सुप्रीम कोर्ट से आप सांसद संजय सिंह को मिली जमानत।
छ महीने बाद भी इ डी ने कोई सबूत पेश नही कर सकी।
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स्वतंत्र प्रभात। ब्यूरो।
आप सांसद संजय सिंह को आख़िरकार जमानत मिल गई है। वह शराब नीति मामले में 6 महीने से जेल में बंद थे। यह संजय सिंह के लिए तो बड़ी राहत है ही, आम आदमी पार्टी के लिए भी बड़ी राहत है। यह इसलिए कि लोकसभा चुनाव से ऐन पहले आप प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी के बाद आप की ताक़त को लेकर सवाल किए जाने लगे थे।
आज ही आप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया है कि इसके चार अहम नेताओं- आतिशी, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक और राघव चड्ढा को जेल भेजने की तैयारी है।जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संजय सिंह इस केस के बारे में मीडिया में बयान न दें।
दिल्ली शराब घोटाले मामले में आरोपी संजय सिंह की जमानत और गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस दौरान शीर्ष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से पूछा कि क्या सिंह को और कुछ समय के लिए हिरासत में रखने की जरूरत है? इसके बाद संजय सिंह को जमानत दे दी गई।
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कहा था कि अगर दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में आप नेता संजय सिंह की हिरासत की जरूरत है तो लंच ब्रेक के बाद इससे उसे अवगत कराया जाए। इसके अलावा शीर्ष अदालत ने कहा खा कि आप नेता संजय सिंह छह महीने जेल में बिता चुके हैं और उनके खिलाफ दो करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। इन आरोपों की जांच ट्रायल के दौरान की जा सकती है।
पिछली सुनवाई में संजय सिंह के लिए पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुख्य गवाह दिनेश अरोड़ा ने पहले अपने नौ बयानों में संजय सिंह का नाम नहीं लिया था। सिंघवी ने कोर्ट में कहा था कि अप्रूवर की गवाही तब तक विश्वसनीय नहीं होती, जब तक उसकी पुष्टि न हो जाए।
दरअसल19 जुलाई 2023 को अप्रूवर बने दिनेश अरोड़ा के बयान में पहली बार संजय सिंह का नाम आया। यहां तक कि 164 के बयान में भी नाम नहीं लिया था। संजय सिंह ने ईडी के खिलाफ (मानहानि) शिकायत की और फिर ईडी ने बिना किसी समन के उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हाईकोर्ट ने सात फरवरी को सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन निचली अदालत को सुनवाई शुरू होने पर इसमें तेजी लाने का निर्देश दिया था। सिंह दिल्ली से राज्यसभा के लिए फिर से चुने गए हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने सिंह को मामले में चार अक्तूबर, 2023 को गिरफ्तार किया था। संजय सिंह के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उनके खिलाफ कोई बयान नहीं था. कभी चार्जशीट में बतौर आरोपी नाम नहीं लिया गया. सिर्फ 2 मौकों पर कहा गया कि एक करोड़ रुपये लिए गए. सब आरोप पूरी तरह से फेक हैं।
इस मामले की सुनवाई के दौरान ईडी ने जमानत याचिका का विरोध नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत की शर्ते निचली अदालत तय करेगी। आप नेता ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देते हुए फरवरी में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसने दिल्ली शराब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने 7 फरवरी को सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जो दिल्ली से राज्यसभा के लिए फिर से चुने गए हैं, लेकिन निचली अदालत को सुनवाई शुरू होने पर तेजी लाने का निर्देश दिया था।
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