स्वतंत्र प्रभात
उन्नाव। हसनगंज तहसील क्षेत्र के दर्जनों गांव में खेतों में किसान धड़ल्ले से पराली जला रहे हैं। किसानों को न तो प्रशासन का डर है और न ही कोर्ट का आदेश मायने रखता है। प्रशासन की ओर से पराली जलाने वालों पर कार्रवाई नहीं हो सकी है।
पराली जलाने के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। चारों ओर धुंध फैलने से लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। तहसील क्षेत्र में धान की फसल काटने के बाद खेतों में धड़ल्ले से पराली जलाई जा रही है। समदपुर भावा,समदपुर हरदास,कोरो
कल्याण, कोइयामदारपुर,धौरा, मटेरिया,मकूर, हरौनी समसुद्दीनपुर, ढकवा जगदीशपुर,सुलतानापुर सहित आसपास के इलाके में प्रशासन से बेखौफ किसान खुलेआम खेतों में पराली जला रहे हैं।
पराली जलाने वाले किसानों पर प्रशासन की ओर से कोई भी कार्रवाई ना होने से किसानों में कोई डर नहीं रहा। कहने के लिए प्रशासन की ओर से दावा किया जा रहा है कि लेखपालों की टीम बनाकर पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई की जा रही है।
लेकिन नतीजा शून्य ही निकल रहा है। शाम होते ही किसान पराली के खेतों में आग लगा देते हैं। तहसील क्षेत्र के हर इलाके में खेतों में धड़ल्ले से पराली जलाई जा रही है। प्रशासन की ओर से गठित लेखपालों की ओर से कोई भी कार्रवाई नही की गई।
जिसके कारण किसानों में इसका कोई डर नही हैं। पराली जलाए जाने के कारण जहां प्रदूषण व धुंध का स्तर बढ़ रहा है। वहीं लोगों को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बताया कि पराली जलाने से बढ़ रहे प्रदूषण से सांस लेने में परेशानी हो रही है। तहसीलदार जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पराली जलाने के लिए रोक है किसान यदि पराली जला रहे हैं तो लेखपालों को भेजकर जांच कराई जाएगी।