गौशाला में भूख से तड़प तड़प कर मर रहे गोवंश ,जिंदा गोवंशों को नोच नोच कर खा रहे कुत्ते

मुख्यमंत्री पोर्टल शिकायत पर  पल्ला झाड़ रहे पशु चिकित्सा अधिकारी

गौशाला में भूख से तड़प तड़प कर मर रहे गोवंश ,जिंदा गोवंशों को नोच नोच कर खा रहे कुत्ते

गांव के अवधेश दिक्षित ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर कई बार गौशाला में हो रही

स्वतंत्र प्रभात

 

शाहजहांपुर/उत्तर प्रदेश में गौ सेवकों की भरमार है सरकार भी गोवंश कि बेहतर सेवा हो इसके लिए जिला स्तर पर ही नहीं गांव गांव गौशाला बनाने की योजना चला रही है कई जगह गांव गांव गौशाला खोल भी दिए गए हैं

 

लेकिन भ्रष्टाचार इस कदर बढ़ गया है कि जिस गाय को हिंदू धर्म के लोग गौ माता मानते हैं उसी गाय के नाम पर आने वाले चारा पानी को हजम कर जाते हैं ऐसे भी लोग हैं जो गौ माता के नाम पर गौशालाओं में दान दे रहे हैं

 

 

लेकिन उस दान को भी गौशाला संचालक गटक रहे हैं और यही कारण है जनपद में तमाम गौशालाओं में गोवंशों का बुरा हाल है और गोवंश भूखों  तड़प तड़प कर मर रहे हैं उनकी देखभाल करने वाला गौशालाओं में कोई नहीं है और घर बैठे

 

गौशाला कारसेवक वेतन पा रहे हैं और ग्राम पंचायत स्तर पर बनाई गई गौशालाओं से ग्राम प्रधान ग्राम विकास अधिकारी मालामाल हो रहे और शिकायत पर पशु चिकित्सा अधिकारी खंड विकास अधिकारी के ऊपर टाल देते हैं

 

 

और खंड विकास अधिकारी पशु चिकित्सा विभाग पर टाल देते हैं और इसी टाला टाली में  कमजोर हो चुके जिंदा गोवंशों को गौशाला के अंदर कुत्ते नोच रहे हैं ऐसा ही एक मामला तिलहर क्षेत्र के धन्युरा गौशाला में सामने आया था

 

और अखबारों टीवी चैनलों की सुर्खियां भी बना लेकिन जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई सुन्न रही अब ऐसा ही एक मामला भावल खेड़ा ब्लाक के गांव बरमोला अर्जुनपुर का सामने आया है जहां 

 

गायों की दुर्दशा पर शिकायत की लेकिन नतीजा शून्य निकला आपको बता दें अवधेश दीक्षित ने शिकायत की थी की गौशाला में जो गोवंश हैं उनमें तमाम गोवंश भूखों मर रहे हैं जिन्हें भूसा तक नसीब नहीं हो रहा है सिर्फ धान की पराली डाल दी जाती है

 

जिसके कारण कमजोर हो चुके गोवंशों को जिंदा ही गौशाला के अंदर कुत्ते नोच नोच कर खा रहे हैं लेकिन इस शिकायत को पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर गुमराह करते हुए निस्तारण कर दिया कहा यह

 

 

मामला पशु चिकित्सा विभाग से संबंधित नहीं है और यह गौशाला खंड विकास अधिकारी की देखरेख में ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा चलाई जा रही है और इसी रिपोर्ट के आधार पर शिकायत का निस्तारण कर दिया गया आखिर जब शिकायत पर भी कार्रवाई नहीं हो रही है तो इन गोबंशो की दुर्दशा का कौन जिम्मेदार है

 

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