न्यायालय से मुकदमा देखकर आ रहे युवक पर हुआ प्राणघातक हमला , जिला अस्पताल में जीवन व मृत्यु के बीच कर रहा संघर्ष
घायल युवक सहित अन्य निर्दोषों पर गोला थाने में दो घण्टे बाद हो गया एस सी एस टी का मुकदमा दर्ज, प्राणघातक हमला करने वालो पर मेहरबान बनी गोला पुलिस
ब्यूरो/शत्रुघ्न त्रिपाठी-रिपोर्ट/बृजनाथ त्रिपाठी
गोरखपुर । सूबे के मुखिया के जनपद में गोला थाने पर गजब का का खेल चल रहा है।पहले तो पीड़ा देने वालो का मुकदमा दर्ज होता है।पीड़ित पक्ष दूर रह जाते है।अगर पीड़ित का मुकदमा दर्ज हो गया तो पीड़ा देने वालो का भी मुकदमा दर्ज होना तय माना जाता है ।और अगर अनुसूचित जाति से है तो उनके द्वारा घटना कारित करने के बाद भी उनका मुकदमा पहले दर्ज होगा।और मार खाने वाला ब्यक्ति दूर रहेगा। पीड़ा देने वाला खुले सड़क पर सीना तान कर घूमेगा और पीड़ित पक्ष न्याय के लिए थांने से अधिकारियों के यहा चक्कर लगाने को मजबूर बनेगा।अब यक्ष प्रश्न खड़ा है कि सुशासन वाले इस सूबे में पीड़ित को न्याय मिलेगा कैसे।
प्राप्त बिबरण के अनुसार गोला थाना क्षेत्र के बारा नगर निवासी विशाल 8 मई को जिला मुख्यालय पर अपना मुकदमा देखने गया था। मुकदमा देखकर घर आ रहा था।रात साढ़े आठ बजे के लगभग अपनी चाय की दुकान पर पहुचा।कि गांव के ही हरिजन बस्ती के शंकर जयहिंद विजय बबिदेवल और बबलू पांच लोग लाठी डंडा लोहे का सब्बल लेकर आये और विशाल को बाहर बुलाकर गाली गुप्ता देते हुए जान मारने की नीयत से हमला कर दिए ।सब्बल से विशाल के सर के पिछले भाग पर मार दिए जिससे वह लुहलुहान होकर अचेत होकर जमीन पर गिर पड़ा।और लाठी डंडों से बुरी तरह पीट दिया।अगल बगल के लोगो ने बीच बचाव किया ,जाते समय जान मारने की धमकी देते हुए गया।विशाल को तत्काल वाहन में लादकर परिजन गोला थाने पर पहुचे।कोतवाल ने स्थिति को देखा और पुलिस के साथ सी एच सी गोला पर इलाज के लिए भेज दिया।
वहां डॉक्टर ने स्थित नाजुक देख प्राथमिक उपचार देकर पुलिस के साथ ही जिला अस्पताल पर भेज दिया। विशाल का इलाज 8 मई से जिला अस्पताल में चल रहा है।घायल विशाल के बड़े पिता लाल साहब सिंह ने थाने पर लिखित तहरीर दिया ।गोला पुलिस ने पांच लोगों के विरुद्ध मुकदमा अपराध संख्या 249/24 धारा 147 308 323 504 506 आई पी सी में दर्ज कर लिया।दूसरे दिन मारने वाले लोग भी थाने पर पहुचे उन लोगो ने लिखित तहरीर दिया ।
जिसमें जिला अस्पताल में जीवन व मृत्यु के बीच संघर्ष के रहे विशाल सहित मुकदमा बादी लाल सिंह सूरज अंश व आशीष को मुलजिम मुकदमा अपराध संख्या 250/24धारा 147 323 504 506व एस सी एस टी का बना दिया गया। और इस तहरीर में घटना का समय 8 बजे दिखाया गया। अब प्रश्न उठता है कि अगर 8 बजे घटना घटी तो क्या इन लोगो द्वारा गोला पुलिस को सूचना दिया गया।
अगर कोई सूचना नही दिया गया तो गोला पुलिस उनके आवेदन का बिना जांच किये घायल विशाल का मुकदमा दर्ज होने के बाद कैसे दर्ज कर लिया। जबकि वहाँ पर सी सी टी वी कैमरा भी मौजुद है। खैर यह पुलिस का खेला पहला नही है।वही बीते बर्ष भी घटना हुआ था जिसमे गांव के ही दिनेश सिंह को बुरी तरह लोग पीटे थे। और उनकी तहरीर पर मुकदमा न दर्ज करते हुए निर्दोष लोगोंपर पीटने वालो के तरफ से एस सी एस टी एक्ट के मुकदमा दर्ज कर घायल दिनेश को जेल भेज दिया गया। और कई निर्दोष लोगों को विवेचक द्वारा मुलजिम करार कर दिया गया।
इतना ही नही उस मुकदमा 575/23 में मुकदमा वादिनी द्वारा एक शपथ भी विवेचक को व कप्तान को दिया गया था कि उपरोक्त मुकदमे में इंद्रजीत सिंह पुत्र ओमप्रकाश सिंह का नाम गलत पड़ गया है।घटना में यह नही थे।इनका नाम बिबेचनाद्वारा हटा दिया जाय। लेकिन विवेचक द्वारा शपथ पत्र को अनदेखी करते हुए चार्जशीट प्रेषित कर दिया गया। इस तरह के पुलिसिया कारनामे से क्षेत्र के लोग पूरी तरह असंतुष्ट है साथ ही लोगो मे भारी आक्रोश ब्याप्त है।
जब इस प्रकरण पर कोतवाल गोला से वार्ता किया गया तो उन्होंने बताया कि विशाल के तरफ से मुकदमा दर्ज हो गया है ।सात बर्ष या उससे कम की सजा वाले धारा में गिरफ्तारी नही है ।जिले के मेंडिकल का इंतजार है ।उस मेडिकल के हिसाब से कार्यवाही की जाएगी ।जब यह पूछा गया कि मारने वाले पक्ष का भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया तो उन्होंने कहा कि ऊपर के अधिकारियों का दबाव आ गया। बहरहाल कुछ भी हो लेकिन गोला पुलिस अपनी पुलिसिया कार्यवाही को लेकर क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।
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