कर घटनाओं का अंजाम देने में लगा है। ऐसे में वैश्विक नशे में पाकिस्तान के मानचित्र का विनष्ट होना निश्चित माना जा रहा है।
 
पाकिस्तान पहले से ही परेशान, कर्ज में डूबा हुआ और महंगाई, बेरोजगारी से बुरी तरह त्रस्त रहा हैl शहबाज शरीफ सरकार के पास शासन चलाने के लिए पर्याप्त धनराशि भी नहीं हैl शरीफ के पास सरकार चलाने का पर्याप्त अनुभव भी नहीं हैl 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद पाकिस्तान सरकार में 19 प्रधानमंत्रियों में से एक प्रधानमंत्री भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है ।करेला ऊपर से नीम चढ़ा पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके समर्थकों ने पाकिस्तानी सेना और शाहबाज शरीफ सरकार की नाक में दम कर रखा है। रावलपिंडी में इमरान खान पर गोली दागने से क्रोधित समर्थकों ने कई जगह सेना पर आक्रमण कर मेजर जनरल, गृहमंत्री राणा और प्रधानमंत्री के निवास को घेरकर तोड़फोड़ की थी। 1947 से स्वतंत्रता के बाद यह पहली बार हुआ जब सेना के विरुद्ध पाकिस्तानी आवाम खुलकर विद्रोह करने पर आमादा है। ऐसा लगता है कि वहां सरकार तथा सेना के विरुद्ध आम नागरिकों का विद्रोह हो जाएगा। पहली बार कमर जावेद की सेना आवाम से डरी दिखाई दे रही है, पाकिस्तान विद्रोह की ज्वालामुखी कर बैठा है कभी भी विस्फोटक स्थिति बन सकती है।
 
यह तथ्य सार्वजनिक है कि पाकिस्तान चीन का सबसे बड़ा शागिर्द देश है। अमेरिका ने इसी के फल स्वरुप पाकिस्तान को सबसे संदिग्ध एवं खतरनाक आतंकवादी देश घोषित कर दिया है। इस बात से तिलमिलाकर शहबाज शरीफ चीन की यात्रा पर जाने वाले हैं वहां वह आपसी संबंधों को फिर से सुधारने तथा देश चलाने के लिए आर्थिक मदद की गुहार लगाने जाएंगे। पाकिस्तान की हालत बहुत ज्यादा खराब एवं पतली है। पाकिस्तान में रोजमर्रा के खर्चे के लिए पैसे नहीं है और उस पर इमरान खान के समर्थक लगातार सड़कों पर मार्च कर रहे हैं । उन्होंने रावलपिंडी से लेकर इस्लामाबाद तक आंदोलन कर दिया है। चीन ने पाकिस्तान को पूरी तरह से आर्थिक रूप से गुलाम बनाकर अपना शिकंजा कस लिया है। पाकिस्तान की सरकार चीन के रहमों करम पर पूरी तरह से पलती आ रही है। चीन पाकिस्तान को अरबों डॉलर का कर्जा देकर उसे अपने गुलाम की तरह बना कर रख दिया है। पाकिस्तान की हुकूमत भले ही चाइना की जी हुजूरी करती आ रही है और उसके हां में हां मिलाती हो पर पाकिस्तानी जनता को न तो चीनी भक्ति पसंद है, ना चीन की कोई उपभोक्ता वस्तु ही पसंद है।
 
