अनुसूचित जाति की 65 महिलाओं को फलों एवं सब्जियों के प्रसंस्करण पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण
प्रसंस्करण के माध्यम से अधिक आय अर्जित कर सकेंगी ग्रामीण महिलाएं:- डॉ रमेश नाइक
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फल प्रसंस्करण आधरित उद्यमिता होंगे महिलाओं के आजीविका के साथी :- डॉ रमेश नाइक
स्वतंत्र प्रभात
सीतापुर। फलों एवं सब्जियों के प्रसंस्करण के माध्यम से किसानों / कृषि महिलाओं में उद्यमिता विकास के लिए कृषि विज्ञान केंद्र, कटिया, सीतापुर द्वारा भाकृअनुप- राष्ट्रीय कृषि अनुसन्धान प्रबंध अकादमी (नार्म ) हैदराबाद के सहयोग से तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि उप-निदेशक कृषि, सीतापुर डॉ श्रवण कुमार सिंह ने फलों एवं सब्जियों के प्रसस्करण से जुड़े हुए लघु उद्यम पर वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से कृषक महिलाओं में उद्यमिता को और मजबूत किया जा सकता है जो न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा बल्कि उन्हें नए विपणन मौकों की खोज में मदद करेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ राम नाइक मुडे ने दक्षिण के महिला स्वयं सहायता समूहों के सफलता का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि राज्य अथवा केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के सहयोग से छोटे पैमाने पर फल और सब्जियों के प्रसंस्करण यूनिट्स स्थापित किए जा सकते हैं, जो उत्पादों को साफ, संरक्षित और पैक करने में मदद करेंगे और उत्पादकों को अधिक मूल्य उत्पन्न करने में सहायता प्रदान करेंगे।
कार्यक्रम के तीन दिवस में कृषि विज्ञान के क्षेत्र में विशेषज्ञों ने विभिन्न तकनीकियों और बाजार की नवाचारी विधियों पर प्रशिक्षण दिया जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र प्रतापगढ़ के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ अखिलेश कुमार श्रीवास्तव एवं डॉ स्वाति दूबे, प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय से डॉ एस सुचित्रा देवी, बाँदा कृषि एवं प्राद्यौगिकी विश्वविद्यालय से डॉ सौरभ यादव, केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ से प्रधान वैज्ञानिक डॉ अखत सिंह एवं कृषि विज्ञान केंद्र, कटिया, सीतापुर के वैज्ञानिक डॉ आनंद सिंह, डॉ रीमा, डॉ शिशिर कांत सिंह, श्री सचिन प्रताप तोमर, डॉ योगेंद्र प्रताप सिंह प्रमुख वक्ता रहे।
प्रशिक्षण के समापन दिवस पर कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ दया शंकर श्रीवास्तव ने कहा कि यह प्रशिक्षण उद्यमिता एवं कृषि क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा इसके माध्यम से किसानों और कृषि महिलाओं को उनके उत्पाद को बेहतर रूप में मार्केटिंग और प्रसंस्करण करने के तकनीकी अद्यतन का मौका प्राप्त किया जा सकता है। प्रशिक्षण समन्वयक डॉ रीमा ने कहा कि जनपद में महिला कृषक एवं उद्यमिता विकास के लिए आगे भी ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन नियमित अंतराल पर किया जाता रहेगा ताकि कृषि क्षेत्र में नवाचारिक विचारों का प्रचार-प्रसार हो सके और कृषकों को उनकी सामर्थ्य को बढ़ावा देने का अवसर मिल सके। प्रशिक्षण में कुल ६५ कृषक महिलाओं ने प्रतिभाग किया।
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