सीमा पर अवैध तस्करी को लेकर बड़ा सवाल कस्टम ,पुलिस सभी चौकस फिर भी हो रही तस्करी
स्थानीय पुलिस व कस्टम को पता नही और प्रतिबंधित मुर्गी चूजा पहुचा नेपाल
लगातार होती आवागमन करने वालो की एंट्री के साथ मार्ग पर लगा सीसीटीवी का दावा करती जरवा पुलिस
विशेष संवाददाता मसूद अनवार की रिपोर्ट
बलरामपुर
जहां पर कस्टम और पुलिस विभाग का यह दावे कि चप्पे चप्पे पर हमारी पैनी नजर है और हमारे बिना जानकारी के यहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता के दावे फेल नजर आ रहे है। इसको लेकर जरवा कस्टम और स्थानीय पुलिस की संदिग्ध भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता। वही सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कस्टम विभाग के अधिकारी और स्थानीय पुलिस प्रशासन के द्वारा लगातार जांच और कार्रवाई की बात कही जा रही है लेकिन धरातल पर जो तस्वीर देखी जा रही वह इनके दावे से उलट प्रतीत होता है।
एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है जिसमे तस्करों के द्वारा प्रतिबंधित मुर्गी की चूजा से लदी पिकअप वाहन बालापुर बाजार होते हुए कस्टम कार्यालय जारवा तथा थाना कोतवाली जरवा के सामने से जाकर जंगल के बीच में माल को उतार कर वापस भी आ गई लेकिन कस्टम और पुलिस को नहीं लगी भनक उन्हीं तस्करों को माल के साथ पकड़ने में नेपाल प्रहरी नेपाल कस्टम और नेपाल पुलिस के द्वारा पकड़ने की जानकारी सूत्रों से मिली है । जबकि भारत की सीमा के अंतर्गत आने वाले जरवा कस्टम और स्थानीय पुलिस जरवा को इसकी भनक तक नही लगी । जिससे भारत नेपाल सीमा पर स्थित जरवा कोयलाबास सीमा की सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े हो रहे।वही नेपाल पुलिस प्रहरी और कस्टम ने तस्करी के चूजों की एक खेप पकड़ने का दावा किया है। जिसमे तस्करी कर जंगल के रास्ते मुर्गी के चूजों को नेपाल लाया जाने की जानकारी सूत्र के द्वारा दी जारही है। जिसमे नेपाल पुलिस और कस्टम के द्वारा पकड़ कर विधिक कार्रवाई भी की गई है। लेकिन अगर बात करें जरवा कस्टम के जिम्मेदारों की तो उनके कार्यालय के सामने से अवैध रूप से तस्करी का सामान निकल रही है और इनको पता ही नही।
जबकि सहमती या संलिप्तता के बिना ऐसा संभव नहीं है। बात करें जरवा पुलिस की तो सीमा पर आने जाने वाले वाहनों के लगातार एंट्री होने के बात भी की जा रही है ताकि कोई गलत सामान या वाहन सीमा के तरफ न जा पाये ,और सीसीटीवी भी सीमा सुरक्षा को देखते हुए लगाया गया है इसके बाद भी प्रतिबंधित मुर्गी का चूजा सीमा के उस पार हो जाती है और इनको खबर तक नहीं लगती है । इसके साथ ही एसएसबी चेक पोस्ट पर भी वाहन नही पहुचने का भी खुलासा सूत्र द्वारा किया जा रहा उसके बाद नेपाल में इंट्री हो जाती है। बताया जा रहा कि जंगल के बीच रास्तों से तस्कर अवैध तस्करी का माल इधर-उधर से पार करने में कामयाब हो जाते हैं और किसी को खबर तक नही होती है। ताजा मामला दिनाक 19 .11 .23 दिन रविवार को दिन मे 3 बजे से 4 के बीच का है जिसमें सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जंगल में उतारकर वापस भी आ गए लेकिन स्थानीय पुलिस कस्टम के अधिकारी को खबर नहीं होती है जिससे ऐसा लगता है की सीमा क्षेत्र जरवा कोइलाबास में तस्करों का बोलबाला है । जिसको लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं जिससे जिम्मेदारों के जिम्मेदारी पर प्रश्न चिन्ह लगता दिखाई दे रहा हैं और देश की सुरक्षा पर भी बड़ा सवाल उत्पन्न हो रहा। जबकि सुरक्षा दृष्ट से जरवा कोतवाली की बात की जाए तो पुलिस के द्वारा हर आने जाने वाले कि इंट्री के साथ सीसीटीवी कैमरा भी लगाया गया है इसके साथ ही तमाम सूत्र भी है जिससे इनको सूचना मिलती है। इसके बाद भी तस्कर सीमा पार हो जाते है और किसी को खबर तक नही होती । जिसमें हाथी के दांत वाली कहावत सटीक बैठती है की खाने और दिखाने के अलग दांत होता है । वही इस सम्बंध में जरवा थाना प्रभारी को काल किया जाता है तो जलूस ड्यूटी के कारण फोन नही उठता जिससे उनका पक्ष नही मिला इसके साथ कस्टम अधिकारी का फोन भी नेटवर्क से बाहर मिला इस कारण उनसे भी पक्ष नही मिल सका।
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