एक ही पण्डाल में फेरे हुए और निकाह पढ़ाए,300 जोड़ों ने दांपत्य जीवन में किया प्रवेश
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में 300 जोड़े दांपत्य सूत्र में बंधे
51 हजार रूपये का लाभ देकर जनप्रतिनिधयों एवं अफसरों ने दिया शुभाशीष
स्वतंत्र प्रभात
अलीगढ़,। रविवार को होटल कलश का भव्य पण्डाल हिन्दू-मुसिलम सद्भाव का साक्षी बना, जहां मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 300 जोड़ों ने दांपत्य सूत्र में बंधकर नए जीवन की शुरूआत की। भव्य पण्डाल में मंत्रोचार के साथ फेरे हुए और दूसरी तरफ निकाह पढाए गये। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने नव-दंपतियों को आशीर्वाद प्रदान किया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में कन्यादान को महादान माना गया है। इस महत्वपूर्ण पुण्य कार्य को कर सरकार द्वारा सामाजिक दायित्व का बड़े अच्छे से निर्वहन किया जा रहा है। समारोह में 25 मुस्लिम एवं 275 हिन्दू जोड़ों का उनके धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार शादी कराई गयी।
सांसद सतीश गौतम ने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आज प्रत्येक पात्र व्यक्ति को सीधे मिल रहा है। अध्यक्ष जिला पंचायत विजय सिंह ने कहा कि जरूरतमंद व्यक्तियों के कल्याण के लिए यूपी सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं जिनमें मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह महत्वपूर्ण है। सीडीओ आकांक्षा राना ने बताया कि ऐसे गरीब व्यक्ति जो अपनी पुत्रियों का विवाह कराने में असमर्थ हैं। उनका विवाह करने की जिम्मेदारी शासन द्वारा उठाई जा रही है।
रविवार को सुबह से ही मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत आयोजित शादी समारोह में सामान्य, ओबीसी, एससी और अल्पसंख्यक समाज के वर-वधु पक्ष के लोगों का कार्यक्रम स्थल पहुॅचना शुरू हो गया था। 300 जोड़ों को वैवाहिक बंधन में बंधना था, इसके लिए डीएम-सीडीओ के दिशा निर्देशन में सभी प्रकार से आवश्यक व्यवस्थाएं की गईं थीं। पात्र जोड़ों की शादी कराए जाने के लिए धर्म-गुरूओं को बुलाया गया था।
नव-विवाहित दुल्हन के खाते में भेजे जाएंगे 35000 रूपयेः
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सरकार द्वारा एक जोड़े पर 51 हजार रूपये व्यय किए जाते हैं। डीबीटी के माध्यम से 35 हजार रूपये सीधे कन्या के खाते में भेजे जाते हैं। प्रति जोड़े 6000 रूपये विवाह कार्यक्रम में खर्च किए जाते हैं और 10 हजार रूपये का पायल, बिछिया, बर्तन-कपड़ा एवं अन्य सामान दिया जाता है। सामूहिक विवाह योजना कार्यक्रम में एडीएम सिटी, एडीएम वित्त, डीडीओ, डीपीओ, जिला दिव्यांग सशक्तिकरण अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, एडीडीओएसके, एडी सूचना, नगर निगम से जोनल अधिकारी, समस्त बीडीओ एवं अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारीगण एवं वर-वधुओं के परिजन उपस्थित रहे।
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