
आकाश आनंद बनेंगे मायावती के उत्तराधिकारी !
आकाश आनंद बनेंगे मायावती के उत्तराधिकारी !
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद रविवार को मायावती ने लखनऊ में बसपा की समीक्षा बैठक बुलाई थी। इसमें हार पर चर्चा से ज्यादा मायावती ने अहम फैसले सुना दिए। एक तरफ उन्होंने प्रदेश और जिला अध्यक्षों को छोड़कर सभी कमेटियों को भंग कर दिया तो वहीं राज्य में तीन चीफ कोऑर्डिनेटर्स को नियुक्त किया है। इससे भी अहम फैसला यह है कि मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को बसपा का राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर नियुक्त कर दिया है।
यह बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने से इस बात के भी कयास लगने लगे हैं कि क्या आकाश आनंद ही मायावती के बाद दूसरे नंबर के नेता होंगे। माना जा रहा है कि मायावती अब भतीजे आकाश आनंद को यूपी में सक्रिय कर सकती हैं। कयास थे कि यूपी चुनाव के दौरान ही आकाश को सामने लाया जाना था। इस दौरान उनको पंजाब और उत्तराखंड तक सीमित रखा गया था।
मायावती ने प्रदेश अध्यक्ष तथा जिला अध्यक्ष को छोड़कर उत्तर प्रदेश बसपा की सारी कार्यकारणी को भंग कर दिया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के लिए तीन चीफ कोआर्डिनेटर बनाए हैं। मेरठ के मुनकाद अली, बुलंदशहर के राजकुमार गौतम तथा आजमगढ़ के विजय कुमार को प्रदेश के सभी कोआर्डिनेटर रिपोर्ट करेंगे। यह तीनों सभी कोआर्डिनेटर पर निगाह रखेंगे। इसी के साथ बसपा ने विधायक दल के नेता रहे शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली की घर वापसी भी करा ली है। माना जा रहा है कि गुड्डू जमाली को आजमगढ़ लोकसभा उप चुनाव में बसपा का प्रत्याशी बनाया जाएगा।
सीटों से ज्यादा वोट प्रतिशत बना है चिंता की वजह
बसपा को एक ही सीट मिलना मायावती के लिए चिंता की वजह है। लेकिन इससे भी बड़ी चिंता वोट प्रतिशत में कमी आना है, जो महज 13 फीसदी ही रह गया है। राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने वाली बसपा अब इसे भी खोने की कगार पर है। इसके अलावा मायावती की लीडरशिप, रणनीति और उनके करीबियों पर भी सवाल उठने लगे हैं। इसको देखते हुए दावा किया जा रहा है कि मायावती पार्टी में कई दिग्गजों का कद घटा सकती हैं। इतना ही नहीं लगातार मिलने वाली शिकायतों के आधार पर कई नेताओं को बाहर का रास्ता भी दिखा सकती हैं। मायावती बूथ स्तर के नेताओं से फीडबैक ले रही हैं, जिसमें यह निकल कर सामने आया है कि बड़े नेताओं का उन्हें सहयोग नहीं मिला है।
आकाश आनंद के प्रमोशन को मायावती के उत्तराधिकारी को लेकर पूछे जा रहे सवाल का जवाब भी माना जा सकता है। इससे पहले भी आकाश आनंद बीएसपी की गतिविधियों को देखते रहे हैं। ऐसे में अब उनके प्रमोशन ने साफ कर दिया है कि मायावती उन्हें प्रमोट करना चाहती हैं। रविवार को हुई मीटिंग में सेक्टर प्रभारी, जिलाध्यक्ष, विधानसभा चुनाव के सभी प्रत्याशी, बामसेफ तथा भाईचारा कमेटी के संयोजक भी मौजूद थे। 2007 में 206 सीट के साथ उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने वाली बसपा को 2012 में 80 और 2017 में 19 सीट मिली थीं। इसके बाद पार्टी को 2022 में सिर्फ एक सीट मिली है। 2007 में सपा को 97, भाजपा को 51 तथा कांग्रेस को 22 सीट मिली थीं। बसपा का लगातार घटता ग्राफ पार्टी की मुखिया मायावती के लिए बड़ी चिंता का कारण बन रहा है।
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel
भारत
खबरें
शिक्षा

Comment List