संदेशखाली का दरिन्दा शाहजहां शेख
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स्वतंत्र प्रभात
(नीरज शर्मा'भरथल')
तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता शाहजहां शेख की मुश्किलें और बढ़ती नजर जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में संदेशखाली और उसके आसपास जमीनों को कब्जाने को लेकर 4 ठिकानों पर छापेमारी की है। ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। इस मामले की जांच में जुटी ईडी लगातार छापेमारी कर रही है। दूसरी ओर सीबीआई 5 जनवरी को संदेशखाली जांच के लिए गई ईडी टीम पर हुए हमले से जुड़े कई सबूत सीबीआई के हाथ लगे हैं। सीबीआई ने शाहजहां शेख के दो मोबाइल फोन की कॉल लॉग डिटेल्स स्कैन की है।
अधिकारियों के पास मौजूद डॉक्यूमेंट्स के अनुसार शाहजहां ने 5 जनवरी को ईडी टीम पर हमले से पहले 30 मिनट के अंतराल में दो मोबाइल फोन से 28 फोन कॉल की थी। दरअसल बंगाल राशन घोटाला मामले में ईडी की टीम छापेमारी के लिए संदेशखाली पहुंची थी, तभी शाहजहां के समर्थकों ने टीम पर हमला कर दिया। इस दौरान उनकी गाड़ियों तोड़फोड़ दी गई थी। ईडी की टीम बडी मुश्किल से वहां से जान बचा के निकली थी। जांच टीम पर हमले के लिए लगभग 3000 लोगों की भीड़ पहुंची थी। ईडी की बडी मुश्किल से वहां से जान बचा के निकली थी। हमले में कई ईडी अधिकारियों को गंभीर चोटें भी लगी थी।
पिछले दिनों सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक ग्राम प्रधान और दो अन्य व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया था। ताजा छापेमारी के दौरान ईडी ने अलग अलग जगहों से कई गाड़ियां भी बरामद की हैं। इनमें थार, जीप और स्कॉर्पियों के अलावा दूसरे कई और वाहन भी बरामद किए हैं। शहाजहां शेख पर संदेशखाली की महिलाओ ने यौन शोषण, बलात्कार, जान से मारने की धमकी देने के गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला आयोग के अनुसार संदेशखाली में महिलाएं इस कदर डरी हुई हैं कि वो शाम के बाद घरों से नहीं निकलती हैं।
आरोप लगाए गए हैं कि शाहजहां शेख के लोग महिलाओं को पार्टी की मीटिंग के नाम पर रात को 12 बजे ऑफिस में बुलाते थे और वहां उनके साथ दुष्कर्म किया जाता था। कुछ दिन पहले संदेशखाली की कई महिलाओं ने कैमरे के सामने आकर भी अपनी आप बीती सुनाई थी। उन्होंने टीएमसी नेता और उसके सहयोगियों पर यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म के कई गंभीर आरोप लगाए थे। न्याय की मांग करने वाली महिलाएं लगातार विरोध प्रदर्शन कर धरना दे रही हैं। इस घटना पर राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से भी कड़ा संज्ञान लिया गया है।
महिला आयोग की टीम जब संदेशखाली पहुंची तो महिलाएं अपनी व्यथा सुनाकर रोने लग गई। पीड़ित महिलाओं से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी संदेशखाली में मुलाकात की है। आयोग को शाहजहां और उसके सहयोगियों द्वारा आदिवासी महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने की 50 से अधिक शिकायतें मिली हैं। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित संदेशखालि में स्थानीय महिलाओं ने शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर जबरन जमीन हड़पने तथा वर्षों तक उनका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।
कहते शेख खुद को खुलेआम बंग्लादेशी कहता था। उसकी वहशत का अंदाज पूरा फिल्मी था। वो संदेशखाली में किसी भी महिला को चुन लेता और उसके परिवार वालों को रात में उसके पास भेजने को कहता और साथ ही यह धमकी भी देता की ना भेजने पर घर के सभी सदस्यों को मार दिया जाएगा। शाहजहां शेख और उसके गुंडों की दहशत 90 के दशक की फिल्मों में दिखाए जाने वाले विलन के आतंक की याद ताजा करवाती है। 42 साल का शाहजहां शेख राज्य में टीएमसी की सरकार आने से पहले तक सीपीएम के साथ था।
शाहजहां शेख ने इलाके में अपना वर्चस्व स्थापित करने में राजनीतिक रसूख की मदद ली। वह शुरुआत में मछली पालन करने वाला श्रमिक था। उसने कुछ समय तक जीविका चलाने के लिए ईंट भट्टे में भी काम किया। अपने परिवार में चार भाई-बहनों में सबसे बड़े शाहजहां शेख ने मजदूरी करते हुए एक यूनियन नेता के तौर पर राजनीति में कदम रखा। 2004 में वह सीपीआई (एम) से जुड़ा। इसमें उसकी मदद उसके मामा मोस्लेम शेख ने की। जो उस वक्त पर सीपीएम के नेता और पंचायत प्रमुख था। 2010 में जब राज्य की राजनीति की हवा बदली ताे शाहजहां शेख ने इसे भांप लिया और वो टीएमसी नेताओं से नजदीकी बढ़ाकर पार्टी में आ गया।
शाहजहां शेख ने शुरुआत में टीएमसी राष्ट्रीय महासचिव मुकुल रॉय और उत्तर 24 परगना टीएमसी जिला अध्यक्ष ज्योतिप्रियो मलिक टीएमसी के नेतृत्व में काम किया। जब ज्योतिप्रियो मलिक को मंत्री बनाया गया तो शाहजहां शेख की ताकत और बढ़ गई। शेख को ईडी पर हमले के 55 दिनों की फरारी के बाद गिरफ्तार किया गया था। शाहजहां शेख अब सीबीआई की कस्टडी में है। शाहजहां पर 43 केस दर्ज हैं। पुलिस ने शाहजहां पर जिन धाराओं में एफआईआर दर्ज की है, वे बेहद गंभीर हैं और उनमें आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।
शाहजहां शेख पर तीन बीजेपी समर्थकों की हत्या और बिजली विभाग के कर्मचारियों से की मारपीट के आपराधिक मामले भी दर्ज हैं। शाहजहां पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 341, 186, 353, 323, 427, 379, 504, 307, 333, 325, 326, 395, 397, 34 के तहत केस चल रहे हैं।
शहाजहां शेख को इलाके के लोग डर से भाई कहते थे परन्तु जैसे ही कानून का डंडा चला वही लोग अब उसे संदेशखाली का दरिन्दा कहने लगी है। टीएमसी ने शेख को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया है। यह पूरा मामला में राजनीतिक संरक्षण और गुंडागर्दी के गठजोड स्पष्ट उदाहरण है। हमारी सब लोगों से अपील है कि अपनी वोट की ताकत को पहचाने और बिना किसी डर के साफ सुधरी छवि वाले लोगों को ही अपना वोट डाले। आप का एक गलत वोट संदेशखाली के दरिन्दे जैसे कई दरिन्दों को ताकत प्रदान करता है।
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