अफसर करे न चाकरी, नौकर करे न वर्क,,,,,,,,,सबके दाता क्लर्क

हाल ए बेसिक शिक्षा विभाग भ्रष्टाचार को पोषित कर रहे बी एस ए खीरी

अफसर करे न चाकरी, नौकर करे न वर्क,,,,,,,,,सबके दाता क्लर्क

कई कई शिकायतों के बाद शिक्षकों के अंक पत्रों की जांच नहीं करा रहे साहब शिकायतों को गायब कर रहे कंप्यूटर ऑपरेटर

स्वतंत्र प्रभात
लखीमपुर खीरी मामला जनपद खीरी में फर्जी अंक पत्रों पर नौकरी कर रहे शिक्षकों से जुड़ा है बेसिक शिक्षा विभाग में कार्य संलग्न फर्जी शिक्षकों के अंक पत्रों की जांच कराए जाने के लिए दर्जनों शिकायतें की गई पर आज तक इन फर्जी अंकपत्रों पर नौकरी कर रहे शिक्षकों के अंक पत्रों की जांच कराया जाना उचित नहीं समझ गया। यह सब विभागीय जिम्मेदारों और बाबुओं सहित फर्जी शिक्षकों के बीच चल रही सेटिंग गेटिंग के चलते उनके अंक पत्रों की जांच करवाया जाना और कार्यवाही करने की बजाय शिकायती प्रार्थना पत्रों को ही  गायब कर दिए जाने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है।
 
यह हाल है बेसिक शिक्षा विभाग का। बताते चलें की बेसिक शिक्षा अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय फूलबेहड़ व विभागीय लेखा विभाग में बैठे ईमानदार व कर्मठ बाबू की कृपा के चलते एक अवकाश प्राप्त शिक्षक नेता प्रभुनाथ प्रजापति जो फर्जी अंक पत्रों पर नौकरी करते हुए रिटायरमेंट ले चुके हैं ।और अब धड़ले से पेंशन लेकर सरकारी खजाने को चूना लगा रहे हैं ।इनके विरुद्ध कई शिकायतें की गई लेकिन आज तक इनके अंक पत्रों की जांच नहीं कराई गई और ना ही उनकी पेंशन ही रोकी गई है।
 
यह तो भ्रष्टाचार को पोषित करने की महज़ बानगी भर है। गौर तलब हो कि इन फर्जी शिक्षकों की जानकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण तिवारी और खंड शिक्षा अधिकारी फुलबेहड, खंड शिक्षा अधिकारी बांकेगंज को भी है पर पैसा पहाड़ चढ़ाताहै की कहावत चरितार्थ होती दिखाई पड़ रही है ।खंड शिक्षा अधिकारी फुलबेहड में तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर साहब तो फर्जी शिक्षकों के इतने वफादार हैं कि उनके खिलाफ जाने वाले शिकायती प्रार्थना पत्रों को ही दबा देते हैं।और सबके दाता क्लर्क की पंक्ति को चरितार्थ कर देते हैं।
 
बी एस ए खीरी प्रवीण कुमार तिवारी व खंड शिक्षा अधिकारी फुलबेहड एवं बांकेगंज के संरक्षण में कई  शिक्षक फर्जी अंक पत्रों पर नौकरी करते देखे जा सकते हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व माध्यमिक विद्यालय संविलियन सिसौरा के शिक्षक श्याम जी जहां फर्जी अंक पत्रों के दम पर शिक्षक जैसे गरिमामय पद की शोभा बढ़ा रहे हैं। वहीं पूर्व माध्यमिक विद्यालय खानपुर में तैनात शिक्षक प्रभु नारायण यादव भी इस रेस में सबसे आगे दौड़ लगाते देखे जा सकते हैं। जबकि जन सूचना के तहत उपलब्ध कराए गए इनके अंक पत्रों में इनका हाई स्कूल का अंक पत्र बंगाली भाषा में है।
 
नके अंक पत्रों के फर्जी होने के आरोपों का सिलसिला थमता  नजर नहीं आ रहा है।फर्जी अंक पत्रों पर नौकरी करने वाले शिक्षकों की फेहरिस्त में विकासखंड बांकेगंज के अंतर्गत उच्च प्राथमिक विद्यालय भटपूरवा कॉलोनी में तैनात शिक्षक विनोद कुमार के भी अंक पत्र फर्जी बताए जाते हैं ।इसके बावजूद यह उक्त सभी शिक्षकों पर कार्यवाही की बजाय इनका धड़ल्ले से वेतन निकाला जा रहा है। उक्त फर्जी शिक्षकों पर आज तक कार्रवाई न होने का कारण जानने का प्रयास किए जाने पर विभागीय गुप्त सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार खंड शिक्षा अधिकारी फूल बेहड एवं बांकेगंज प्रतिमाह तय  सुधा सुविधा शुल्क मिलने के चलते जो साहब को भी ऊपर तक पहुंचाई जाती है।
 
शायद इस कारण मामला शांत कर दिया जाता है और कार्यवाही नहीं होती है। इतना ही नहीं खंड शिक्षा अधिकारी फुलबेहड के कार्यालय में तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा शिकायतों को गायब कर दिए जाने की भी बात सामने आई है । आखिर किन कारणों से शिकायतों को गायब कर दिया जाता है। कहीं इसके एवज में कोई विशेष वजह तो नहीं है या फिर लक्ष्मी जी का चढ़ावा तो नहीं है।
 
यदि कराई जाए अंक पत्रों की जांच तो होगा फर्जी वाला और भ्रष्टाचार का खुलासा
 
यदि उपरोक्त तैनात शिक्षकों के अंक पत्रों की कराई जाए जांच तो एक बड़े फर्जीवाडे और भ्रष्टाचार का खुलासा होना तय होगा ।एक शिक्षक के अंक पत्र सत्यापन में फर्जी पाए जाने के बाद भी आज तक उसके विरुद्ध कार्यवाही न किया जाना खंड शिक्षा अधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा भ्रष्टाचार को पोषित करने के आरोपों की पुष्टि करने को काफी बल मिलता है। प्रभु नारायण यादव का हाई स्कूल अंक पत्र बंगाली भाषा में है जो संदेह पैदा करने को काफी है।
 
यदि विनोद कुमार ,श्याम जी ,प्रभु नाथ प्रजापति,  प्रभु नारायण यादव के अंक पत्रों की कराई जाए निष्पक्ष जांच तो एक बड़े भ्रष्टाचार और फर्जीवाडा का होगा पर्दाफाश ।और बेसिक शिक्षा विभाग में बीएसए कार्यालय में तैनात कई ईमानदार बाबू समेत खंड शिक्षा अधिकारी सहित बेसिक शिक्षा अधिकारी व कई अन्य चेहरे होंगे बेनकाब और प्रदेश के यशस्वी एवं उपयोगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्टाचार के समूल सफाए को लागू की गई जीरो ट्रारलेस नीति के आसार का भी होगा खुलासा ।देखना अब यह है कि उक्त शिक्षकों के अंक पत्रों की जांच कराकर दोषी पाए जाने वाले शिक्षकों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी या फिर पूर्व की भांति सबके दाता क्लर्क वाली कहानी होती रहेगी चरितार्थ।
 

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