पाकिस्तान की आवाम देश में चीन की मौजूदगी और उसकी कई परियोजनाओं से बेहद परेशान होकर आंदोलन के जरिए सड़क पर आ गई है।इसका जमकर विरोध किया जा रहा है। चीन द्वारा संचालित बेल्ट एंड रोड परियोजना पाकिस्तान की आवाम को फूटी आंख नहीं भा रही है। हाल ही में चीन ने पाकिस्तान के महत्वपूर्ण इलाके ग्वादर में एक परियोजना चला कर वहां जगह जगह पर चेकिंग चौकियां स्थापित कर दी है, जिससे पाकिस्तान की जनता को अनावश्यक चेकिंग की परेशानी को झेलना पड़ रहा है। पाकिस्तान में ग्वादर के इलाके में जहां पर चौकियां स्थापित की गई हैं पानी, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं की भारी किल्लत हो गई और अवैध मछली पकड़ने से आजीविका पर खतरा आ गया है, जिस कारण आम जनता का जीना मुश्किल हो गया है, इसके विरोध में पाकिस्तान के दक्षिण पश्चिम बलूचिस्तान प्रांत के तटीय शहर ग्वादर में कोर्ट रोड के हवाई चौक पर कुछ राजनीतिक दलों, नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं, मछुआरों और संबंधित नागरिक कार्यकर्ताओं द्वारा विगत 1 सप्ताह से विरोध प्रदर्शन जारी कर दिया गया है। पाकिस्तानी अखबार जंग के अनुसार प्रदर्शन अनावश्यक सुरक्षा चौकियों को हटाने, पीने के पानी और बिजली की उपलब्धता बढ़ाने मकरान तट पर मछली पकड़ने वाली नौकाओं को हटाने और पञ्चगुर से ग्वादर तक ईरान के साथ सीमा को फिर से खोलने की मांग कर रहे हैं।
 
एक समाचार के अनुसार अधिकार रैली के प्रमुख मौलाना हिदायतउर रहमान ने बताया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि यहां के निवासियों के लिए यह अपमानजनक है कि चौकियों पर उन्हें जगह-जगह रोका जाए और उनके पते, ठिकानों के बारे में सख्ती से पूछताछ की जाए,यह चीनी हरकत किसी भी तरह बर्दाश्त नहीं की जाएगी और आंदोलन को अनवरत जारी रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार क्षेत्र में रहने वाले स्थानीय लोगों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रही है वह इसमें टालमटोल कर रही है ऐसी चीजें ना काबिले बर्दाश्त है जिसे किसी भी हद तक सहन नहीं किया जाएगा। क्षेत्र के लोगों ने ग्वादर के लोगों की बुनियादी समस्याओं का हल नहीं निकलने के कारण सरकार की किरकिरी हो रही है। मूलतः चीन की बलूचिस्तान में उपस्थिति पाकिस्तान के आवाम की बड़ी बेइज्जती ही मानी जा रही है। गौरतलब है कि चीन की कई परियोजनाएं पाकिस्तान में वहां की जनता के विरोध के बावजूद चल रही है ।
 
बलूचिस्तान के कई क्षेत्रों में पाकिस्तान की जनता और इमरान सरकार के नुमाइंदों के बीच खुलकर विरोधाभास दिखाई देने लगा है। पाकिस्तान सरकार के हाथ चीन के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से हाथ बंधे हुए हैं चीन का पाकिस्तान पर इतना ज्यादा कर्जा है कि पाकिस्तान एक तरह से चीन का आर्थिक गुलाम हो चुका है और वह कहीं से भी चीन का विरोध करने की स्थिति में नहीं है ऐसे में आम जनता शरीफ सरकार को बर्खास्त करने के लिए सड़क में उतरने की योजना बना रही है। यह तो विदित है पाकिस्तान में शरीफ सरकार के खिलाफ वहां का पूरा मीडिया विपक्षी दल एकजुट होकर शरीफ सरकार को अपदस्थ कर चुनाव कराने या नए प्रधानमंत्री की तलाश कर रहा है,यह पूरी संभावना बन रही है कि आने वाले समय में सरकार को अपदस्थ कर चुनाव की घोषणा की जाएगी। कुल मिलाकर सरकार के खिलाफ आवाम, मीडिया, विपक्षी दलों की विरोधी कार्रवाइयों के चलते पाकिस्तान की स्थिति बहुत ज्यादा नाजुक एवं खराब है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान अलग-थलग पड़ गया है, केवल चीन ही उसके साथ है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तानी सरकार का चलना नामुमकिन दिखाई दे रहा है।
 
संजीव ठाकुर, चिंतक, लेखक, 

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