साइबर फ्रॉड बनाए गए 250 भारतीय कंबोडिया अपने देश लौटे
ED अफसर बनकर फोन करते थे, भारत में इनसे कराई गई थी 500 करोड़ की ठगी
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विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारतीयों को जबरदस्ती कंबोडिया में रखा गया है। इन लोगों को भारत के ही नागरिकों के साथ साइबर फ्रॉड करने के लिए मजबूर किया जाता था। सरकार का अनुमान है कि धोखेबाजों ने पिछले छह महीनों में भारत में लोगों से कथित तौर पर 500 करोड़ रुपए की ठगी की है।
महिलाओं की फेक फेसबुक प्रोफाइल बनाकर भारतीयों से ठगी करा रहे थे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंबोडिया में साइबर ठग बनाए गए भारतीय ED और दूसरे कस्टम अधिकारी बनकर भारत में फोन करते थे। ये लोगों को कहते थे कि उनके भेजे गए पार्सल में संदिग्ध सामान मिला है। अगर वो पुलिस कार्रवाई से बचना चाहते हैं तो पैसे भेज दें। विदेश मंत्रालय के मुताबिक इस तरह ठगी कराकर कंबोडिया में भारतीयों से साइबर गुलामी कराई जा रही है।

Read More Highway Milestone: सड़क किनारे क्यों लगे होते हैं अलग-अलग रंग के माइलस्टोन? जानें क्या है इनका मतलबऑफिस जॉइन करने के बाद उन्हें पता चला कि उनका काम फेसबुक पर उन लोगों के बारे में पता करना है जिनके साथ आसानी से ठगी हो सके। लोगों को फंसाने के लिए उनसे महिलाओं के नाम पर फेसबुक आईडी बनवाई जाती थी। उनसे ये सारा काम चीन की एक टीम कराती थी। एक मलेशिया का व्यक्ति उनके निर्देशों को इंग्लिश में ट्रांसलेट करता था।
कंबोडिया से रेस्क्यू किए गए एक शख्स ने अपनी पूरी कहानी अंग्रेजी मीडिया हाउस ' द इंडियन एक्सप्रेस' को बताई। उसने बताया कि मंगलुरु के एक एजेंट ने उसे कंबोडिया में डेटा एंट्री की नौकरी ऑफर की। उसके बाद दो और लोगों को कंबोडिया ले जाया गया।
उसने बताया कि उन्हें टूरिस्ट वीजा पर ले जाया गया। कंबोडिया पहुंचने पर उन्हें एक ऑफिस में ले जाया गया। यहां उनकी टाइप करने की स्पीड का टेस्ट हुआ और इंटरव्यू लिया गया। हालांकि, इस वक्त तक भी उन्हें नहीं मालूम था कि उनसे क्या कराया जाएगा।
वापस आए भारतीय FIR दर्ज नहीं करवा रहे
कंबोडिया में भारतीय दूतावास के सेक्रेटरी अवारन अब्राहम ने कहा कि उन्हें कंबोडिया के अलग-अलग हिस्सों से हर रोज भारतीयों की तरफ से की गई चार से पांच शिकायतें मिलती हैं। ये वापस भारत भेजे जाने और जबरदस्ती फ्रॉड से जुड़ी गतिविधियां करवाए जाने की शिकायत करते हैं। जैसे ही शिकायत मिलती है पुलिस को सूचित किया जाता है।
अब्राहम ने कहा, "हालांकि, इस पूरे मामले में एक परेशानी है। जब फंसे हुए भारतीयों को बचाकर भारत वापस लाया जाता है, तो वे FIR दर्ज नहीं कराते। जब FIR नहीं होगी, तब तक पुलिस उस गैंग को पकड़ने में कामयाब नहीं होगी जो नौकरी के झूठे वादे भारतीयों को कंबोडिया भेज रहे हैं।"
कंबोडिया सरकार मदद कर रही
जैसवाल ने कहा कि कंबोडिया में भारतीय दूतावास सक्रिय रूप से भारतीयों की मदद कर रहा है। कंबोडियन अधिकारियों के साथ मिलकर दूतावास ने 250 भारतीय नागरिकों को बचाया और वापस भारत भेजा। विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों को ऐसी धोखाधड़ी वाली योजनाओं से बचने के लिए चेतावनी जारी की है।
जैसवाल ने कहा, "हम कंबोडिया में उन सभी भारतीयों की मदद करने के लिए तैयार हैं जो हमारा साथ चाहते हैं। हम इन फर्जी योजनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने के लिए कंबोडिया के अधिकारियों और भारत में सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।"

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